गिरिडीह: कोडरमा के दिवंगत सांसद रीतलाल प्रसाद वर्मा की प्रतिमा लगाने के लिए चल रहे निर्माण कार्य को प्रशासन द्वारा रोक दिया गया है. एसडीओ सदर विशालदीप खलखो ने निर्माण कार्य करा रहे लोगों को मूर्ति अधिष्ठापन के लिए नगर पार्षद से मिली अनुमति पत्र दिखाने के लिए एक दिन का समय दिया है. अगर निर्माण करा रहे लोग अनुमति पत्र नहीं दिखा पायेगें तो जो भी निर्माण कार्य अब तक किया गया है, उसे प्रशासन तोड़ कर हटा देगा.
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दरअसल, जिला परिषद के मुख्य गेट के बगल में डीडीसी के आवासीय परिसर के चाहरदिवारी से सटा कर दिवंगत रीतलाल की मूर्ति अधिष्ठापन को लेकर पक्का निर्माण कार्य चल रहा था. एक फरवरी को प्रतिमा के अनावरण की तिथि निर्धारित है. इस बीच मंगलवार को नगर निगम की उपनगर आयुक्त ने इस कार्य को अवैध बताते हुए इसकी शिकायत एसडीओ से की. इसके बाद प्रशासन हरकत में आ गया. एसडीएम सदर विशलदीप खलखो, डीएसपी मुख्यालय वन संजय कुमार राणा, नगर थाना प्रभारी रामनारायण चौधरी, अंचलाधिकारी सदर रविभूषण समेत अन्य अधिकारी जेसीबी लेकर दल बल के साथ मौके पर पहुंचे और निर्माण कार्य को रोक दिया.
जेसीबी पर चढ़कर बैठ गये जिलाध्यक्ष: निर्माण कार्य को रोकने के बाद एसडीएम ने निर्माण कार्य के लिए लिया गया आदेश मांगा. उन्होंने कहा कि यदि आदेश है तो उसकी प्रति दें. इस दौरान मौके पर निर्माण कार्य कराने वाले लोग आदेश की प्रति नहीं दिखा पाये. उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि जब नगर पर्षद के अध्यक्ष दिनेश यादव थे तो उस वक्त ही बोर्ड ने प्रतिमा लगवाने का प्रस्ताव पारित किया था. जिसके बाद से यह चौक, रीतलाल प्रसाद वर्मा चौक हो गया है. इस पर एसडीएम संतुष्ट नहीं हुए और निर्माण कार्य को रोकते हुए इसे तोड़ने का आदेश दे दिया. जेसीबी से निर्माण स्थल को जैसे ही तोड़ने का प्रयास शुरू हुआ कि हंगामा मच गया. कुशवाहा संघ के जिलाध्यक्ष इंद्रनारायण प्रसाद वर्मा जेसीबी पर ही चढ़ गए और उसे तोड़ने से रोका.
इस शर्त के साथ बंद हुआ तोड़ने का कार्य: काफी देर तक इंद्रनारायण जेसीबी पर अकेले बैठे रहे. बाद में एसडीएम से कुछ भाजपा कार्यकर्ता एवं कुशवाहा समाज के लोगों ने बात की. एसडीएम ने इस शर्त के साथ तोड़ने के कार्य को बंद किया कि वे लोग आदेश दिखायेंगे और नहीं दिखा पायेंगे तो फिर प्रशासन निर्माण कार्य को ध्वस्त कर देगा. आदेश बिना दिखाये वे लोग चोरी छिपे रात में निर्माण कार्य नहीं करेंगे. अगर ऐसा हुआ था इससे जुड़े सभी लोगों के विरूद्ध विधि सम्मत कार्रवाई की जायेगी.
प्रशासन के खिलाफ की नारेबाजी: प्रशासन द्वारा कार्य रोके जाने के बाद कुशवाहा समाज एवं भाजपा से जुड़े कुछ लोग मौके पर पहुंचे और जमकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. भाजपा नेता विनय कुमार सिंह, दिलीप वर्मा, बिनोद वर्मा, बैजनाथ प्रसाद वर्मा, बिरेंद्र वर्मा समेत कई लोग मौके पर जुटे थे. इस दौरान पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद, जो हमसे टकरायेगा चूर-चूर हो जायेगा, जैसे कई नारे लगाये गये.
रीतलाल के नाम हुआ है चौक का नामांकरण: बता दें कि 4 दिसम्बर 2017 को नगर परिषद की बैठक उस वक्त के अध्यक्ष दिनेश प्रसाद यादव की अध्यक्षता में हुई थी. इस बैठक के 25वें प्रस्ताव में पूर्व सांसद रीतलाल प्रसाद वर्मा के नाम पर सड़क/चौक का नाम रखने का प्रस्ताव आया था. इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित करते हुए जिला परिषद चौक का नाम पूर्व सांसद स्वर्गीय रीतलाल प्रसाद चौक किया गया था.
डीडीसी ने सुरक्षा को लेकर उठाया है सवाल: उप विकास आयुक्त सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी जिला परिषद द्वारा इस मामले में सुरक्षा को लेकर सवाल उठाया गया है. डीडीसी ने एसडीएम एवं थाना से निर्माण कार्य पर तत्काल रोक लगाने का अनुरोध किया है. डीडीसी का कहना है कि उनके आवासीय परिसर की सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह उचित नहीं है. जिला परिषद के सामने पक्का निर्माण होने से फेस एरिया प्रभावित होगा. एसडीएम विशालदीप खलखो ने कहा कि निर्माण कार्य सरकारी सड़क पर हो रहा है. यह पूरी तरह से गैर कानूनी है. उप नगर आयुक्त ने इस संबंध में अवगत कराया है. जो लोग सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करेंगे उनके विरूद्ध विधि सम्मत कार्रवाई की जायेगी.