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साइबर अपराध: कुबेर एप की सहायता से वॉलेट को खंगालते थे अपराधी, जाल में फंसाकर अकाउंट को कर देते थे साफ

साइबर अपराधियों के खिलाफ गिरिडीह पुलिस को एक और कामयाबी मिली है. पुलिस ने इस बार तीन ऐसे शातिरों को पकड़ा है जो एप की सहायता से किसी के वॉलेट को खंगाला लेते थे और जाल में फंसाकर खाते से रकम को साफ कर देते थे.

Three cyber criminals arrested
Three cyber criminals arrested
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Published : Sep 22, 2021, 9:14 PM IST

Updated : Sep 22, 2021, 9:22 PM IST

गिरिडीह: गिरिडीह साइबर थाना पुलिस को कामयाबी मिली है. साइबर पुलिस ने तीन शातिरों को पकड़ा है. ये आरोपी किराए पर कमरा लेकर साइबर अपराध को अंजाम दे रहे थे. इस संबंध में साइबर थाना में चार साइबर अपराधियों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है. एक अपराधी फरार है. साइबर डीएसपी ने साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी का खुलासा किया

कैसे हुई गिरफ्तारी
साइबर डीएसपी ने बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि मुफस्सिल थाना क्षेत्र के सिहोडीह स्थित सिकंदर मेहता के दो मंजिला मकान में चल रहे लॉज में कुछ अपराधियों द्वारा साइबर अपराध किया जा रहा है. इसी सूचना पर साइबर थाना प्रभारी सुरेश कुमार मंडल की अगुवाई में लॉज में छापामारी कर तीन साइबर अपराधियों को रंगे हाथ धर दबोचा. वहीं, एक साइबर अपराधी भागने में सफल रहा. पकड़े गये साइबर अपराधियों में अहिल्यापुर थाना क्षेत्र के कोलडीह गांव निवासी पवन कुमार राणा, चिकसोरिया गांव निवासी मनोज मंडल तथा ताराटांड़ थाना क्षेत्र के नवादा गांव निवासी तालेश्वर प्रसाद वर्मा शामिल हैं.

संदीप सुमन, डीएसपी



क्या-क्या हुआ बरामद
साइबर डीएसपी ने बताया कि छापामारी में साइबर अपराधियों के पास से तीन स्मार्ट फोन, तीन की-पैड मोबाइल, एक पल्सर बाइक, एक ब्लैंक चेक, तीन एटीम, एक आधार कार्ड, एक पैन कार्ड और तीन सीम कार्ड बरामद किया गया है. .

ये भी पढ़ें: साइबर अपराधी से सावधान! चंद मिनटों में खाते से उड़ा लेते हैं पैसे, ये तरीके अपनाएंगे तो कभी नहीं बनेंगे शिकार

कैसे करते थे अपराध
साइबर डीएसपी ने बताया कि ये चारों साइबर अपराधी सोशल इंजीनियरिंग का उपयोग कर कुबेर एप में रेंडमली किसी यूपीआई वालेट को खोलते थे. इसके बाद उसमें दस अंकों का कोई भी मोबाइल नंबर डालकर यूपीआई को मैच करते थे. मैच होते ही उसमें ग्राहक का सारा डिटेल आ जाता था. इसके बाद ग्राहक के नंबर पर फोन कर कैश बैक, केवाईसी, अपडेट समेत अन्य लुभावनी बात कर ऑपशंस पर क्लिक करने बोलते थे. इन ऑपशंस पर क्लिक करते ही पवन शर्मा के खाते में कुबेर एप से पैसा ट्रांसफर कर देते थे. इसके बाद आपस में राशि का बंटवारा कर लेते थे.

पूर्व में जेल जा चुका है तालेश्वर
साइबर अपराध को लेकर गिरफ्तार तालेश्वर प्रसाद वर्मा पूर्व में भी साइबर अपराध के मामले में ही जेल जा चुका है. साइबर डीएसपी ने बताया कि तालेश्वर हाल ही में जेल से छुटा है. वह साइबर थाना से वर्ष 2020 में दर्ज साइबर ठगी के एक मामले में जेल गया था.

इंटर तक की है पढ़ाई
साइबर डीएसपी ने बताया कि पकड़े गये तीनों साइबर अपराधी की उम्र लगभग 18 से 29 वर्ष के बीच की है. तीनों साइंस के स्टूडेंट्स रहे हैं. तीनों ने अलग-अलग कालेज व प्लस टू विद्यालय से इंटर तक की पढ़ाई साइंस से की है. हालांकि इसके बाद ये तीनों पढ़ाई छोड़ साइबर अपराध से जुड़ गये. इसके लिए तीनों ने साइबर अपराध का प्रशिक्षण लिया और फिर नई तकनीक का उपयोग कर साइबर अपराध करने लगे.

गिरिडीह: गिरिडीह साइबर थाना पुलिस को कामयाबी मिली है. साइबर पुलिस ने तीन शातिरों को पकड़ा है. ये आरोपी किराए पर कमरा लेकर साइबर अपराध को अंजाम दे रहे थे. इस संबंध में साइबर थाना में चार साइबर अपराधियों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है. एक अपराधी फरार है. साइबर डीएसपी ने साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी का खुलासा किया

कैसे हुई गिरफ्तारी
साइबर डीएसपी ने बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि मुफस्सिल थाना क्षेत्र के सिहोडीह स्थित सिकंदर मेहता के दो मंजिला मकान में चल रहे लॉज में कुछ अपराधियों द्वारा साइबर अपराध किया जा रहा है. इसी सूचना पर साइबर थाना प्रभारी सुरेश कुमार मंडल की अगुवाई में लॉज में छापामारी कर तीन साइबर अपराधियों को रंगे हाथ धर दबोचा. वहीं, एक साइबर अपराधी भागने में सफल रहा. पकड़े गये साइबर अपराधियों में अहिल्यापुर थाना क्षेत्र के कोलडीह गांव निवासी पवन कुमार राणा, चिकसोरिया गांव निवासी मनोज मंडल तथा ताराटांड़ थाना क्षेत्र के नवादा गांव निवासी तालेश्वर प्रसाद वर्मा शामिल हैं.

संदीप सुमन, डीएसपी



क्या-क्या हुआ बरामद
साइबर डीएसपी ने बताया कि छापामारी में साइबर अपराधियों के पास से तीन स्मार्ट फोन, तीन की-पैड मोबाइल, एक पल्सर बाइक, एक ब्लैंक चेक, तीन एटीम, एक आधार कार्ड, एक पैन कार्ड और तीन सीम कार्ड बरामद किया गया है. .

ये भी पढ़ें: साइबर अपराधी से सावधान! चंद मिनटों में खाते से उड़ा लेते हैं पैसे, ये तरीके अपनाएंगे तो कभी नहीं बनेंगे शिकार

कैसे करते थे अपराध
साइबर डीएसपी ने बताया कि ये चारों साइबर अपराधी सोशल इंजीनियरिंग का उपयोग कर कुबेर एप में रेंडमली किसी यूपीआई वालेट को खोलते थे. इसके बाद उसमें दस अंकों का कोई भी मोबाइल नंबर डालकर यूपीआई को मैच करते थे. मैच होते ही उसमें ग्राहक का सारा डिटेल आ जाता था. इसके बाद ग्राहक के नंबर पर फोन कर कैश बैक, केवाईसी, अपडेट समेत अन्य लुभावनी बात कर ऑपशंस पर क्लिक करने बोलते थे. इन ऑपशंस पर क्लिक करते ही पवन शर्मा के खाते में कुबेर एप से पैसा ट्रांसफर कर देते थे. इसके बाद आपस में राशि का बंटवारा कर लेते थे.

पूर्व में जेल जा चुका है तालेश्वर
साइबर अपराध को लेकर गिरफ्तार तालेश्वर प्रसाद वर्मा पूर्व में भी साइबर अपराध के मामले में ही जेल जा चुका है. साइबर डीएसपी ने बताया कि तालेश्वर हाल ही में जेल से छुटा है. वह साइबर थाना से वर्ष 2020 में दर्ज साइबर ठगी के एक मामले में जेल गया था.

इंटर तक की है पढ़ाई
साइबर डीएसपी ने बताया कि पकड़े गये तीनों साइबर अपराधी की उम्र लगभग 18 से 29 वर्ष के बीच की है. तीनों साइंस के स्टूडेंट्स रहे हैं. तीनों ने अलग-अलग कालेज व प्लस टू विद्यालय से इंटर तक की पढ़ाई साइंस से की है. हालांकि इसके बाद ये तीनों पढ़ाई छोड़ साइबर अपराध से जुड़ गये. इसके लिए तीनों ने साइबर अपराध का प्रशिक्षण लिया और फिर नई तकनीक का उपयोग कर साइबर अपराध करने लगे.

Last Updated : Sep 22, 2021, 9:22 PM IST
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