गिरिडीह: लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के साथ-साथ दूसरे प्रदेशों में फंसे लोगों और छात्रों की वापसी लगातार हो रही है.13 मई तक गिरिडीह में सरकारी आंकड़ों के अनुसार 22 हजार मजदूर पहुंच चुके हैं. जबकि गैर सरकारी आंकड़े के अनुसार गिरिडीह लौटे मजदूरों की संख्या 25 हजार से अधिक है. अनुमान लगाया जा रहा है कि एक सप्ताह के अंदर यह आंकड़ा 50 हजार पार कर जाएगा. ऐसे में प्रशासन की चिंता बढ़ गयी है. इस मामले पर जिले के डीसी से ईटीवी भारत ने बात की.
डीसी राहुल कुमार सिन्हा ने बताया कि जो भी मजदूर वापस आ रहे हैं उनकी पूरी तरह से चेकिंग करवाते हुए सरकारी क्वॉरेंटाइन या होम क्वॉरेंटाइन करवाया जा रहा है. जो लोग होम क्वॉरेंटाइन में रह रहे हैं उनसे घोषणापत्र भी भरवाया जा रहा है.
ग्रामीणों को किया जा रहा है जागरूक
डीसी ने बताया कि कोरोना महामारी के स्वरूप और खतरे को देखते हुए ग्रामीणों को भी जागरूक किया जा रहा है. जो लोग होम क्वॉरेंटाइन में वे घर से बाहर नहीं निकले इसे लेकर पंचायत प्रतिनिधियों को भी निर्देशित किया गया है. वहीं बाहर से आनेवाले लोगों को भी खुद ही सूझबूझ से काम लेना है और घर के साथ-साथ ग्रामीणों के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए क्वॉरेंटाइन में रहना है. इस दिशा में ग्राम सभा को भी अपनी भागीदारी निभानी होगी.
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डीसी राहुल ने बताया कि अभी तक धनबाद, बोकारो, कोडरमा, रामगढ़, देवघर में जितनी भी ट्रेन श्रमिकों को लेकर आयी है उन ट्रेनों में ज्यादातर मजदूर गिरिडीह जिले के ही हैं. ऐसे में इन मजदूरों को बस के माध्यम से गिरिडीह लाना पड़ा है. ऐसे में सरकार से आग्रह किया गया है कि ट्रेनों का ठहराव गिरिडीह जिले में अवस्थित रेलवे स्टेशन में ही हो ताकि मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने में किसी तरह की परेशानी नहीं हो.