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शिक्षक दिवसः शिक्षकों के जज्बे को सलाम, उम्र 80 पार, फिर भी पढ़ाने का जोश बरकरार

शिक्षक ही देश का भविष्य संवारते हैं. इसीलिए समाज में उनकी एक अलग जगह होती है. कुछ शिक्षक ऐसे होते हैं, जो ताउम्र अपना कर्तव्य निभाते रहते हैं. वैसे शिक्षकों पर हमें हमेशा गर्व है. ऐसे ही दो शिक्षक हैं बगोदर में जो भले ही उम्र के आखिरी पड़ाव पर हैं, लेकिन पढ़ाने का उनका जज्बा आज भी बरकरार है.

बिष्णु बिंद और कमलदेव सिंह
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Published : Sep 5, 2019, 9:59 AM IST

Updated : Sep 5, 2019, 10:17 AM IST

बगोदर/गिरिडीहः शिक्षा के बगैर जीवन अधूरा है और शिक्षक के बिना ज्ञान नहीं मिलता. शिक्षक वही है जो हमारी तकदीर बदलते हैं, हमें प्रेरणा देते हैं. शिक्षक दिवस पर हम ऐसे ही दो शिक्षकों से आपको रूबरू करा रहे हैं, जो सबके लिए प्रेरणास्त्रोत हैं. वे दो शिक्षक हैं बगोदर हाई स्कूल के सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक कमलदेव सिंह और बगोदर हाई स्कूल के सेवानिवृत्त शिक्षक बिष्णु बिंद.

देखें पूरी खबर

सेवानिवृत्ति के बाद भी दे रहे तालीम
सेवानिवृत्ति के बाद जहां ज्यादातर लोग खुद को घर की चाहरदीवारी में सिमटाकर आरामपसंद हो जाते हैं. वहीं इन दोनों ही शिक्षकों ने सेवानिवृत्त हो जाने के बावजूद शिक्षा से नाता नहीं तोड़ा. उम्र ढलने के बावजूद वे आज भी बच्चों को तालीम दे रहे हैं.

यह भी पढ़ें- एक शिक्षक जिसने बदल दी स्कूल की तकदीर, अपनी मेहनत से लाखों के लिए बना प्रेरणास्त्रोत

कमलदेव सिंह को राज्य सरकार ने भी किया है सम्मानित
कमलदेव सिंह सेवानिवृत्ति के पहले भी शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए लगातार प्रयासरत थे. बगोदर में शिक्षा को बढ़ावा देने और शिक्षा की जागरूकता में इनका बड़ा योगदान है. शिक्षा के प्रति उनके इसी भाव का असर है कि उन्हें एकीकृत बिहार के समय बच्चों को बेहतर तालीम और अनुशासन के लिए तत्कालीन सीएम लालू यादव ने पुरस्कृत किया था. वहीं 85 की उम्र में सिंह आज भी प्रशिक्षु शिक्षकों को तालीम के साथ अनुशासन का पाठ पढ़ा रहे हैं. ये आज भी बगोदर के रामकृष्ण विवेकानंद कॉलेज ऑफ एडुकेशन की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. सबसे बड़ी बात है कि कॉलेज की स्थापना भी इनके प्रयास के कारण ही संभव हो सका है.

बिष्णु बिंद ने की है एक स्कूल की स्थापना
वहीं शिक्षक बिष्णु बिंद की उम्र 80 साल है. शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए इन्होंने एक स्कूल की स्थापना की है. जहां वे नियमित रूप से जाकर बच्चों को अनुशासन का पाठ पढ़ाते हुए देश के भविष्य निर्माण में अपना अमूल्य योगदान दे रहे हैं.

बगोदर/गिरिडीहः शिक्षा के बगैर जीवन अधूरा है और शिक्षक के बिना ज्ञान नहीं मिलता. शिक्षक वही है जो हमारी तकदीर बदलते हैं, हमें प्रेरणा देते हैं. शिक्षक दिवस पर हम ऐसे ही दो शिक्षकों से आपको रूबरू करा रहे हैं, जो सबके लिए प्रेरणास्त्रोत हैं. वे दो शिक्षक हैं बगोदर हाई स्कूल के सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक कमलदेव सिंह और बगोदर हाई स्कूल के सेवानिवृत्त शिक्षक बिष्णु बिंद.

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सेवानिवृत्ति के बाद भी दे रहे तालीम
सेवानिवृत्ति के बाद जहां ज्यादातर लोग खुद को घर की चाहरदीवारी में सिमटाकर आरामपसंद हो जाते हैं. वहीं इन दोनों ही शिक्षकों ने सेवानिवृत्त हो जाने के बावजूद शिक्षा से नाता नहीं तोड़ा. उम्र ढलने के बावजूद वे आज भी बच्चों को तालीम दे रहे हैं.

यह भी पढ़ें- एक शिक्षक जिसने बदल दी स्कूल की तकदीर, अपनी मेहनत से लाखों के लिए बना प्रेरणास्त्रोत

कमलदेव सिंह को राज्य सरकार ने भी किया है सम्मानित
कमलदेव सिंह सेवानिवृत्ति के पहले भी शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए लगातार प्रयासरत थे. बगोदर में शिक्षा को बढ़ावा देने और शिक्षा की जागरूकता में इनका बड़ा योगदान है. शिक्षा के प्रति उनके इसी भाव का असर है कि उन्हें एकीकृत बिहार के समय बच्चों को बेहतर तालीम और अनुशासन के लिए तत्कालीन सीएम लालू यादव ने पुरस्कृत किया था. वहीं 85 की उम्र में सिंह आज भी प्रशिक्षु शिक्षकों को तालीम के साथ अनुशासन का पाठ पढ़ा रहे हैं. ये आज भी बगोदर के रामकृष्ण विवेकानंद कॉलेज ऑफ एडुकेशन की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. सबसे बड़ी बात है कि कॉलेज की स्थापना भी इनके प्रयास के कारण ही संभव हो सका है.

बिष्णु बिंद ने की है एक स्कूल की स्थापना
वहीं शिक्षक बिष्णु बिंद की उम्र 80 साल है. शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए इन्होंने एक स्कूल की स्थापना की है. जहां वे नियमित रूप से जाकर बच्चों को अनुशासन का पाठ पढ़ाते हुए देश के भविष्य निर्माण में अपना अमूल्य योगदान दे रहे हैं.

Intro:शिक्षकों के जज्बे को सलाम, 85 की उम्र में सेवानिवृत्त दो शिक्षक बच्चों को दे रहे तालिम

बगोदर/गिरिडीह


Body:बगोदर/गिरिडीहः शिक्षा के बगैर जीवन अधूरा है. शिक्षकों से हमें शिक्षा और ज्ञान मिलती है. शिक्षक दिवस पर हम ऐसे दो शिक्षकों से आपको रूबरू करा रहें हैं जो उम्र की पड़ाव ढलने के बावजूद शिक्षा से जुड़कर बच्चों को तालिम दे रहे हैं. बगोदर के इन दो शिक्षकों में एक हैं बगोदर हाई स्कूल के सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक कमलदेव सिंह और दूसरा हैं बगोदर के सेवानिवृत्त शिक्षक बिष्णु बिंद. इसमें कमलदेव सिंह को एकीकृत बिहार के समय बच्चों को बेहतर तालिम और अनुशासन के लिए तत्कालीन सीएम लालू यादव के द्वारा पुरस्कृत किया गया था. बगोदर में शिक्षा को बढ़ावा देने एवं शिक्षा की जागरूकता में इनका बड़ा योगदान है. 85 की उम्र में श्री सिंह आज भी प्रशिक्षु शिक्षकों को तालिम के साथ अनुशासन की पाठ पढ़ाते हैं. बगोदर स्थित रामकृष्ण विवेकानंद कॉलेज ऑफ एजुकेशन का मॉनिटरिंग आज भी ये करते हैं. इन्हीं के द्वारा कॉलेज की स्थापना की गई है. यहां बीएड और डीएलएड की पढ़ाई होती है. दूसरा सेवानिवृत्त शिक्षक बिष्णु बिंद की उम्र 80 साल हैं. शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए इनके द्वारा भी एक स्कूल की स्थापना की गई है. वे इस उम्र में भी नियमित स्कूल जाते हैं बच्चों का क्लास लेते हैं. कहा कि बच्चों का उज्जवल भविष्य बनाना उनका मुख्य उद्देश्य है.


Conclusion:सेवानिवृत्त एचएम कमलदेव सिंह, कुर्सी पर बैठे

सेवानिवृत्त शिक्षक बिष्णु बिंद
Last Updated : Sep 5, 2019, 10:17 AM IST
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