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गिरिडीह: अवैध तरीके से चल रही थी मिठाई की फैक्ट्री, 15 दिनों तक संचालन बंद रखने का निर्देश

गिरिडीह में मंगलवार को अवैध तरीके से संचालित मिठाई के कारखानों में छापामारी की गई, जिसमें टीम ने अनहाइजीनिक रुप से बन रहे मिठाइयों को नष्ट करवा दिया. ये दुकानें बिना एफएसएसआई लाइसेंस के चलाये जा रहे थे.

अवैध तरीके से चल रही थी मिठाई की फैक्ट्री
Sweet factory was running illegally in Giridih
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Published : Feb 6, 2020, 10:40 AM IST

गिरिडीह: जिले के डुमरी प्रखंड में प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर अवैध तरीके से मिठाई की फैक्ट्री चल रही थी. इस दुकानों में इंसान के सेहत से खिलवाड़ करने का काम किया जा रहा था. जब प्रशासन ने छापेमारी की तो इस खेल का खुलासा हुआ.

देखें पूरी खबर

कारखानों में छापेमारी
गिरिडीह के डुमरी प्रखंड में अनुमंडल अधिकारी प्रेमलता मुर्मू ने मंगलवार को अवैध तरीके से संचालित मिठाई के कारखानों में छापामारी की. जिसमें टीम ने अनहाइजीनिक रुप से बन रही मिठाइयों को नष्ट करवा दिया. ये दुकानें बिना एफएसएसआई लाइसेंस के चलाया जा रहा था. किसी के पास कोई निबंधन भी नहीं था.

ये भी पढ़ें-विधायक प्रदीप यादव को JVM करेगा पार्टी से निष्कासित! जिला अध्यक्ष समेत 3 किए जा चुके हैं बाहर

कारखानों का संचालन बंद
एक कारखने में रजिट्रेशन की कॉपी अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जिसकी समय सीमा समाप्त हो चुकी थी. छापेमारी के दौरान वहां बन रहे मिठाइयों, कच्चे सामान और तेल का नमूना लिया गया, साथ ही अगले आदेश तक कारखाने का संचालन बंद रखने का निर्देश दिया गया.

नमूनों की जांच रिपोर्ट
इस संबंध में अनुमंडल अधिकारी प्रेमलता मुर्मू ने कहा कि गुप्त सूचना पर यह छापेमारी की गई है. सभी कारखाने अवैध हैं. किसी के पास लाइसेंस नहीं है. सभी कारखानों को बंद कर दिया गया है. नमूनों की जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी. वहीं, खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी पवन कुमार ने बताया कि कारखानों में साफ-सफाई की व्यवस्था बहुत ही खराब थी. सभी कारखाना संचालकों को लाइसेंस बनाने के लिए 15 दिनों का समय दिया गया है.

गिरिडीह: जिले के डुमरी प्रखंड में प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर अवैध तरीके से मिठाई की फैक्ट्री चल रही थी. इस दुकानों में इंसान के सेहत से खिलवाड़ करने का काम किया जा रहा था. जब प्रशासन ने छापेमारी की तो इस खेल का खुलासा हुआ.

देखें पूरी खबर

कारखानों में छापेमारी
गिरिडीह के डुमरी प्रखंड में अनुमंडल अधिकारी प्रेमलता मुर्मू ने मंगलवार को अवैध तरीके से संचालित मिठाई के कारखानों में छापामारी की. जिसमें टीम ने अनहाइजीनिक रुप से बन रही मिठाइयों को नष्ट करवा दिया. ये दुकानें बिना एफएसएसआई लाइसेंस के चलाया जा रहा था. किसी के पास कोई निबंधन भी नहीं था.

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कारखानों का संचालन बंद
एक कारखने में रजिट्रेशन की कॉपी अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जिसकी समय सीमा समाप्त हो चुकी थी. छापेमारी के दौरान वहां बन रहे मिठाइयों, कच्चे सामान और तेल का नमूना लिया गया, साथ ही अगले आदेश तक कारखाने का संचालन बंद रखने का निर्देश दिया गया.

नमूनों की जांच रिपोर्ट
इस संबंध में अनुमंडल अधिकारी प्रेमलता मुर्मू ने कहा कि गुप्त सूचना पर यह छापेमारी की गई है. सभी कारखाने अवैध हैं. किसी के पास लाइसेंस नहीं है. सभी कारखानों को बंद कर दिया गया है. नमूनों की जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी. वहीं, खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी पवन कुमार ने बताया कि कारखानों में साफ-सफाई की व्यवस्था बहुत ही खराब थी. सभी कारखाना संचालकों को लाइसेंस बनाने के लिए 15 दिनों का समय दिया गया है.

Intro:

प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर अवैध तरीके से मिठाइयों की फैक्ट्री चल रही थी. इतना ही नहीं इस फैक्ट्री में इंसान के सेहत से खिलवाड़ करने का सारा काम किया जा रहा था. गिरिडीह के डुमरी में जब प्रशासन ने छापेमारी की तो इस खेल का खुलासा हुआ.


Body:डुमरी ( गिरिडीह) । डुमरी अनुमंडलाधिकारी प्रेमलता प्रेमलता मुर्मू ने मंगलवार को प्रखंड में अवैध तरीके से संचालित मिठाई के कारखानों पर छापामारी की. एसडीएम के  नेतृत्व चलाये गये छापेमारी अभियान में गिरिडीह के खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी  पवन कुमार और डुमरी रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी अजय कुमार शामिल थे.  इस दौरान टीम ने  जामतारा पंचायत के बेड़वा गांव में गोपाल लड्डु  व चनाचुर कारखाना, घुजाडीह में प्रभात स्वीट्स व डब्ल्यु साव द्वारा संचालित मिठाई बनाने वाले अवैध कारखानों में छापेमारी की गई. छापामारी टीम ने इस दौरान  कारखानों में बन रहे मिठाइयों, कच्चा सामान, और तेल का नमूना लिया . साथ ही साथ अगले आदेश तक कारखाना का संचालन बंद रखने कर निर्देश दिया.

इस दौरान टीम ने एक कारखाना में अनहाइजनिक रुप  से बन रहे मिठाइयों को नष्ट करवा दिया. ये सभी कारखाने को बिना एफएसएसआई लाइसेंस के चलाया जा रहा था. और ना ही किसी के पास निबंधन था एक कारखना में रजिट्रेशन की कॉपी अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया जिसका समय सीमा समाप्त हो चुका था.

एक-एक कर की गयी छापेमारी
टीम ने सबसे पहले गोपाल लड्डु व चनाचूर नामक कारखाने में छापामारा. कारखाने का संचालक ताम्बागुडि़यो निवासी छोटु साव है. छापेमारी के दौरान जब अधिकारीयों ने लाइसेंस की मांग की गई तो प्रस्तुत नहीं किया गया. इस दौरान टीम ने  बनी हुई मिठाइयों, कच्चा माल और मिठाई बनाने में उपयोग किया जाने वाला वनस्पति तेल के कुछ नमूने जब्त कर अपने साथ ले गये. जब्त किये गये नमूने को जांच के लिए रांची स्थित लैब भेजा जायेगा. छापेमारी की कार्रवाई करीब तीन घंटे तक चला. कार्रवाई के बाद छापामारी में शामिल अधिकारियों ने लैब की रिर्पोट आने तक कारखाना को बंद रखने और बने हुये सामानों की बिक्री नहीं करने का निर्देश दिया है. हलांकि कारखाना में ही संचालक का आवासीय घर होने के कारण उसे सील नहीं किया गया. 


भाग खड़े हुवे कर्मी
छापामारी टीम जब  उक्त कारखाने में पहुंची तो कारखाने में कार्मीयों के द्वारा भारी पैमाने पर लाडडू सहित अन्य मिठाई तैयार की जा रही थी. टीम को देखते ही कारखाना में काम करने वाले कारीगर और मजदूर भाग निकले. जिस समय छापामारी की गई उस समय कारखाना में संचालक नहीं था. कारखाना की देखरेख करने वाला और अपने आपको कारखाना का मुंशी बताने वाले एक व्यक्ति से ही अधिकारियों ने पुछताछ की और जरूरी कागजातों पर उसका हस्ताक्षर लिया. कारखाना का कागजात मांगे जाने पर देखरेख करने वाले व्यक्ति द्वारा एक निबंधन कागजात दिखाया गया जो गोपाल लड्डु और चनाचूर के नाम से था. परंतु उसके निबंधन की समय सीमा कब का ही समाप्त हो चुका था.इसके बाद अधिकारियों ने एक एक कर कारखाना में बनाई जा रही मिठाइयों, प्रयुक्त होने वाला कच्चा सामान, स्वच्छता आदि का निरीक्षण किया और नमूना इकट्ठा किया. कारखाना में भारी मात्रा में बेसन, मैदा, चीनी, मक्का स्टार्च की बोरियां और तैयार मिठाईयां थी. अधिकारी जब नमूने के लिए कुछ लड्डुओं को लिया तो उन्हे यह देखकर आश्चर्य हुआ की लड्डु हाथ से नहीं टूट रहा था.बताया जाता है कि मक्का स्टार्च की बोरियों को देख कर जब अधिकारियों ने मिठाई बनाने में इसके उपयोग की बात कारखाना का देखरेख करने वाले व्यक्ति से पूछा तो वह नहीं बता पाया. 


छेना के पानी से आ रहा था दुर्गंध, स्वच्छता का नहीं रखा गया ध्यान

इस कारखाने में छापामारी की प्रक्रिया पुरी होने के इसके कुछ देरी पर  कुछ दूरी पर स्थित इसी कारखाना संचालक के छेना से मिठाई बनाने के कारखाना में छापामारी टीम पहुंची. परंतु कारखाना बंद था. शायद छापामारी की सूचना होते ही संचालक इसे बंद कर फरार हो गया था. कारखाना से छेना पानी का दुर्गंध आ रहा था. बताया जाता है कि कारखाना से निकलने वाले छेना पानी के दुर्गंध से आस पास के लोगों को काफी परेशानी होती है. स्थानीय लोगों ने कई बार इसकी शिकायत संचालक से की परंतु इसे बंद नहीं किया गया था. टीम इसके बाद घुजाडीह में चल रहे प्रभात स्वीट्स नामक कारखाना और डब्ल्यु साव द्वारा संचालित कारखाना में छापा मारा. डब्ल्यु साव का मिठाई कारखाना एक खेत में टेंट के नीचे चल रहा था. टीम ने पाया की ने पाया कि यहां स्वच्छता का कोई ध्यान नहीं रखा जा रहा था. मिठाई बनाने वाले जगह के आस-पास पुरी गंछगी थी और छेना का पानी भी वही जमा किया जा रहा था जिसके कारण आस पास बहुत गंध आ रही थी. मौके पर ही अधिकारियों ने बन रहे छेना मिठाइयों को नष्ट करवा दिया और टेंट को हटावा दिया.

 बताया जाता है कि  इन कारखानों में बने मिठाइयों और अन्य सामानों की आपूर्ति गिरिडीह जिला सहित धनबाद, हजारीबाग जिलों के मिठाई दूकानों में की जाती है.इन कारखानों में बने सामानों का मूल्य अप्रत्याशित रूप से कम होने के कारण इसकी मांग ज्यादा है. 

Conclusion:इस संबंध में पुछे जाने पर अनुमंडलाधिकारी प्रेमलता मुर्मू ने कहा कि उक्त कार्रवाई सूना पर की गई है. सभी कारखाना अवैध है। किसी के पास लाइसेंस नहीं है. सभी कारखानों को बंद कर दिया गया है. लिये गये नमूनों का जांच रिर्पोट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी.

खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी पवन कुमार ने बताया कि कारखानों में साफ सफाई की व्यवस्था बहुत ही खराब थी. अस्वस्थकर रूप से मिठाईयों का निर्माण किया जा रहा था. सभी कारखाना संचालकों को लाइसेंस बनाने के लिए पन्द्रह दिनों का समय दिया गया है. तब तक कारखानों को बंद रखने का निर्देश दिया गया है. लिए गये नमूनों को जांच के लिए लैब भेजा जायेगा. रिर्पोट आने पर आगे की कार्रवाई की जायेगी. 
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