गिरिडीह: राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष और सदस्य दो दिनों के लिए गिरिडीह पहुंचे हैं. जहां पर आयोग द्वारा जिले के सभी मुखिया संग संवाद कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया. नगर भवन में आयोजित इस कार्यक्रम का उद्घाटन आयोग के अध्यक्ष हिमांशु शेखर चौधरी और सदस्या शबनम ने दीप प्रज्वलित कर किया. इस दौरान केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी गई.
इस दौरान झारखंड राज्य खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत मिलने वाले राशन, विद्यालय में मिलने वाले मध्याह्न भोजन, आंगनबाड़ी केंद्रों में मिलने वाले खाद्य सामग्री की सुलभता की भी जानकारी मुखियाओं को दी गई. बताया गया कि किस तरह इन योजनाओं का सफल क्रियान्वयन किया जाना चाहिए.
अध्यक्ष ने कहा कि ग्रामीणों को इन योजनाओं का लाभ मिले, इसमें मुखिया की अहम भूमिका है. मुखिया पंचायत की नींव हैं. ऐसे में खाद्य सुरक्षा अधिनियम के प्रति लोगों को जागरूक करने में उन्हें अहम भूमिका निभाने की जरूरत है. अध्यक्ष ने कहा कि डीलर भी इसी समाज के अंग हैं. हालांकि, डीलर को मनमानी करने की छूट नहीं दी जा सकती. डीलर यदि यह कहते हैं कि उन्हें ही कम अनाज मिला या उनका घर नहीं चल रहा है तो ऐसे डीलरों को अपना लाइसेंस सरेंडर कर देना चाहिए.
और हो गया हंगामा: इस कार्यक्रम के दौरान हंगामा भी हुआ. बगोदर प्रखंड मुखिया संघ की अध्यक्ष सरिता साव ने आयोजक पर पक्षपात का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि उन्हें मंच पर बुलाया गया, बिठाया भी गया, लेकिन बोलने नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि जब बोलने ही नहीं देना था तो मंच पर बिठाया ही क्यूं गया था.
ये थे मौजूद: इस दौरान प्रशिक्षु आईएएस, अपर समाहर्ता विल्सन भेंगरा, डीआरडीए निदेशक आलोक कुमार, सिविल सर्जन एसपी मिश्रा, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, सभी पंचायतों के मुखिया समेत कई लोग मौजूद थे.