गिरिडीह: जिले के एक क्लिनिक में शनिवार को एक नाबालिग लड़की का गर्भपात करवाने के दौरान मौत हो गई. मृतका एक दलित बस्ती की रहने वाली थी. बताया जाता है कि लड़की के गर्भवती होने की जानकारी जब परिजनों को मिली तो वे लोग झोलाछाप डॉक्टर द्वारा संचालित एक क्लिनिक पहुंची, जहां झोलाछाप चिकित्सक ने अपने यहां उक्त युवती का सही सलामत गर्भपात करवाने का आश्वासन दिया. घटना के संबंध में मृतका की मां ने बताया कि चिकित्सक के कहने पर शनिवार को अपनी 16 वर्षीय कुवांरी बेटी जो कि छह माह की गर्भवती थी उसे लेकर झोलाछाप डॉक्टर के यहां गयी थी. जहां चिकित्सक द्वारा उसके गर्भपात के लिए दवा वगैरह दी गई और पेट पर दवाब डालकर गर्भपात करवाने के लिए कोशिश शुरू की गई.
मृतका की मां का कहना है कि जब उसकी बेटी की हालत पूरी तरह बिगड़ गई तो झोलाछाप चिकित्सक ने कहा कि बच्चादानी फट गई है. ऑपरेशन करना पड़ेगा. इसके लिए बीस हजार रुपये की मांग की. महिला का आरोप है कि वह पैसा देने को भी तैयार हो गई. इस दौरान झोलाछाप चिकित्सक ने उससे एक सफेद कागज पर हस्ताक्षर करवाकर उसके बेहतर इलाज के लिए नवादा (बिहार) के रोह के डॉक्टर के पास भेज दिया, जहां ले जाने के दौरान उसकी मौत हो गई. युवती की मौत के बाद से अमतरो में क्लिनिक का संचालन कर रहा रवींद्र अपना क्लिनिक छोड़कर फरार हो गया है.
ये भी पढ़ें: खेलगांव आइसोलेशन वार्ड का सीएम हेमंत सोरेन ने किया निरीक्षण, कहा- सरकार पर विश्वास रखें
रवींद्र से उसका पक्ष जानने के लिए संपर्क किया गया तो उसने स्वीकार किया कि युवती को गर्भपात करवाने के लिए उसे उसके क्लिनिक लाया गया था. लेकिन छह-सात माह की गर्भवती थी, तो उसका ऑपरेशन कर ही बच्चा निकाला जा सकता था. ऑपरेशन का खर्च उसके परिजन दे नहीं रहे थे तो शाम में उसे बेहतर इलाज के लिए नवादा भेज दिए थे. उसकी मौत नवादा में हुई है. यह पूछे जाने पर कि क्या आपकी डिग्री क्या है और आपके क्लिनिक में छह माह की गर्भवती का गर्भपात करवाने के लिए जरूरी संसाधन और चिकित्सक मौजूद थे. इस पर उसने कहा कि उसके पास कोई डिग्री नहीं है और संसाधन भी नियमानुसार नहीं है, लेकिन कई लोगों का ऑपरेशन कर चुका है और सब सफल भी रहा है. इधर, एमओआईसी डॉ. अरविंद कुमार ने कहा कि उन्हें इस मामले की सूचना मीडिया के माध्यम से मिली है. मामला गंभीर है. इसकी जांच अवश्य होगी और संबंधित क्लिनिक पर कार्रवाई भी होगी.