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Seminar On Education In Giridih: बगोदर में राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन, वक्ताओं ने शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने पर दिया जोर

गिरिडीह जिले के बगोदर प्रखंड में राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया. जिसमें शिक्षा और शिक्षकों के समक्ष उत्पन्न चुनौतियों पर शिक्षाविदों ने चर्चा की और शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए कई अहम सुझाव दिए. इस दौरान नई शिक्षा नीति पर भी अतिथियों ने अपनी बात रखी.

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Seminar Organized At RKBH College Bagodar
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Published : Feb 12, 2023, 5:51 PM IST

गिरिडीह, बगोदर: बगोदर स्थित आरकेवी कॉलेज ऑफ एजुकेशन में शिक्षक और शिक्षा में चुनौतियां और समस्या विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने पर जोर दिया गया. कार्यक्रम के दौरान शिक्षा के क्षेत्र में व्याप्त समस्याओं पर चर्चा करते हुए उसके निराकरण की आवश्यकता पर बल दिया गया. मौके पर सोविनियर पुस्तक का भी अतिथियों ने विमोचन किया. इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि शिक्षकों की कमी, नावाचार का अभाव, शिक्षकों को शिक्षा के अलावा अन्यत्र कार्यों में शामिल कराने सहित अन्य कई ऐसे कारण है जिसके चलते शिक्षा व्यवस्था बेहतर होने की उम्मीद नहीं दिख रही है. शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए उपरोक्त समस्याओं का समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया गया.

ये भी पढे़ं-गिरिडीह में आयोजित कार्यशाला में पीडीजे ने कहा- पोक्सो एक्ट के प्रति लोगों को जागरूक करना बेहद जरूरी

सेमिनार में नई शिक्षा नीति पर भी चर्चाः कार्यक्रम के दौरान नई शिक्षा नीति पर भी चर्चा की गई. कहा गया कि नई शिक्षा व्यवस्था लागू होने से शिक्षा के क्षेत्र में काफी बदलाव होने की उम्मीद है. कार्यक्रम में पटना यूनिवर्सिटी के डीन फैक्लटी ऑफ एजुकेशन प्रो डॉ खगेन्द्र कुमार मुख्य रुप से उपस्थित थे. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति दुनिया की बेहतर शिक्षा व्यवस्था साबित हो सके इसके लिए उसमें उम्दा शिक्षा व्यवस्था होनी चाहिए. साथ ही भारतीय सभ्यता और संस्कृति पर आधारित होनी चाहिए.

शिक्षा में नवाचार की जरूरत पर जोरः दूसरी ओर शिक्षा के उत्थान के लिए कई आवश्यक पहलुओं को व्यवहार में लाने पर जोर दिया गया. इसके लिए शिक्षकों और छात्रों के समक्ष जो चुनौतियां हैं हमें मिलकर उन चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. कहा गया कि शिक्षा का उत्थान तभी संभव है जब शिक्षकों को पढ़ाई के लिए स्वतंत्र छोड़ दिया जाए. उन्हें अतिरिक्त कार्यों की जिम्मेवारी नहीं सौंपी जाए. साथ हीं शिक्षा में नावाचार की जरूरत पर जोर दिया गया. शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए फिर से कम्युनिटी को स्कूल से जोड़ने की जरूरत है. केवल विभाग के भरोसे बेहतर शिक्षा की उम्मीद नहीं की जा सकती है.

बेहतर शिक्षा व्यवस्था के लिए 10 लाख शिक्षकों की आवश्यकताः मुख्य अतिथि प्रो खगेन्द्र कुमार ने यह भी कहा कि बेहतर शिक्षा व्यवस्था के लिए अभी 10 लाख शिक्षकों की आवश्यकता है. तभी परिस्थितियों को बदला जा सकता है. कार्यक्रम में सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ बिहार पटना के डिपार्टमेंट ऑफ एजुकेशन विभाग के प्रो रविकांत, बीएमए कॉलेज बहेरी, दरभंगा के हेड डिपार्टमेंट ऑफ एजुकेशन के प्रो सुजीत कुमार द्विवेदी, बगोदर आरकेभी कॉलेज ऑफ एजुकेशन के सचिव कमलदेव सिंह, अध्यक्ष निजामुद्दीन अंसारी, प्राचार्य अरुण कुमार दुबे, विभागाध्यक्ष जगदीश प्रसाद मेहता, उप प्राचार्य संजय सुमन, प्रो प्रभाष रंजन, प्रो अशोक यादव, सामाजिक कार्यकर्ता संजय चौरसिया सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग और प्रशिक्षु उपस्थित थे.

गिरिडीह, बगोदर: बगोदर स्थित आरकेवी कॉलेज ऑफ एजुकेशन में शिक्षक और शिक्षा में चुनौतियां और समस्या विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने पर जोर दिया गया. कार्यक्रम के दौरान शिक्षा के क्षेत्र में व्याप्त समस्याओं पर चर्चा करते हुए उसके निराकरण की आवश्यकता पर बल दिया गया. मौके पर सोविनियर पुस्तक का भी अतिथियों ने विमोचन किया. इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि शिक्षकों की कमी, नावाचार का अभाव, शिक्षकों को शिक्षा के अलावा अन्यत्र कार्यों में शामिल कराने सहित अन्य कई ऐसे कारण है जिसके चलते शिक्षा व्यवस्था बेहतर होने की उम्मीद नहीं दिख रही है. शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए उपरोक्त समस्याओं का समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया गया.

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सेमिनार में नई शिक्षा नीति पर भी चर्चाः कार्यक्रम के दौरान नई शिक्षा नीति पर भी चर्चा की गई. कहा गया कि नई शिक्षा व्यवस्था लागू होने से शिक्षा के क्षेत्र में काफी बदलाव होने की उम्मीद है. कार्यक्रम में पटना यूनिवर्सिटी के डीन फैक्लटी ऑफ एजुकेशन प्रो डॉ खगेन्द्र कुमार मुख्य रुप से उपस्थित थे. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति दुनिया की बेहतर शिक्षा व्यवस्था साबित हो सके इसके लिए उसमें उम्दा शिक्षा व्यवस्था होनी चाहिए. साथ ही भारतीय सभ्यता और संस्कृति पर आधारित होनी चाहिए.

शिक्षा में नवाचार की जरूरत पर जोरः दूसरी ओर शिक्षा के उत्थान के लिए कई आवश्यक पहलुओं को व्यवहार में लाने पर जोर दिया गया. इसके लिए शिक्षकों और छात्रों के समक्ष जो चुनौतियां हैं हमें मिलकर उन चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. कहा गया कि शिक्षा का उत्थान तभी संभव है जब शिक्षकों को पढ़ाई के लिए स्वतंत्र छोड़ दिया जाए. उन्हें अतिरिक्त कार्यों की जिम्मेवारी नहीं सौंपी जाए. साथ हीं शिक्षा में नावाचार की जरूरत पर जोर दिया गया. शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए फिर से कम्युनिटी को स्कूल से जोड़ने की जरूरत है. केवल विभाग के भरोसे बेहतर शिक्षा की उम्मीद नहीं की जा सकती है.

बेहतर शिक्षा व्यवस्था के लिए 10 लाख शिक्षकों की आवश्यकताः मुख्य अतिथि प्रो खगेन्द्र कुमार ने यह भी कहा कि बेहतर शिक्षा व्यवस्था के लिए अभी 10 लाख शिक्षकों की आवश्यकता है. तभी परिस्थितियों को बदला जा सकता है. कार्यक्रम में सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ बिहार पटना के डिपार्टमेंट ऑफ एजुकेशन विभाग के प्रो रविकांत, बीएमए कॉलेज बहेरी, दरभंगा के हेड डिपार्टमेंट ऑफ एजुकेशन के प्रो सुजीत कुमार द्विवेदी, बगोदर आरकेभी कॉलेज ऑफ एजुकेशन के सचिव कमलदेव सिंह, अध्यक्ष निजामुद्दीन अंसारी, प्राचार्य अरुण कुमार दुबे, विभागाध्यक्ष जगदीश प्रसाद मेहता, उप प्राचार्य संजय सुमन, प्रो प्रभाष रंजन, प्रो अशोक यादव, सामाजिक कार्यकर्ता संजय चौरसिया सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग और प्रशिक्षु उपस्थित थे.

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