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1993 से माध्यमिक शिक्षकों का बकाया है प्रवरण वेतनमान, सेवानिवृत्त शिक्षकों ने हेमंत सरकार से की मांग - सेवानिवृत्त शिक्षक

झारखंड के माध्यमिक शिक्षकों के 24 वर्षीय प्रवरण वेतनमान सैकड़ों शिक्षकों का 1993 से लंबित है. सेवानिवृत्त शिक्षक देवनाथ शास्त्री ने झारखंड की हेमंत सरकार को पत्र लिखकर बकाए वेतनमान की भुगतान करने की मांग की है.

Secondary teachers have arrears of salary in dhanbad
प्रवरण वेतनमान
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Published : Mar 5, 2020, 10:28 AM IST

बगोदर, गिरिडीह: झारखंड के सैकड़ों माध्यमिक शिक्षकों का प्रवरण वेतनमान 1993 से बकाया है. वेतनमान से वंचित सेवानिवृत्त शिक्षक देवनाथ शास्त्री ने झारखंड की हेमंत सरकार को पत्र लिखकर बकाए वेतनमान की भुगतान करने की मांग की है. उनका कहना है कि वेतनमान भुगतान की मांग में 95 प्रतिशत शिक्षकों का निधन भी हो गया है.

सेवानिवृत शिक्षक का बयान

झारखंड के माध्यमिक शिक्षकों के 24 वर्षीय प्रवरण वेतनमान सैकड़ों शिक्षकों का 1993 से लंबित है, लेकिन विभाग भुगतान करने में टालमटोल कर रहा है. उन्होंने झारखंड की नई सरकार से वेतनमान का भुगतान करने की उम्मीद जताई है . देवनाथ शास्त्री ने हेमंत सरकार को पत्र भेजकर बकाया प्रवरण वेतनमान की भुगतान करने की मांग की है. उन्होंने बताया कि वह धनबाद से 1999 में सेवानिवृत्त हुए हैं. इसके बाद से इस मांग को लेकर लगातार आवाज उठाते रहे हैं. उन्होंने कहा है कि झारखंड के ही किसी-किसी जिलों में शिक्षकों का प्रवरण वेतनमान का भुगतान भी कर दिया गया है, लेकिन धनबाद जिला में यह अब तक संभव नहीं हुआ है.

बगोदर, गिरिडीह: झारखंड के सैकड़ों माध्यमिक शिक्षकों का प्रवरण वेतनमान 1993 से बकाया है. वेतनमान से वंचित सेवानिवृत्त शिक्षक देवनाथ शास्त्री ने झारखंड की हेमंत सरकार को पत्र लिखकर बकाए वेतनमान की भुगतान करने की मांग की है. उनका कहना है कि वेतनमान भुगतान की मांग में 95 प्रतिशत शिक्षकों का निधन भी हो गया है.

सेवानिवृत शिक्षक का बयान

झारखंड के माध्यमिक शिक्षकों के 24 वर्षीय प्रवरण वेतनमान सैकड़ों शिक्षकों का 1993 से लंबित है, लेकिन विभाग भुगतान करने में टालमटोल कर रहा है. उन्होंने झारखंड की नई सरकार से वेतनमान का भुगतान करने की उम्मीद जताई है . देवनाथ शास्त्री ने हेमंत सरकार को पत्र भेजकर बकाया प्रवरण वेतनमान की भुगतान करने की मांग की है. उन्होंने बताया कि वह धनबाद से 1999 में सेवानिवृत्त हुए हैं. इसके बाद से इस मांग को लेकर लगातार आवाज उठाते रहे हैं. उन्होंने कहा है कि झारखंड के ही किसी-किसी जिलों में शिक्षकों का प्रवरण वेतनमान का भुगतान भी कर दिया गया है, लेकिन धनबाद जिला में यह अब तक संभव नहीं हुआ है.

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