गिरिडीह: जिले में बालू ढोने वाला ट्रैक्टर यातायात के सभी नियमों को ताक पर रखे हुए है. इन ट्रैक्टरों की रफ्तार भी काफी अधिक रहती है, जिसके कारण आये दिन हादसे होते रहते हैं. बड़ी बात यह है कि अवैध बालू की ढुलाई में लगे इन ट्रैक्टरों में से ज्यादातर पर निबंधित नंबर भी अंकित नहीं रहता है. ऐसे में हिट एंड रन मामले में ऐसे ट्रैक्टरों की पहचान भी नहीं हो पाती है.
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अभी चार दिन पहले ही ऐसे ही ट्रैक्टर ने एक सीसीएलकर्मी की कार को धक्का मारा था. धक्का इतना जोर का मारा गया कि कार बीच सड़क पर ही तीन बार पलट गई. राहत की बात है कि इस घटना में कार चला रहे राजू चौधरी बाल-बाल बच गए. इस घटना के बाद राजू ने बताया कि वे फुसरो की तरफ से आ रहे थे, जैसे ही वे कार लेकर केबी मोड़ के पास पहुंचे तो बगैर नंबर की ट्रेक्टर ने उसकी कार को धक्का मार दिया. घटना के बाद ट्रैक्टर डुमरी की तरफ भाग निकला. थोड़ी देर बाद यहां पर स्थानीय लोगों ने बताया कि पुलिस के बड़े अधिकारियों से बचने के लिए बालू ढुलाई करने वाले ट्रैक्टर काफी रफ्तार में चलते हैं.
विभिन्न क्षेत्रों में हो चुका हादसा: लोगों का कहना है कि ऐसे ज्यादातर ट्रैक्टर का हरेक पेपर फेल ही रहता है. चालक भी नौसिखिया या बगैर लाइसेंस धारी ही रहते हैं. ऐसे वाहनों पर कार्रवाई होनी ही चाहिए. लोग यह भी कहते हैं कि शहर में हेलमेट की चेकिंग तो खूब होती है. यातायात पुलिस और परिवहन विभाग को ऐसे वाहनों पर भी कार्रवाई करनी चाहिए.
विशेषज्ञ की राय: मोटर दुर्घटना बीमा के विशेषज्ञ अधिवक्ता प्रवीण कुमार कहते हैं कि निबंधन नंबर के बगैर यदि कोई भी वाहन खासकर मालवाहक सड़क पर दौड़ रहा है तो यह गंभीर मामला है. ऐसे वाहनों का बीमा भी संभवतः नहीं होगा. ऐसे वाहनों के परिचालन पर रोक लगना चाहिए. मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लंघन कर रहे ऐसे वाहनों से यदि कोई हादसा हो जाता है तो पीड़ित पक्ष को मुआवजा मिलना काफी कठिन है.
पांच वर्ष में 2484 का निबंधन: वैसे परिवहन विभाग के मुताबिक पिछले पांच वित्तीय वर्ष में 2484 ट्रैक्टर का निबंधन हुआ है. सभी ट्रैक्टर का निबंधन व्यवसायिक के तौर पर किया गया है. कई वाहनों के कागजात में त्रुटि हो सकती है. वैसे विभाग समय समय पर इसके लिए अभियान चलाता है.
पांच वर्षों का आंकड़ा:
वित्तीय वर्ष निबंधित वाहन
2019-20 403
2020-21 753
2021-22 594
2022-23 626
2023-24 (मई तक) 108