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Workers Stuck in Mali: मुख्यमंत्री की पहल, माली में फंसे झारखंड के 33 मजदूरों तक पहुंची राहत, जल्द होगी घर वापसी

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Published : Jan 19, 2022, 7:13 PM IST

माली में झारखंड के 33 मजदूर फंसे होने की जानकारी मिलते ही राज्य सरकार एक्टिव हो गई. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने श्रम आयुक्त ए मुथूकुमार को निर्देश दिया की जल्द जल्द से इनकी घर वापसी की व्यवस्था की जाए. जिसके बाद मजदूरों को राहत पहुंचाते हुए झारखंड वापसी की प्रक्रिया शुरू हो गई.

workers of jharkhand stuck in mali
workers of jharkhand stuck in mali

रांची/गिरिडीह: ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. सबसे पहले ईटीवी भारत पर यह खबर चलाई गई थी कि माली में झारखंड के 33 मजदूर फंसे हुए हैं. तीन महीने से अधिक वक्त बीत जाने के बाद भी कंपनी द्वारा प्रवासी श्रमिकों को वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा था. इसकी जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर श्रम आयुक्त ए मुथूकुमार ने माली स्थित भारतीय दूतावास के राजनयिक अंजनी कुमार से संपर्क कर मजदूरों की समस्या के समाधान का आग्रह किया. तब जाकर अफ्रीकी देश माली के बमाको स्थित भारतीय दूतावास ने राज्य सरकार द्वारा दी गई जानकारी पर संज्ञान लिया. फिर दूतावास ने मजदूरों और कंपनी से संपर्क स्थापित किया.

ये भी पढ़ें- Jharkhand Workers in Mali: माली में फंसे मजदूरों की वापसी जल्द, दूतावास के पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक में फैसला

दोनों पक्षों को मामले के समाधान के लिए 18 जनवरी को बैठक के लिए बुलाया गया. भारतीय दूतावास की मध्यस्थता में आयोजित बैठक के दौरान कंपनी के अधिकारियों ने मजदूरों का बकाया वेतन भुगतान करने के साथ साथ सभी 33 मजदूरों के माली से रांची तक की फ्लाइट टिकट की व्यवस्था करने की जिम्मेवारी ली. साथ ही, फ्लाइट मिलने तक ये सभी मजदूर माली में रहेंगे. उनके रहने, खाने एवं किसी भी प्रकार की आपात व्यवस्था के लिए कंपनी जिम्मेवार होगी. इस मध्यस्थता पत्र पर श्रमिकों की तरफ से एक प्रतिनिधि और कंपनी की ओर से एक प्रतिनिधि ने हस्ताक्षर किया. साथ ही, भारतीय दूतावास के दो उच्च अधिकारियों ने इस पर सहमति जताई है. दूतावास ने कंपनी को मजदूरों से नो ड्यूज सर्टिफिकेट प्राप्त कर उनकी घर वापसी की व्यवस्था पूरी कर सूचित करने का निर्देश भी दिया है.

आपको बता दें कि 16 दिसंबर 2021 को रांची स्थित प्रोजेक्ट भवन में आयोजित कार्यक्रम में SRMI (Safe Responsible Migration Initiative) योजना के लॉन्च के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्यभर से दूसरे राज्यों और विदेशों तक काम की तलाश में जाने वाले श्रमिकों के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि कोरोना काल के दौरान प्रवासी श्रमिकों के साथ देशभर में हुई त्रासदी को देखते हुए राज्य सरकार इस समस्या के समाधान के लिए लगातार प्रयासरत है.

इस योजना की शुरुआत से पहले और योजना की शुरुआत के बाद भी ऐसे कई मौके आए जब राज्य के बाहर किसी विपरीत परिस्थिति में फंसे श्रमिकों ने राज्य सरकार से मदद की गुहार लगाई जिसको गंभीरता से लेकर सरकार ने हर मुमकिन मदद पहुंचाई.

रांची/गिरिडीह: ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. सबसे पहले ईटीवी भारत पर यह खबर चलाई गई थी कि माली में झारखंड के 33 मजदूर फंसे हुए हैं. तीन महीने से अधिक वक्त बीत जाने के बाद भी कंपनी द्वारा प्रवासी श्रमिकों को वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा था. इसकी जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर श्रम आयुक्त ए मुथूकुमार ने माली स्थित भारतीय दूतावास के राजनयिक अंजनी कुमार से संपर्क कर मजदूरों की समस्या के समाधान का आग्रह किया. तब जाकर अफ्रीकी देश माली के बमाको स्थित भारतीय दूतावास ने राज्य सरकार द्वारा दी गई जानकारी पर संज्ञान लिया. फिर दूतावास ने मजदूरों और कंपनी से संपर्क स्थापित किया.

ये भी पढ़ें- Jharkhand Workers in Mali: माली में फंसे मजदूरों की वापसी जल्द, दूतावास के पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक में फैसला

दोनों पक्षों को मामले के समाधान के लिए 18 जनवरी को बैठक के लिए बुलाया गया. भारतीय दूतावास की मध्यस्थता में आयोजित बैठक के दौरान कंपनी के अधिकारियों ने मजदूरों का बकाया वेतन भुगतान करने के साथ साथ सभी 33 मजदूरों के माली से रांची तक की फ्लाइट टिकट की व्यवस्था करने की जिम्मेवारी ली. साथ ही, फ्लाइट मिलने तक ये सभी मजदूर माली में रहेंगे. उनके रहने, खाने एवं किसी भी प्रकार की आपात व्यवस्था के लिए कंपनी जिम्मेवार होगी. इस मध्यस्थता पत्र पर श्रमिकों की तरफ से एक प्रतिनिधि और कंपनी की ओर से एक प्रतिनिधि ने हस्ताक्षर किया. साथ ही, भारतीय दूतावास के दो उच्च अधिकारियों ने इस पर सहमति जताई है. दूतावास ने कंपनी को मजदूरों से नो ड्यूज सर्टिफिकेट प्राप्त कर उनकी घर वापसी की व्यवस्था पूरी कर सूचित करने का निर्देश भी दिया है.

आपको बता दें कि 16 दिसंबर 2021 को रांची स्थित प्रोजेक्ट भवन में आयोजित कार्यक्रम में SRMI (Safe Responsible Migration Initiative) योजना के लॉन्च के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्यभर से दूसरे राज्यों और विदेशों तक काम की तलाश में जाने वाले श्रमिकों के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि कोरोना काल के दौरान प्रवासी श्रमिकों के साथ देशभर में हुई त्रासदी को देखते हुए राज्य सरकार इस समस्या के समाधान के लिए लगातार प्रयासरत है.

इस योजना की शुरुआत से पहले और योजना की शुरुआत के बाद भी ऐसे कई मौके आए जब राज्य के बाहर किसी विपरीत परिस्थिति में फंसे श्रमिकों ने राज्य सरकार से मदद की गुहार लगाई जिसको गंभीरता से लेकर सरकार ने हर मुमकिन मदद पहुंचाई.

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