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प्रसूता के गर्भ में बच्चे की मौत, परिजनों ने अस्पताल के बाहर किया हंगामा - गिरिडीह में प्रसूता के गर्भ में बच्चे की मौत

गिरिडीह में एक प्रसूता के गर्भ में ही बच्चे की मौत हो गई. इसके बाद परिजनों ने अस्पताल के चिकित्सक और एएनएम पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया.

प्रसूता के गर्भ में बच्चे की मौत
people Outbreak outside Bengabad Community Hospitalin Giridih
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Published : Sep 16, 2020, 10:45 PM IST

गांडेय,गिरिडीह: प्रसूता के गर्भ में बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया. परिजनों ने बेंगाबाद सामुदायिक अस्पताल के चिकित्सक और एएनएम पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया. परिजनों का आरोप है कि बेंगाबाद सामुदायिक अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मियों ने मुद्रामोचन करने के चक्कर में प्रसूता की हालत बिगड़ने दिया, इस वजह से बच्चे की मौत हो गयी.

देखें पूरी खबर

नॉर्मल डिलीवरी की बात

मामले की सूचना पर बेंगाबाद प्रखंड प्रमुख रामप्रसाद यादव, उप प्रमुख उपेंद्र कुमार, जिप सदस्य केशो रविदास अस्पताल पहुंचे और प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से पूरे मामले की जानकारी ली, साथ ही दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की बात कही. बताया जाता है कि गांडे प्रखंड के ताराटांड़ पंचायत स्थित फुफंदी निवासी सुरेंद्र दास की पत्नी दिव्या कुमारी को प्रसव पीड़ा हो रही थी. इसके बाद 15 सितंबर को सुबह 9 बजे उसे बेंगाबाद सामुदायिक अस्पताल में भर्ती कराया गया. एएनएम ने नॉर्मल डिलीवरी की बात बताई और प्रसूति का इलाज शुरू किया. शाम तक डिलीवरी नहीं होने पर परिजनों ने एएनएम से प्रसूता को रेफर करने की बात कही, लेकिन ऑन ड्यूटी एएनएम ने फिर से नॉर्मल डिलीवरी कराने की बात कहते हुए जच्चा-बच्चा के ठीक होने की बात बताई. देर रात जब प्रसूता की स्थिति बिगड़ने लगी तो उसे गिरिडीह भेज दिया गया.

ये भी पढ़ें-पूर्व मुख्यमंत्री का हेमंत सरकार पर हमला, कहा-धांधली में अफसरों को बचाने के लिए ला रहे लैंड म्यूटेशन बिल

मां के गर्भ में ही हो गयी थी बच्चे की मौत

प्रसूता के पति ने बताया कि रात के समय अस्पताल में कोई चिकित्सक नहीं थे. इस कारण बिना रेफर पर्ची बनाये ही मरीज को रात 1 बजे आनन-फानन में गिरिडीह भेज दिया. गिरिडीह पहुंचने के बाद सदर अस्पताल समेत कई प्राइवेट अस्पताल का चक्कर काटने के बाद भी मरीज को भर्ती नहीं लिया गया. रेफर पर्ची नहीं होने के कारण सदर अस्पताल में मरीज को दाखिला नहीं दिया गया. काफी मिन्नत करने के बाद एक निजी अस्पताल के डॉक्टर ने प्रसूता को भर्ती किया. जांच के बाद चिकित्सक ने मां के गर्भ में ही बच्चे की मौत हो जाने की बात बताई. इसके बाद प्रसूता की जान बचाने के लिए ऑपेरशन कर बच्चे को निकाला गया.



एएनएम पर पैसे मांगने का आरोप
प्रसूता के पति सुरेंद्र दास ने आरोप लगाया है कि अस्पताल में ऑन ड्यूटी एएनएम ने इलाज के नाम पर पैसे भी लिए. उसके बाद सुई और सलाइनस लगाया. उसके बाद प्रसव कराने के एवज में एक हजार रुपये की मांग की गई थी. पैसे नहीं देने पर लापरवाही बरती गई, जिसे स्थिति नाजुक हो गई और मरीज को रेफर कर दिया गया. घटना के बाद परिजन नवजात का शव लेकर बेंगाबाद अस्पताल पहुंचे और जमकर हंगामा किया.

गांडेय,गिरिडीह: प्रसूता के गर्भ में बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया. परिजनों ने बेंगाबाद सामुदायिक अस्पताल के चिकित्सक और एएनएम पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया. परिजनों का आरोप है कि बेंगाबाद सामुदायिक अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मियों ने मुद्रामोचन करने के चक्कर में प्रसूता की हालत बिगड़ने दिया, इस वजह से बच्चे की मौत हो गयी.

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नॉर्मल डिलीवरी की बात

मामले की सूचना पर बेंगाबाद प्रखंड प्रमुख रामप्रसाद यादव, उप प्रमुख उपेंद्र कुमार, जिप सदस्य केशो रविदास अस्पताल पहुंचे और प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से पूरे मामले की जानकारी ली, साथ ही दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की बात कही. बताया जाता है कि गांडे प्रखंड के ताराटांड़ पंचायत स्थित फुफंदी निवासी सुरेंद्र दास की पत्नी दिव्या कुमारी को प्रसव पीड़ा हो रही थी. इसके बाद 15 सितंबर को सुबह 9 बजे उसे बेंगाबाद सामुदायिक अस्पताल में भर्ती कराया गया. एएनएम ने नॉर्मल डिलीवरी की बात बताई और प्रसूति का इलाज शुरू किया. शाम तक डिलीवरी नहीं होने पर परिजनों ने एएनएम से प्रसूता को रेफर करने की बात कही, लेकिन ऑन ड्यूटी एएनएम ने फिर से नॉर्मल डिलीवरी कराने की बात कहते हुए जच्चा-बच्चा के ठीक होने की बात बताई. देर रात जब प्रसूता की स्थिति बिगड़ने लगी तो उसे गिरिडीह भेज दिया गया.

ये भी पढ़ें-पूर्व मुख्यमंत्री का हेमंत सरकार पर हमला, कहा-धांधली में अफसरों को बचाने के लिए ला रहे लैंड म्यूटेशन बिल

मां के गर्भ में ही हो गयी थी बच्चे की मौत

प्रसूता के पति ने बताया कि रात के समय अस्पताल में कोई चिकित्सक नहीं थे. इस कारण बिना रेफर पर्ची बनाये ही मरीज को रात 1 बजे आनन-फानन में गिरिडीह भेज दिया. गिरिडीह पहुंचने के बाद सदर अस्पताल समेत कई प्राइवेट अस्पताल का चक्कर काटने के बाद भी मरीज को भर्ती नहीं लिया गया. रेफर पर्ची नहीं होने के कारण सदर अस्पताल में मरीज को दाखिला नहीं दिया गया. काफी मिन्नत करने के बाद एक निजी अस्पताल के डॉक्टर ने प्रसूता को भर्ती किया. जांच के बाद चिकित्सक ने मां के गर्भ में ही बच्चे की मौत हो जाने की बात बताई. इसके बाद प्रसूता की जान बचाने के लिए ऑपेरशन कर बच्चे को निकाला गया.



एएनएम पर पैसे मांगने का आरोप
प्रसूता के पति सुरेंद्र दास ने आरोप लगाया है कि अस्पताल में ऑन ड्यूटी एएनएम ने इलाज के नाम पर पैसे भी लिए. उसके बाद सुई और सलाइनस लगाया. उसके बाद प्रसव कराने के एवज में एक हजार रुपये की मांग की गई थी. पैसे नहीं देने पर लापरवाही बरती गई, जिसे स्थिति नाजुक हो गई और मरीज को रेफर कर दिया गया. घटना के बाद परिजन नवजात का शव लेकर बेंगाबाद अस्पताल पहुंचे और जमकर हंगामा किया.

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