गिरिडीहः साबो देवी सुन नहीं सकतीं, दिव्यांग महिला ने अपने जीवन काल में बहुत कुछ खोया है. 11-12 साल पहले साबो ने उस वक्त अपना पति खो दिया जब उसका छोटा बेटा करण गर्भ में था लेकिन अब उसका पुत्र करण भी नहीं रहा. करण, कोयला माफियाओं की करतूत का शिकार बन गया. लगभग एक दशक के दरमियान साबो ने गरीबी के साथ साथ ऊपर वाले की भी मार झेली है.
हालांकि दो वर्ष पूर्व साबो ने दिहाड़ी मजदूर अर्जुन भुइयां से शादी रचा ली लेकिन करण को खोने के बाद साबो अपने बड़े बेटे रौशन को देखकर जी रही है. दरअसल शुक्रवार को भदुआ पहाड़ी में हादसा हो गया. यहां पहले से खोले गए अवैध कोयला खदान में साबो का छोटा बेटा करण उस वक्त गिर गया जब वह बैर तोड़ने के लिए गया था. इस हादसे में करण ने दम तोड़ दिया. सीसीएल प्रबंधन और पुलिस की मौजूदगी में स्थानीय लोगों ने करण के शव को निकाला. शव का पोस्टमार्टम किया गया और शनिवार को अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू की गई.
खोज खोज कर इलीगल माइंस भरे सीसीएलः इस घटना के बाद लोगों द्वारा उन इलाके में भी डोजरिंग करने की मांग की है जो पहाड़ के बीच है और जिस इलाके में अवैध कोयला खदान का संचालन होता रहा है. शनिवार को पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन गिरिडीह के अध्यक्ष हरगौरी साहू छक्कू ने कहा कि इस हादसे के बाद सीसीएल को सर्वें कराना चाहिए और जहां भी इस तरह का जानलेवा खदान है उसे अविलंबर भरना चाहिए.
वहीं भाकपा माले नेता राजेश सिन्हा ने भी इसी तरह की मांग रखी है. जबकि स्थानीय वार्ड पार्षद अशोक रजक ने कहा कि मृतक के परिजनों को सरकारी मदद दिलाने का प्रयास जारी है. बताया कि सदर विधायक सुदिव्य कुमार ने भी इस घटना की जानकारी ली है. उन्होंने मुआवजा का भरोसा दिया है.
इसे भी पढ़ें- गिरिडीह में कोयला के अवैध खदान में गिरा बालक, रेस्क्यू के लिए पहुंची पुलिस
इसे भी पढे़ं- चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद अवैध कोयला खदान से निकाला गया बालक का शव, कोयला माफियाओं की तलाश तेज
इसे भी पढे़ं- कोयला के अवैध खदान में गिरा बालक, गड्ढे से बालक को निकालने में जुटा प्रशासन और सीसीएल प्रबंधन