गिरिडीहः डुमरी पथ पर बराकर पुल की रेलिंग को तोड़ते हुए नदी में गिरी बाबा सम्राट ्लिशान बस का कार्यालय बंद पड़ा हुआ है. इतना ही नहीं गिरिडीह के बस स्टैंड से बसें भी नदारद हैं. बस का मालिक या कोई भी कर्मी इस घटना के बाद से मीडिया के सामने नहीं आया है. दूसरी तरफ क्षेत्र में चर्चा का भी बाजार गर्म है. इन सबों के बीच ईटीवी भारत की टीम ने गिरिडीह बस स्टैंड जाकर वहां की स्थिति की जानकारी ली. यहां पर बाबा सम्राट के कार्यालय में ताला लटका मिला.
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बाबा सम्राट के कार्यालय के ठीक बगल में संचालित दुकान के संचालक से बात की गई. उन्होंने बताया कि जिस दिन से बस नदी में गिरी है उसके दूसरे दिन से ही कार्यालय बंद पड़ा है. यह भी बताया कि बाबा सम्राट की बस भी स्टैंड में नहीं आ रही है. दूसरी तरफ बस स्टैंड में रहने वाले अन्य लोगों ने बताया कि दुर्घटना के बाद से बस स्टैंड में यात्री की संख्या भी कम हो गई है.
भारी वाहनों के कागजात की हो जांचः वहीं यात्री वाहन के कारोबार से जुड़े प्रमोद लाल वर्णवाल का कहना है कि दुर्घटना होने के बाद प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधि, मीडिया की नींद खुलती है. यदि पहले से जिम्मेदार लोग सजग रहते, जगह जगह चेकपोस्ट लगाकर वाहनों की जांच होती तो शायद इस तरह के हादसे से बचा जा सकता था. इनका कहना है कि भारी वाहन खासकर जिन वाहनों पर यात्री चलते हैं, उनके कागजात की जांच समय समय पर होनी ही चाहिए.
क्या है मामलाः यहां बता दें कि शनिवार को बराकर नदी में बाबा सम्राट बस गिर गई थी. इस घटना में चार लोगों की मौत हो गई. इस घटना के बाद जब बस के कागजातों की पड़ताल हुई तो पता चला कि बस का बीमा दोपहिया मोड में है. इतना ही नहीं बगैर जांच किए ही परिवहन विभाग ने वाहन का फिटनेस व बाद में परमिट भी दे दिया है. इसके बाद से जिले में काफी हो हंगामा मचा हुआ है. जिले के डीसी नमन प्रियेश लकड़ा ने गंभीरता दिखाते हुए जांच कमिटी का गठन कर दिया है.