ETV Bharat / state

गिरिडीह में मनरेगा रॉयल्टी का गबन, विधायक सुदिव्य कुमार बोले- कराएंगे उच्चस्तरीय जांच

गिरिडीह में मनरेगा में खेल पर खेल सामने आ रहे हैं. अभी मनरेगा में काम से पहले भुगतान का मामला सुर्खियों में था कि अब मनरेगा रॉयल्टी में गबन के मामले ने तूल पकड़ लिया है. सत्तारूढ़ दल के गिरिडीह सदर से विधायक सुदिव्य कुमार ने ग्रामीण विकास मंत्री से मुलाकात कर उच्चस्तरीय जांच कराने का वादा किया है.

MGNREGA royalty embezzled in Giridih
गिरिडीह में मनरेगा रॉयल्टी का गबन
author img

By

Published : Jun 12, 2021, 6:31 PM IST

Updated : Jun 12, 2021, 9:00 PM IST

गिरिडीहः गिरिडीह में मनरेगा मैटेरियल की रॉयल्टी जमा करने में हुई गड़बड़ी यानी मनरेगा में गबन का मामला तूल पकड़ने लगा है. ईटीवी भारत की टीम की ओर से इस गड़बड़ी को उजागर करने के बाद जिले में चर्चाओं का बाजार गर्म है. गबन के इस प्रयास के मामले के सामने आने के बाद गिरिडीह के सदर विधायक ने इसे गम्भीरता से लिया है. विधायक ने कहा कि इस वित्तीय अनियमितता में वेंडर के अलावा अधिकारी भी दोषी हैं. इसकी उच्चस्तरीय जांच कराएंगे. इससे पहले मनरेगा में बिना काम हुए भुगतान किए जाने का मामला सामने आया था.

ये भी पढ़ें-गिरिडीह: माल महाराज का मिर्जा खेले होली, मनरेगा मेटेरियल की रॉयल्टी से मजे मार रहें हैं वेंडर


गिरिडीह में मनरेगा मैटेरियल के भुगतान में गड़बड़ी का मामला सामने आए अधिक दिन नहीं हुए कि अब मनरेगा मैटेरियल की रॉयल्टी जमा करने में गड़बड़ी का मामला जिले में सुर्खियों में है. खासकर भुगतान के क्रम कई वेंडर की ओर से काटी गई रकम को संबंधित विभाग के खाते में जमा नहीं करने का मामले ने तूल पकड़ लिया है. ईटीवी भारत की ओर से इस गड़बड़ी को उजागर किए जाने के बाद जिले के अधिकारियों में खलबली मची है.

MGNREGA royalty embezzled in Giridih
गिरिडीह में मनरेगा रॉयल्टी का गबन

अधिकारियों की मिलीभगत

आला अधिकारियों की बैठकों का दौर चल पड़ा है. गिरिडीह सदर विधायक सुदिव्य कुमार ने भी इस मामले को काफी गंभीरता से लिया है. सुदिव्य कुमार ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में सीधे तौर पर इस वित्तीय अनियमितता के लिए वेंडर के साथ उन अधिकारियों को भी कटघरे में खड़ा किया, जिन्हें इस गड़बड़ी की जानकारी थी.

रॉयल्टी का गबन हुआः विधायक


सत्ताधारी दल के विधायक सुदिव्य कुमार ने कहा कि तत्कालीन यूपीए सरकार की ओर से लाई गई महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में मनरेगा भी थी, जिससे गांव-ग्राम में लोगों को रोजगार से जोड़ने का संकल्प लिया गया था. अब इसमें खेल पर खेल सामने आ रहे हैं. गिरिडीह सदर विधायक सुदिव्य कुमार ने कहा कि मनरेगा के मैटेरियल भुगतान के दौरान काटी गई रॉयल्टी की राशि को सरकार के खाते में जमा नहीं की गई है तो यह वित्तीय अनियमितता और गबन का मामला बनता है.

देखें पूरी खबर
पदाधिकारियों की मिलीभगत के बगैर गबन संभव नहींः सुदिव्य कुमार


गिरिडीह सदर विधायक सुदिव्य कुमार ने कहा कि इस प्रकरण में कई लोगों की मिलीभगत हो सकती है. सरकार के नुमाइंदे हों, सरकार के पदाधिकारी हों, उनकी भी संलिप्तता रही होगी, तभी इस तरह की गड़बड़ी संभव हो सकी. विधायक ने कहा कि पूरे मामले का अध्ययन करने के बाद ग्रामीण विकास मंत्री से वे व्यक्तिगत तौर पर मिलकर एक उच्चस्तरीय जांच की मांग करेंगे ताकि सरकार की राशि, गरीब जनता की राशि का गबन करनेवालों को चिन्हित करने के साथ साथ दंडित किया जाए.

नोटिस देकर कार्रवाई नहीं करना बचाने जैसा


विधायक ने कहा कि किसी भी मामले में नोटिस देकर खानापूर्ति करने की प्रवृत्ति अधिकारियों ने अपना रखी है जो सही नहीं है. अधिकारी सिर्फ नोटिस करके अपनी जवाबदेही से पल्ला झाड़ लेना चाहते हैं जो एक खतरनाक प्रवृत्ति है. यदि नोटिस का जवाब नियत समय के अंतर्गत नहीं आया है तो कार्रवाई करने की जवाबदेही संबंधित पदाधिकारी की ही है. अगर अधिकारी नोटिस पर नोटिस देकर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं और रकम वेंडर के खाते में जा रही है तो कहीं न कहीं यह दर्शाता है कि इसमें संलिप्तता पदाधिकारियों की भी है.

ये भी पढ़ें-गिरिडीह में मनरेगा से गार्डवाल निर्माण में अनियमितता, सदर प्रखंड में निर्माण से पहले ही भुगतान

ईटीवी भारत को धन्यवाद

विधायक ने कहा कि नोटिस देकर पल्ला झाड़ लेने वाले लोग इस मामले में दूध के धुले नहीं हो सकते हैं, मामले की जांच हो तो समग्र हो और इस घोटाले में जुड़े हुए जितने भी लोग हैं उनपर कार्रवाई हो ताकि यह मिसाल बने कि मनरेगा की राशि गबन करने की सोच रखनेवाले लोग बच नहीं सकेंगे. साथ ही विधायक ने ईटीवी भारत की टीम की सराहना की. उन्होंने कहा कि ईटीवी भारत की टीम की खोजी पत्रकारिता के कारण ही इस गड़बड़ी से लोग वाकिफ हो सके हैं. उन्होंने ईटीवी को धन्यवाद भी दिया और यह भरोसा दिलाया कि इस गड़बड़ी में शामिल लोगों पर कार्रवाई होगी.

मनरेगा की वेबसाइट पर टैक्स के कॉलम में जीरो

विधायक सुदिव्य कुमार ने बताया की मनरेगा की वेबसाइट पर टैक्स के कॉलम में जीरो प्रदर्शित है. यह चिंता का विषय है. इस सिलसिले में वो ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम से मुलाकात करेंगे और मामले की जांच कराएंगे.

यह है पूरा मामला


दरअसल मनरेगा में मैटेरियल (ईंट, बालू, पत्थर, सीमेंट समेत अन्य सामान) की आपूर्ति वेंडर की ओर से की जाती है. मैटेरियल का यदि सरकारी चालान से आपूर्ति किया गया है तो रॉयल्टी नहीं काटी जाती है. यदि सरकारी चालान से सामानों की आपूर्ति नहीं की गई है तो डबल रॉयल्टी काटी जाती है. काटी गई रॉयल्टी को जिला खनन विभाग के खाते में जमा करनी होती है. लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. वेंडर के मैटेरियल आपूर्ति करने के बाद प्राक्कलन राशि से रॉयल्टी काट तो ली जा रही है लेकिन इस रकम को खनन विभाग के खाते में जमा नहीं किया जा रहा है. जिला खनन पदाधिकारी ने ही इसका खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि उनके विभाग के खाते में रॉयल्टी जमा करनी होती है लेकिन रकम जमा नहीं की जा रही है. वेंडर से रॉयल्टी जमा करवाने का काम बीडीओ का है, ऐसे में कई बार इस बारे में चिट्ठी लिखी है, लेकिन ध्यान नहीं दिया जा रहा है. इस मामले को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से उठाया था. अब इस पर बैठकों का दौर शुरू हुआ है. विधायक ने भी जांच कराने की बात कही है.

गिरिडीहः गिरिडीह में मनरेगा मैटेरियल की रॉयल्टी जमा करने में हुई गड़बड़ी यानी मनरेगा में गबन का मामला तूल पकड़ने लगा है. ईटीवी भारत की टीम की ओर से इस गड़बड़ी को उजागर करने के बाद जिले में चर्चाओं का बाजार गर्म है. गबन के इस प्रयास के मामले के सामने आने के बाद गिरिडीह के सदर विधायक ने इसे गम्भीरता से लिया है. विधायक ने कहा कि इस वित्तीय अनियमितता में वेंडर के अलावा अधिकारी भी दोषी हैं. इसकी उच्चस्तरीय जांच कराएंगे. इससे पहले मनरेगा में बिना काम हुए भुगतान किए जाने का मामला सामने आया था.

ये भी पढ़ें-गिरिडीह: माल महाराज का मिर्जा खेले होली, मनरेगा मेटेरियल की रॉयल्टी से मजे मार रहें हैं वेंडर


गिरिडीह में मनरेगा मैटेरियल के भुगतान में गड़बड़ी का मामला सामने आए अधिक दिन नहीं हुए कि अब मनरेगा मैटेरियल की रॉयल्टी जमा करने में गड़बड़ी का मामला जिले में सुर्खियों में है. खासकर भुगतान के क्रम कई वेंडर की ओर से काटी गई रकम को संबंधित विभाग के खाते में जमा नहीं करने का मामले ने तूल पकड़ लिया है. ईटीवी भारत की ओर से इस गड़बड़ी को उजागर किए जाने के बाद जिले के अधिकारियों में खलबली मची है.

MGNREGA royalty embezzled in Giridih
गिरिडीह में मनरेगा रॉयल्टी का गबन

अधिकारियों की मिलीभगत

आला अधिकारियों की बैठकों का दौर चल पड़ा है. गिरिडीह सदर विधायक सुदिव्य कुमार ने भी इस मामले को काफी गंभीरता से लिया है. सुदिव्य कुमार ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में सीधे तौर पर इस वित्तीय अनियमितता के लिए वेंडर के साथ उन अधिकारियों को भी कटघरे में खड़ा किया, जिन्हें इस गड़बड़ी की जानकारी थी.

रॉयल्टी का गबन हुआः विधायक


सत्ताधारी दल के विधायक सुदिव्य कुमार ने कहा कि तत्कालीन यूपीए सरकार की ओर से लाई गई महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में मनरेगा भी थी, जिससे गांव-ग्राम में लोगों को रोजगार से जोड़ने का संकल्प लिया गया था. अब इसमें खेल पर खेल सामने आ रहे हैं. गिरिडीह सदर विधायक सुदिव्य कुमार ने कहा कि मनरेगा के मैटेरियल भुगतान के दौरान काटी गई रॉयल्टी की राशि को सरकार के खाते में जमा नहीं की गई है तो यह वित्तीय अनियमितता और गबन का मामला बनता है.

देखें पूरी खबर
पदाधिकारियों की मिलीभगत के बगैर गबन संभव नहींः सुदिव्य कुमार


गिरिडीह सदर विधायक सुदिव्य कुमार ने कहा कि इस प्रकरण में कई लोगों की मिलीभगत हो सकती है. सरकार के नुमाइंदे हों, सरकार के पदाधिकारी हों, उनकी भी संलिप्तता रही होगी, तभी इस तरह की गड़बड़ी संभव हो सकी. विधायक ने कहा कि पूरे मामले का अध्ययन करने के बाद ग्रामीण विकास मंत्री से वे व्यक्तिगत तौर पर मिलकर एक उच्चस्तरीय जांच की मांग करेंगे ताकि सरकार की राशि, गरीब जनता की राशि का गबन करनेवालों को चिन्हित करने के साथ साथ दंडित किया जाए.

नोटिस देकर कार्रवाई नहीं करना बचाने जैसा


विधायक ने कहा कि किसी भी मामले में नोटिस देकर खानापूर्ति करने की प्रवृत्ति अधिकारियों ने अपना रखी है जो सही नहीं है. अधिकारी सिर्फ नोटिस करके अपनी जवाबदेही से पल्ला झाड़ लेना चाहते हैं जो एक खतरनाक प्रवृत्ति है. यदि नोटिस का जवाब नियत समय के अंतर्गत नहीं आया है तो कार्रवाई करने की जवाबदेही संबंधित पदाधिकारी की ही है. अगर अधिकारी नोटिस पर नोटिस देकर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं और रकम वेंडर के खाते में जा रही है तो कहीं न कहीं यह दर्शाता है कि इसमें संलिप्तता पदाधिकारियों की भी है.

ये भी पढ़ें-गिरिडीह में मनरेगा से गार्डवाल निर्माण में अनियमितता, सदर प्रखंड में निर्माण से पहले ही भुगतान

ईटीवी भारत को धन्यवाद

विधायक ने कहा कि नोटिस देकर पल्ला झाड़ लेने वाले लोग इस मामले में दूध के धुले नहीं हो सकते हैं, मामले की जांच हो तो समग्र हो और इस घोटाले में जुड़े हुए जितने भी लोग हैं उनपर कार्रवाई हो ताकि यह मिसाल बने कि मनरेगा की राशि गबन करने की सोच रखनेवाले लोग बच नहीं सकेंगे. साथ ही विधायक ने ईटीवी भारत की टीम की सराहना की. उन्होंने कहा कि ईटीवी भारत की टीम की खोजी पत्रकारिता के कारण ही इस गड़बड़ी से लोग वाकिफ हो सके हैं. उन्होंने ईटीवी को धन्यवाद भी दिया और यह भरोसा दिलाया कि इस गड़बड़ी में शामिल लोगों पर कार्रवाई होगी.

मनरेगा की वेबसाइट पर टैक्स के कॉलम में जीरो

विधायक सुदिव्य कुमार ने बताया की मनरेगा की वेबसाइट पर टैक्स के कॉलम में जीरो प्रदर्शित है. यह चिंता का विषय है. इस सिलसिले में वो ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम से मुलाकात करेंगे और मामले की जांच कराएंगे.

यह है पूरा मामला


दरअसल मनरेगा में मैटेरियल (ईंट, बालू, पत्थर, सीमेंट समेत अन्य सामान) की आपूर्ति वेंडर की ओर से की जाती है. मैटेरियल का यदि सरकारी चालान से आपूर्ति किया गया है तो रॉयल्टी नहीं काटी जाती है. यदि सरकारी चालान से सामानों की आपूर्ति नहीं की गई है तो डबल रॉयल्टी काटी जाती है. काटी गई रॉयल्टी को जिला खनन विभाग के खाते में जमा करनी होती है. लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. वेंडर के मैटेरियल आपूर्ति करने के बाद प्राक्कलन राशि से रॉयल्टी काट तो ली जा रही है लेकिन इस रकम को खनन विभाग के खाते में जमा नहीं किया जा रहा है. जिला खनन पदाधिकारी ने ही इसका खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि उनके विभाग के खाते में रॉयल्टी जमा करनी होती है लेकिन रकम जमा नहीं की जा रही है. वेंडर से रॉयल्टी जमा करवाने का काम बीडीओ का है, ऐसे में कई बार इस बारे में चिट्ठी लिखी है, लेकिन ध्यान नहीं दिया जा रहा है. इस मामले को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से उठाया था. अब इस पर बैठकों का दौर शुरू हुआ है. विधायक ने भी जांच कराने की बात कही है.

Last Updated : Jun 12, 2021, 9:00 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.