ETV Bharat / state

Mahashivratri 2023: हरिहरधाम में कर सकते हैं 65 फीट के शिवलिंग का दर्शन, महाशिवरात्रि पर ये पहनकर आने की है मनाही

गिरिडीह के बगोदर प्रखंड स्थित भारत के अनोखे शिवमंदिर हरिहरधाम में महा शिवरात्रि की तैयारी पूरी कर ली गई है. इस मौके पर बाबा भोले पर जलाभिषेक और पूजा-अर्चना करने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है. शिवरात्रि को लेकर मंदिर परिसर में साज-सजावट की विशेष तैयारी की गई है.

Mahashivaratri in Harihar Dham
Mahashivaratri in Harihar Dham
author img

By

Published : Feb 17, 2023, 10:08 AM IST

Updated : Feb 17, 2023, 10:47 AM IST

देखें पूरी खबर

बगोदर, गिरिडीह: बगोदर के हरिहरधाम में महाशिवरात्रि की तैयारी पूरी हो चुकी है. यहां पर साफ-सफाई के साथ-साथ मंदिर के रंग-रोगन का काम भी पूरा कर लिया गया है. मंदिर प्रंबधन ने महिला श्रद्धालुओं से शिवरात्रि के मौके पर गहने-जेवरात पहनकर नहीं आने की अपील की है. प्रबंधक भीम यादव ने कहा है कि भीड़ के बीच चोर-उचक्कों की नजर गहने- जेवरातों पर रहता है. ऐसे में उनके गहने-जेवरात पर चोर-उचक्कों के द्वारा हाथ साफ किया जाता है.

ये भी पढ़ें- Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि पर दुर्लभ संयोग, शनि देव अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में रहेंगे विराजमान, जानिए कब और कैसे करें पूजा

उन्होंने कहा है कि गहने जेवरात पहनकर आने एवं उसकी चोरी होने पर मंदिर कमेटी जिम्मेवार नहीं होगा. हरिहरधाम में पूजा करने के लिए बगोदर समेत दूर-दराज से भी श्रद्धालु पहुंचते हैं. मंदिर के पुजारी विजय पाठक ने बताया कि महाशिवरात्रि की तैयारी पूरी कर ली गई है. महाशिवरात्रि के मौके पर विशेष पूजा-अर्जना का आयोजन किया जाता है, यहां पर चारों पहर पूजा की जाती है. साज-सजावट की विशेष ख्याल रखा जाता है. महाशिवरात्रि के मौके पर पहले सरकारी पूजा होगी उसके बाद आम श्रद्धालुओं के लिए दिन भर मंदिर खुला रहेगा. रात्रि में श्रृंगार पूजा के अलावा चारों पहर पूजा की जाएगी. इस बीच शिव-पार्वती विवाह उत्सव मनाया जाएगा. महाशिवरात्रि के मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जा रहा है.

जेवरात पहनकर पूजा करने नहीं आने की अपील: मंदिर प्रबंधक भीम यादव ने कहा है कि महा शिवरात्रि पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. उन्होंने बताया कि भीड़ भाड़ के बीच कभी-कभी चोर उचक्कों के द्वारा महिला श्रद्धालुओं से जेवरात पर हाथ साफ कर लिया जाता है. मंदिर प्रबंधन की ओर से अपील कि गई है कि श्रद्धालु गहने पहनकर पूजा करने ना आएं. जेवरात की चोरी होने या फिर भुलाने पर मंदिर प्रबंधक जिम्मेवार नहीं होगा.

अनोखे शिव मंदिर की अनोखी कहानी: मंदिर का आकर शिव लिंगाकार होने के कारण यह मंदिर अपने आप में अनोखा है, जिसकी की ऊंचाई भी 65 फीट है. पश्चिम बंगाल के बाबा अमरनाथ मुखोपाध्याय ने इस मंदिर का निर्माण कराया था. बताया जाता है कि वे काफी विद्धान थे. अमरनाथ मुखोपाध्याय पश्चिम बंगाल की अदालत में जज थे. वे चारों धाम की यात्रा के लिए पदयात्रा करने निकले थे. इस दौरान वे कुछ समय के लिए बगोदर में रूके थे, जिसके बाद उन्होंने यहां मंदिर बनाने का फैसला लिया. लोगों के सहयोग से इस मंदिर का निर्माण कार्य पूरा कराया गया. मंदिर निर्माण कार्य पूरा होने के बाद 1988 में महायज्ञ के साथ मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा किया गया और फिर यहां श्रद्धालुओं के द्वारा पूजा-अर्चना शुरू की गई.

देखें पूरी खबर

बगोदर, गिरिडीह: बगोदर के हरिहरधाम में महाशिवरात्रि की तैयारी पूरी हो चुकी है. यहां पर साफ-सफाई के साथ-साथ मंदिर के रंग-रोगन का काम भी पूरा कर लिया गया है. मंदिर प्रंबधन ने महिला श्रद्धालुओं से शिवरात्रि के मौके पर गहने-जेवरात पहनकर नहीं आने की अपील की है. प्रबंधक भीम यादव ने कहा है कि भीड़ के बीच चोर-उचक्कों की नजर गहने- जेवरातों पर रहता है. ऐसे में उनके गहने-जेवरात पर चोर-उचक्कों के द्वारा हाथ साफ किया जाता है.

ये भी पढ़ें- Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि पर दुर्लभ संयोग, शनि देव अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में रहेंगे विराजमान, जानिए कब और कैसे करें पूजा

उन्होंने कहा है कि गहने जेवरात पहनकर आने एवं उसकी चोरी होने पर मंदिर कमेटी जिम्मेवार नहीं होगा. हरिहरधाम में पूजा करने के लिए बगोदर समेत दूर-दराज से भी श्रद्धालु पहुंचते हैं. मंदिर के पुजारी विजय पाठक ने बताया कि महाशिवरात्रि की तैयारी पूरी कर ली गई है. महाशिवरात्रि के मौके पर विशेष पूजा-अर्जना का आयोजन किया जाता है, यहां पर चारों पहर पूजा की जाती है. साज-सजावट की विशेष ख्याल रखा जाता है. महाशिवरात्रि के मौके पर पहले सरकारी पूजा होगी उसके बाद आम श्रद्धालुओं के लिए दिन भर मंदिर खुला रहेगा. रात्रि में श्रृंगार पूजा के अलावा चारों पहर पूजा की जाएगी. इस बीच शिव-पार्वती विवाह उत्सव मनाया जाएगा. महाशिवरात्रि के मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जा रहा है.

जेवरात पहनकर पूजा करने नहीं आने की अपील: मंदिर प्रबंधक भीम यादव ने कहा है कि महा शिवरात्रि पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. उन्होंने बताया कि भीड़ भाड़ के बीच कभी-कभी चोर उचक्कों के द्वारा महिला श्रद्धालुओं से जेवरात पर हाथ साफ कर लिया जाता है. मंदिर प्रबंधन की ओर से अपील कि गई है कि श्रद्धालु गहने पहनकर पूजा करने ना आएं. जेवरात की चोरी होने या फिर भुलाने पर मंदिर प्रबंधक जिम्मेवार नहीं होगा.

अनोखे शिव मंदिर की अनोखी कहानी: मंदिर का आकर शिव लिंगाकार होने के कारण यह मंदिर अपने आप में अनोखा है, जिसकी की ऊंचाई भी 65 फीट है. पश्चिम बंगाल के बाबा अमरनाथ मुखोपाध्याय ने इस मंदिर का निर्माण कराया था. बताया जाता है कि वे काफी विद्धान थे. अमरनाथ मुखोपाध्याय पश्चिम बंगाल की अदालत में जज थे. वे चारों धाम की यात्रा के लिए पदयात्रा करने निकले थे. इस दौरान वे कुछ समय के लिए बगोदर में रूके थे, जिसके बाद उन्होंने यहां मंदिर बनाने का फैसला लिया. लोगों के सहयोग से इस मंदिर का निर्माण कार्य पूरा कराया गया. मंदिर निर्माण कार्य पूरा होने के बाद 1988 में महायज्ञ के साथ मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा किया गया और फिर यहां श्रद्धालुओं के द्वारा पूजा-अर्चना शुरू की गई.

Last Updated : Feb 17, 2023, 10:47 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.