बगोदर, गिरिडीह: कुड़मी समाज के द्वारा बगोदर प्रखंड के गोपालडीह में कुड़माली भाखी चारि आखड़ा का आयोजन किया गया. इसमें आसपास के क्षेत्रों के कुड़मी समाज के लोगों का महाजुटान हुआ. इसमें महिलाएं भी शामिल हुईं. कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कुड़मी समाज से जुड़े लोग धनबाद, बोकारो, हजारीबाग, गिरिडीह आदि जिलों से पहुंचे थे. कार्यक्रम के पूर्व अतिथियों और आगंतुकों को पीला गमछा देकर सम्मानित किया गया. सम्मानित होने वालों में पंचायत प्रतिनिधि के रूप में चयनित महिलाएं भी शामिल थीं. इस बीच सांस्कृतिक कार्यक्रम में बच्चियों के द्वारा कुड़माली गीत पर नृत्य प्रस्तुत किया गया. वहीं समाज की महिलाओं के द्वारा कुड़माली गीत की प्रस्तुति की गई. कार्यक्रम के माध्यम से कुड़मी समाज को कुड़माली नेगाचारी अपनाने की अपील की गई.
कुड़मी समाज को आदिवासी का दर्जा दे सरकारः अतिथियों ने कहा कि कुड़मी आदिवासी हैं, लेकिन सरकार कुड़मी को अनुसूचित जनजाति का दर्जा नहीं दे रही है. इसके कारण कुड़मी समाज को हक, अधिकार और आरक्षण के लाभ से वंचित रहना पड़ रहा है. इस दौरान कुड़मी समाज के लोगों ने कहा कि कुड़माली नेगाचारी से कुड़मी समाज दूर होता जा रहा है. जब तक हमारा समाज कुड़माली नेगाचारी को नहीं अपनाएगा, तब तक हमें आदिवासी का दर्जा नहीं मिल सकता है. इसलिए समाज के लोगों को कुड़माली नेगाचारी अपनाने की जरूरत है. कुड़मी समाज के लोगों से अपील की गई कि वे कुड़माली नेगाचारी के तहत ही शादी- ब्याह, भोज- भंडारा आदि का आयोजन करें.
कार्यक्रम में ये थे मौजूदः वहीं कार्यक्रम में प्रो बीएन महतो मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे. मौके पर बेको पूर्वी के पूर्व मुखिया टेकलाल चौधरी, प्रो दीपक कुमार, प्रो धानेश्वर विधार्थी, जितेंद्र महतो, महादेव डुमरयार, केदार महतो, राजाराम महतो, सुरेश महतो, दौलत महतो, मुखिया प्रदीप महतो, छोटन प्रसाद छात्र, पूर्व मुखिया कंचन देवी, शंकर महतो, दिनेश महतो, महेश महतो, राजेंद्र महतो, नारायण महतो, नंदकिशोर महतो, पंकज कुमार, उमाशंकर महतो, कामेश्वर महतो आदि उपस्थित थे.