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बाबूलाल मरांडी के आरोपों पर जेएमएम का पलटवार, विधायक सुदिव्य कुमार पर साधा था निशाना

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने पिछले दिनों गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. इस पर गिरिडीह की राजनीति गरमा गई है. जेएमएम ने पलटवार करते हुए कहा कि बिना साक्ष्य के आरोप लगाए जा रहे हैं.

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गिरिडीह में जमीन पर मचा बवाल
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Published : Jun 26, 2021, 11:00 PM IST

गिरिडीहः पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने गिरिडीह के जेएमएम विधायक सुदिव्य कुमार पर जमीन माफिया को संरक्षण देने का गंभीर आरोप लगाया है. इसको लेकर पिछले दिनों एक पत्र मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लिखा है. बाबूलाल के इस आरोप के बाद गिरिडीह की राजनीतिक गरमा गई है. जेएमएम विधायक ने मानहानि का मुकदमा करने की बात कही है. वहीं जेएमएम जिला कमेटी ने कहा कि बाबूलाल मरांडी बिना साक्ष्य के आरोप लगा रहे हैं.

यह भी पढ़ेंःबाबूलाल मरांडी का झारखंड सरकार पर हमला, कहा- हेमंत राज में लॉ एंड ऑर्डर फेल
जेएमएम जिलाध्यक्ष संजय सिंह ने कहा कि बगैर किसी सबूत के विधायक पर आरोप लगाना बाबूलाल मरांडी जैसे ऊंचे कद के नेता को शोभा नहीं देता हैं. उन्होंने कहा कि बाबूलाल के पास कोई सबूत हैं, तो उसे जांच एजेंसियों को दें. उन्होंने कहा कि पार्टी की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया है.

देखें पूरी रिपोर्ट

2002 में ही हुआ था म्युटेशन

संजय सिंह ने कहा कि बाबूलाल मरांडी ने जो आरोप लगाए हैं, उस जमीन का म्युटेशन 2002 में हुआ था. तब बाबूलाल मरांडी राज्य के मुख्यमंत्री थे. उन्होंने कहा कि वर्ष 2002 में झारखंड अलग हुआ, तो राज्य के मुख्यमंत्री बाबूलाल थे. उस समय जमीन माफिया काफी सक्रिय थे. वर्ष 2020 में शहर के बरगंडा में एक तालाब भर दिया गया. इस करतूत में कौन लोग शामिल हैं यह सभी जानते हैं. उन्होंने कहा कि जिनका घर खुद शीशे के हों, वे दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकते हैं.

गिरिडीहः पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने गिरिडीह के जेएमएम विधायक सुदिव्य कुमार पर जमीन माफिया को संरक्षण देने का गंभीर आरोप लगाया है. इसको लेकर पिछले दिनों एक पत्र मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लिखा है. बाबूलाल के इस आरोप के बाद गिरिडीह की राजनीतिक गरमा गई है. जेएमएम विधायक ने मानहानि का मुकदमा करने की बात कही है. वहीं जेएमएम जिला कमेटी ने कहा कि बाबूलाल मरांडी बिना साक्ष्य के आरोप लगा रहे हैं.

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जेएमएम जिलाध्यक्ष संजय सिंह ने कहा कि बगैर किसी सबूत के विधायक पर आरोप लगाना बाबूलाल मरांडी जैसे ऊंचे कद के नेता को शोभा नहीं देता हैं. उन्होंने कहा कि बाबूलाल के पास कोई सबूत हैं, तो उसे जांच एजेंसियों को दें. उन्होंने कहा कि पार्टी की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया है.

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2002 में ही हुआ था म्युटेशन

संजय सिंह ने कहा कि बाबूलाल मरांडी ने जो आरोप लगाए हैं, उस जमीन का म्युटेशन 2002 में हुआ था. तब बाबूलाल मरांडी राज्य के मुख्यमंत्री थे. उन्होंने कहा कि वर्ष 2002 में झारखंड अलग हुआ, तो राज्य के मुख्यमंत्री बाबूलाल थे. उस समय जमीन माफिया काफी सक्रिय थे. वर्ष 2020 में शहर के बरगंडा में एक तालाब भर दिया गया. इस करतूत में कौन लोग शामिल हैं यह सभी जानते हैं. उन्होंने कहा कि जिनका घर खुद शीशे के हों, वे दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकते हैं.

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