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रोजगार की तलाश में चेन्नई गया मजदूर लापता, कोयला लोडिंग बंद होने के बाद गया था परदेस

गिरिडीह में कोयला उत्पादन बंद है तो असंगठित मजदूरों का पलायन भी हो रहा है. रोजगार की तलाश में गए मजदूरों की स्थिति प्रदेश में ठीक नहीं है. काम की तलाश में गया एक मजदूर तो चेन्नई से लापता हो गया है. Jharkhand laborer missing from Chennai.

Jharkhand laborer missing from Chennai
Jharkhand laborer missing from Chennai
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Published : Aug 24, 2022, 4:24 PM IST

Updated : Aug 24, 2022, 5:12 PM IST

गिरिडीह: जिले में सीसीएल का दोनों माइंस बंद पड़ा है. माइंस बंद है तो रोजगार पर सीधा असर है. ट्रकों पर कोयला लोड करनेवाले मजदूरों पर तो शामत ही आन पड़ी है. घर का चूल्हा ठंडा नहीं हो यह सभी सोच रहे हैं ऐसे में रोजगार के लिए पलायन (migrant workers) भी हो रहा है. ऐसी ही सोच लिए बनियाडीह के कोपा का डोमा दास आठ माह पूर्व चेन्नई से घर के लिए चला लेकिन अब डोमा का कुछ भी पता नहीं है (Jharkhand laborer missing from Chennai).

ये भी पढ़ें- पलामू में सुखाड़ की आहट से रोटी की चिंता, पलायन रोकने के लिए बन रहा प्लान

घर वापसी के लिए बस पर बैठा, हो गया लापता: डोमा के घरवाले बताते हैं कि चेन्नई में कुछ दिनों तक काम करने के बाद वह वापस लौटने के लिए बस पर बैठा लेकिन इसके बाद कुछ भी पता नहीं चल पाया है. घरवालों का कहना है कि डोमा की खोज काफी की गई परन्तु कुछ भी पता नहीं चला. डोमा वापस नहीं आया है. पता नहीं उसके साथ क्या हुआ. हालांकि डोमा के घरवालों को यह उम्मीद है कि एक दिन वह जरूर लौटेगा. इन सबों के बीच आज डोमा के घरवालों के सामने दो वक्त का भोजन परेशानी खड़ा कर रहा है. जिस रोटी की तलाश में डोमा घर छोड़ प्रदेश गया था वह समस्या जस की तस बनी हुई है.

देखें पूरी खबर

लापता युवक की मां कुंती मोसोमात व पत्नी हिरिया देवी ने बताया कि जब डोमा लापता हो गया तो वे लोग खोजने के लिए चेन्नई तक गए. चेन्नई पुलिस के पास शिकायत की, पुलिस ने तस्वीर भी ली लेकिन इसके आगे कुछ नहीं हुआ. कुंती ने बताया कि डोमा ही कमाऊ पुत्र था. अब वह नहीं है तो कोयला चुनकर उसे बेचकर गुजारा होता है. कहा कि बेटा के बगैर एक एक दिन गुजाराना मुश्किल हो गया है. इधर स्थानीय लोगों ने इस मामले से प्रशासनिक अधिकारी को अवगत कराया है. यहां बता दें कि सीटीओ ( कंसर्ट टू ऑपरेट ) के अभाव में गिरिडीह कोलियरी का ओपेनकास्ट व कबरीबाद माइंस बंद है. माइंस बंद है तो कोयला उत्पादन नहीं हो रहा है.

गिरिडीह: जिले में सीसीएल का दोनों माइंस बंद पड़ा है. माइंस बंद है तो रोजगार पर सीधा असर है. ट्रकों पर कोयला लोड करनेवाले मजदूरों पर तो शामत ही आन पड़ी है. घर का चूल्हा ठंडा नहीं हो यह सभी सोच रहे हैं ऐसे में रोजगार के लिए पलायन (migrant workers) भी हो रहा है. ऐसी ही सोच लिए बनियाडीह के कोपा का डोमा दास आठ माह पूर्व चेन्नई से घर के लिए चला लेकिन अब डोमा का कुछ भी पता नहीं है (Jharkhand laborer missing from Chennai).

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घर वापसी के लिए बस पर बैठा, हो गया लापता: डोमा के घरवाले बताते हैं कि चेन्नई में कुछ दिनों तक काम करने के बाद वह वापस लौटने के लिए बस पर बैठा लेकिन इसके बाद कुछ भी पता नहीं चल पाया है. घरवालों का कहना है कि डोमा की खोज काफी की गई परन्तु कुछ भी पता नहीं चला. डोमा वापस नहीं आया है. पता नहीं उसके साथ क्या हुआ. हालांकि डोमा के घरवालों को यह उम्मीद है कि एक दिन वह जरूर लौटेगा. इन सबों के बीच आज डोमा के घरवालों के सामने दो वक्त का भोजन परेशानी खड़ा कर रहा है. जिस रोटी की तलाश में डोमा घर छोड़ प्रदेश गया था वह समस्या जस की तस बनी हुई है.

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लापता युवक की मां कुंती मोसोमात व पत्नी हिरिया देवी ने बताया कि जब डोमा लापता हो गया तो वे लोग खोजने के लिए चेन्नई तक गए. चेन्नई पुलिस के पास शिकायत की, पुलिस ने तस्वीर भी ली लेकिन इसके आगे कुछ नहीं हुआ. कुंती ने बताया कि डोमा ही कमाऊ पुत्र था. अब वह नहीं है तो कोयला चुनकर उसे बेचकर गुजारा होता है. कहा कि बेटा के बगैर एक एक दिन गुजाराना मुश्किल हो गया है. इधर स्थानीय लोगों ने इस मामले से प्रशासनिक अधिकारी को अवगत कराया है. यहां बता दें कि सीटीओ ( कंसर्ट टू ऑपरेट ) के अभाव में गिरिडीह कोलियरी का ओपेनकास्ट व कबरीबाद माइंस बंद है. माइंस बंद है तो कोयला उत्पादन नहीं हो रहा है.

Last Updated : Aug 24, 2022, 5:12 PM IST
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