गिरिडीह: मणिपुर पिछले चार माह से हिंसा की आग में जल रहा है. हर रोज यहां से कुछ न कुछ खबर सामने आती रहती है. कभी महिलाओं के साथ अमानवीय हरकत तो कभी हत्या से जुड़ी घटना सुर्खियों में रहती है. मणिपुर की इस स्थिति को लेकर विपक्ष लगातार केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोल रहा.
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केंद्र के खिलाफ गठित इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) लगातार सड़क पर उतर रही है. मणिपुर के मामले को लेकर गिरिडीह में इस अलायंस में शामिल झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस, भाकपा माले, राष्ट्रीय जनता दल, जदयू, आम आदमी पार्टी के नेताओं ने जिला समाहरणालय के समक्ष धरना दिया. यहां केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ खूब नारेबाजी हुई
क्या कहा वक्ताओं ने: यहां पर झामुमो जिलाध्यक्ष संजय सिंह ने कहा कि मणिपुर में हर दिन घटना घट रही है. अब तो वहां के मंत्रियों को भी जनता ने निशाने पर ले लिया है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह ने चुप्पी साध ली है. आखिर यह चुप्पी क्यों हैं, जब मणिपुर की सरकार हिंसा रोकने में फेल है तो ऐसी सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए.
कांग्रेस के जिलाध्यक्ष धनंजय सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष सतीश केडिया ने भी मोदी सरकार को घेरा. सतीश केडिया ने कहा कि रोम जल रहा था और नीरो बांसुरी बजा रहा था. वही हालत मणिपुर की हो गई है. मणिपुर जल रहा है और प्रधानमंत्री चुप्पी साधे हुए हैं. कहा कि मध्यप्रदेश में भी अपराध का ग्राफ बढ़ा हुआ है. भाकपा माले नेता राजेश सिन्हा, आम आदमी पार्टी नेता कृष्ण मुरारी शर्मा ने केंद्र सरकार को दमनकारी बताया. इस दौरान त्रिभुवन दयाल, अजीत कुमार पप्पू, तेजलाल मंडल, हरगौरी साहू, ऋषिकेश मिश्रा, जगत पासवान, गिरेद्र यादव, प्रमिला मेहरा, चांद रशीद समेत कई लोग मौजूद थे.