गिरिडीह: बगोदर थाना क्षेत्र के लुकूईया-संतुरपी और तुकतुको सीमा क्षेत्र के कारीमाटी जंगल में शनिवार को आग लग गई. इससे बड़ी संख्या में पेड़ पौधे झुलस गए. जंगल में आग कैसे लगी, इसकी जानकारी किसी को नहीं है. जंगल में लगी आग तेजी से फैल रही थी. जंगल सुरक्षा में निकली वन बचाव समिति से जुड़ी महिलाओं की नजर जब आग पर पड़ी. तब ग्रामीणों को सूचना दी गई. इसके बाद वन बचाव समिति से जुड़े लोगों के साथ ग्रामीण जंगल पहुंचे और आग बुझाने में जुट गए. इस बीच वन विभाग को भी जंगल में लगी आग की सूचना दी गई. तब सिपाही डीलो रविदास और हीरामण कुमार भी पहुंचे और वन बचाव समिति का आग बुझाने में सहयोग किया.
20 एकड़ जंगल में फैली थी आग: तुकतुको वन बचाव समिति के अध्यक्ष भुवनेश्वर महतो ने बताया कि जंगल में आग कब और कैसे लगी, इसकी जानकारी किसी को नहीं है. वन बचाव समिति की महिलाएं वन की निगरानी के लिए निकली थी, तभी दिन के 11 बजे के करीब उन्होंने जंगल में आग देखा. जिसके बाद फिर ग्रामीणों को इसकी जानकारी दी गई. तब ग्रामीण भी पहुंचे और घंटों मशक्कत के बाद करीब 5 बजे जंगल में लगी आग को पूरी तरह से बुझा लिया गया. बताया कि करीब 20 एकड़ जंगल में आग फैल गई थी. कई पेड़ पौधे झुलस गए.
लाठी और डंडे से जंगल में बिखरे खर- पतवार को हटाया गया, इससे आग को फैलने से रोकने में मदद मिली. फिर आग पर काबू पाया गया. आग बुझाने में जुटे वन बचाव समिति के रामदेव महतो ने बताया कि जंगल में लगी आग को बुझाने में 50 की संख्या में ग्रामीण जुटे रहें. इसमें महिलाएं भी शामिल थी. सिपाही डीलो रविदास ने बताया कि वन बचाव समिति से जुड़े लोगों और ग्रामीणों के सहयोग से आग पर काबू पाया गया. आग बुझाने में तेजनारायण पासवान, निर्मल महतो, पवन महतो, भोला महतो, पूनम देवी, गायत्री देवी, चमेली देवी, लीलावती देवी, हेमंती देवी आदि का योगदान रहा.