गिरिडीह: जिले में बगोदर बाजार में मनाए जाने वाले दुर्गोत्सव का इस वर्ष 100 साल पूरे हो रहे हैं. ऐसे में यहां बड़े ही धूमधाम से दुर्गा उत्सव मनाया जाना था. इसके लिए प्लान भी बना लिए गए थे, लेकिन कोरोना काल ने इस पर पानी फेर दिया है. वैसे तो हर साल यहां बड़े ही धूमधाम से दुर्गोत्सव मनता आ रहा है, लेकिन शताब्दी वर्ष होने के कारण हर साल की अपेक्षा इस साल और भी बेहतर भव्य तरीके से दुर्गा पूजा मनाया जाना था. कोरोना के कारण अब सरकार के गाइडलाइन के अनुसार दुर्गोत्सव मनाया जा रहा है.
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अंग्रेजी हुकूमत के समय से मन रहा दुर्गोत्सव
अंग्रेजी हुकूमत के समय 1920 ईस्वीं में स्थानीय जमींदार सोहन राम महतो के नेतृत्व चौरसिया परिवार ने यहां दुर्गोत्सव की शुरुआत की थी. तब से लेकर अब तक यहां लगातार दुर्गोत्सब मनता आ रहा है. बताया जाता है कि 1920 के पूर्व बगोदर में दुर्गा पूजा का आयोजन नहीं होता था. ऐसे में जब जमींदार परिवार के सदस्यों के मन में दुर्गा पूजा देखने का ख्याल आया तब परिवार के सदस्य दुर्गा पूजा देखने के लिए डुमरी चले गए. जमींदार को यह बात पसंद नहीं आई और फिर उन्होंने 1920 में दुर्गा पूजा का आयोजन बगोदर में प्रारंभ कर दिया.