गिरिडीह: जिलावासियों खासकर कोयलांचल के लोगों को शुकुन देने वाली खबर है. खबर सीसीएल गिरिडीह परियोजना के कबरीबाद माइंस से जुड़ी है. पांच साल से बंद इस माइंस के शुरू होने के आसार बढ़ गए हैं. कबरीबाद माइंस को पर्यावरण मंजूरी के बाद झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा सीटीई (Consent to Establish) यानी अनापत्ति प्रमाण पत्र दे दिया गया है.
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अब सीटीओ (Consent to Operate) के चंद दिनों में मिलने की उम्मीद है. सीटीओ मिलते ही माइंस से कोयला का उत्पादन शुरू हो जाएगा. यह जानकारी गिरिडीह के विधायक सुदिव्य कुमार के साथ साथ परियोजना पदाधिकारी संजय कुमार सिंह ने दी. पीओ एसके सिंह ने बताया कि दो दिनों की छुट्टी के कारण कंसेंट टू ऑपरेट (CTO) नहीं मिल सका है. अगले सप्ताह प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा सीटीओ भी निर्गत कर दिया जाएगा. सीटीओ के मिलते ही कबरीबाद माइंस से कोयला का उत्पादन शुरू हो जाएगा.
जनप्रतिनिधी और अधिकारियों का प्रयास: बता दें कि 10 दिनों पूर्व ही पर्यावरण मंजूरी मिली थी. उस दिन से ही माइंस को शुरू करने की सारी प्रक्रिया को तेज कर दिया गया था. प्रबंधक-जनप्रतिनिधियों का प्रयास महाप्रबंधक मनोज कुमार अग्रवाल के नेतृत्व में परियोजना पदाधिकारी एसके सिंह, शम्मी कपूर जैसे अधिकारी अपनी तरफ से प्रयासरत थे. दूसरी तरफ कोडरमा सांसद अन्नपूर्णा देवी और गिरिडीह सांसद सीपी चौधरी के साथ साथ गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार भी अपने अपने स्तर से प्रयास कर रहे थे.
फरवरी में ही उत्पादन शुरू होने का दावा: विधायक सुदिव्य ने जनसुनवाई से लेकर सीटीई दिलवाने में पूरी ताकत झोंक दी थी. इनका कहना है कि हर हाल में इसी माह कबरीबाद माइंस से कोयला का उत्पादन शुरू हो जाएगा. उन्होंने कहा कि इस माइंस के शुरू होने से यहां के स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा. असंगठित मजदूरों को भी सीधा फायदा होगा. विधायक ने कहा कि सीटीओ अगले सप्ताह तक मिल जाएगा.
बता दें कि सीसीएल गिरिडीह परियोजना के अंतर्गत दो माइंस है. एक गिरिडीह माइंस तो दूसरा कबरीबाद माइंस है. सीटीओ के अभाव में पांच साल से कबरीबाद माइंस तो पिछले 14 माह से गिरिडीह माइंस बंद पड़ा हुआ है. दोनों माइंस के बंद रहने से रोजगार पर सीधा असर पड़ा है. ट्रक मालिक, चालक-उपचालक के साथ साथ असंगठित मजदूर सीधे प्रभावित हुए हैं. कई मजदूर तो जिला छोड़कर दूसरे प्रदेश जा चुके हैं. अब माइंस के शुरू होने से लोगों को राहत मिलेगी.