गिरिडीह: राहुल गांधी की सदस्यता जाने के बाद से कांग्रेस पार्टी ने आंदोलन शुरू कर दिया है. इसी के तहत भारत सत्याग्रह आंदोलन किया जा रहा है. इस भारत सत्याग्रह के तहत नुक्कड़ सभा आयोजित हो रहा है. गिरिडीह शहरी इलाके में पिछले चार दिनों से नुक्कड़ सभा किया जा रहा है. पार्टी के जिला कार्यकारी अध्यक्ष सतीश केडिया के नेतृत्व में चल रहे इस कार्यक्रम में वक्ताओं द्वारा केंद्र सरकार और भाजपा के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली जा रही है.
ऐसे ही कार्यक्रम संबोधित करते हुए पार्टी के जिला कार्यकारी अध्यक्ष सतीश केडिया ने कहा कि 'हम महंगाई की बात करने नहीं आए हैं, 400 का सिलेंडर 1200 रुपए का हो गया है, उसकी बात करने नहीं आए हैं, डीजल 50 से 100 हो गया, उसकी बात करने नहीं आए हैं. दो करोड़ रोजगार प्रतिवर्ष जो देने का वायदा किया गया था, उसकी बात करने नहीं आए हैं. हम देश की बात करने आए हैं. देश को बचाने की बात करने आए हैं. किस तरह से देश के लोकतांत्रिक ढांचे को ध्वस्त करने की कोशिश की जा रही है.'
कांग्रेस नेता ने कहा 'सदन में हमारे नेता राहुल गांधी की सदस्यता समाप्त कर दी गई, जिस मामले में उनको सजा सुना कर सदस्यता समाप्त कर दी गई, वह बतलाता है कि पीएम नरेंद्र मोदी किस तरह से विपक्ष मुक्त भारत बनाने की बात कहते रहे हैं.' सभा को संबोधित करते हुए जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष अशोक विश्वकर्मा, महमूद अली खान, नगर अध्यक्ष सद्दाम हुसैन ने एक स्वर में यह कहा कि न्यायपालिका जो कार्य कर रही है, हमें इस बारे में कुछ भी नहीं कहना. हम न्यायपालिका के हर निर्णय का सम्मान करते हैं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी की सरकार जो दोहरी नीति अपना रही है, हम उसकी कड़ी आलोचना करते हैं.
दोहरा मापदंड अपना रही है केंद्र सरकार: नेताओं ने कहा कि गुजरात से भाजपा सांसद नारायण भाई कांछाड़िया को गुजरात की एक अदालत ने दलित डॉक्टर के साथ मारपीट के मामले को लेकर 2016 में 3 वर्ष की सजा सुनाई थी. इन्हें इसी व्यवस्था ने कई हफ्ते का समय दिया था, ताकि कांछाड़िया उच्च न्यायालय में जा सकें. लेकिन जब उच्च न्यायालय में उनकी सजा को बरकरार रखा गया तो उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय में गुहार लगाई और सर्वोच्च न्यायालय ने उनको पांच लाख जुर्माने और माफी मांगने की सजा के साथ छोड़ दिया और उनकी सदस्यता बरकरार रखी गई. राहुल गांधी के प्रकरण में ऐसी क्या जल्दबाजी थी कि एक दिन के अंदर उनकी सदस्यता समाप्त कर दी गई और दूसरे दिन उन्हें बंगला खाली करने का आदेश दे दिया गया.