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गिरिडीह में गरीबों का तन ढंकने में जुटा कपड़ा बैंक, ठंड में लोगों को दे रहा है राहत - Giridih news

गिरिडीह में कपड़ा बैंक (Textile Bank in Giridih) के माध्यम से गरीबों और बेसहारा लोगों को मदद पहुंचाई जा रही है, ताकि ठंड से लोगों को बचाया जा सके. इस काम में एक महिला के साथ कई लोग लगे हैं, जो शहर से कपड़ा इकठ्ठा करने के बाद सुदूरवर्ती इलाके के लोगों तक पहुंचा रहे है.

poor people in Giridih
गिरिडीह में गरीबों का तन ढंकने में जुटा कपड़ा बैंक
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Published : Dec 30, 2022, 12:34 PM IST

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गिरिडीहः ठंड में गरीबों को रोटी और मकान के साथ साथ कपड़ा की सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है. इसी कपड़े की जरूरत को दूर करने का प्रयास एक निजी विद्यालय की प्राचार्य डॉ पायल वर्मा और उसके साथी कर रहे हैं. डॉ पायल ऑल इंडिया कपड़ा बैंक (Textile Bank in Giridih) से जुड़ी हैं और गिरिडीह में लोगों से पुराना कपड़ा कलेक्ट करती है. लोगों से कलेक्ट किए कपड़े को साफ करने के बाद सुदूरवर्ती गांव के गरीब लोगों के बीच पहुंचती है.

यह भी पढ़ेंः गिरिडीह में कपड़ा निर्माण केंद्र की शुरुआत, महिलाएं बनेंगी स्वावलंबी

कपड़ा बैंक के माध्यम से साड़ी, स्वेटर, शाल, टोपी आदि पहुंचाई जाती है. हाल के दिनों में संस्था की ओर से जिला परिषद सदस्य मुनिया देवी के साथ मिल्क सदर प्रखंड के आदिवासी बाहुल्य गांव कुरमुंडा, पिपराटांड़ और बासाबुदा में कपड़े का वितरण किया गया है. मिली जानकारी के अनुसार संस्था की ओर से अभी और गांवों में गरीब लोगों के बीच कपड़ा वितरण किया जाएगा.


दो वर्ष से चल रहा है कपड़ा पहुंचाने का कामः डॉ पायल ने बताया कि पिछले दो वर्ष से गिरिडीह में कपड़ा बैंक चलाया जा रहा है. लोग भी अब सपोर्ट कर रहे हैं और गरीब लोगों तक कपड़ा भी पहुंचाया जा रहा है. कपड़ा संग्रहित करने के बाद इसे धोकर गरीबों के बीच बांटा जा रहा है. उन्होंने बताया कि अब तो शहर के कई लोग खुद ही पुराना कपड़ा भेज रहे हैं. डॉ पायल ने बताया कि इस कार्य में उनके चिकित्सक पति डॉ परिमल सिन्हा और घर के अन्य सदस्यों का साथ मिल रहा है. उन्होंने कहा कि कपड़ा वितरण करने के साथ साथ कलेक्ट करने का काम साथ साथ चलता है.

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गिरिडीहः ठंड में गरीबों को रोटी और मकान के साथ साथ कपड़ा की सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है. इसी कपड़े की जरूरत को दूर करने का प्रयास एक निजी विद्यालय की प्राचार्य डॉ पायल वर्मा और उसके साथी कर रहे हैं. डॉ पायल ऑल इंडिया कपड़ा बैंक (Textile Bank in Giridih) से जुड़ी हैं और गिरिडीह में लोगों से पुराना कपड़ा कलेक्ट करती है. लोगों से कलेक्ट किए कपड़े को साफ करने के बाद सुदूरवर्ती गांव के गरीब लोगों के बीच पहुंचती है.

यह भी पढ़ेंः गिरिडीह में कपड़ा निर्माण केंद्र की शुरुआत, महिलाएं बनेंगी स्वावलंबी

कपड़ा बैंक के माध्यम से साड़ी, स्वेटर, शाल, टोपी आदि पहुंचाई जाती है. हाल के दिनों में संस्था की ओर से जिला परिषद सदस्य मुनिया देवी के साथ मिल्क सदर प्रखंड के आदिवासी बाहुल्य गांव कुरमुंडा, पिपराटांड़ और बासाबुदा में कपड़े का वितरण किया गया है. मिली जानकारी के अनुसार संस्था की ओर से अभी और गांवों में गरीब लोगों के बीच कपड़ा वितरण किया जाएगा.


दो वर्ष से चल रहा है कपड़ा पहुंचाने का कामः डॉ पायल ने बताया कि पिछले दो वर्ष से गिरिडीह में कपड़ा बैंक चलाया जा रहा है. लोग भी अब सपोर्ट कर रहे हैं और गरीब लोगों तक कपड़ा भी पहुंचाया जा रहा है. कपड़ा संग्रहित करने के बाद इसे धोकर गरीबों के बीच बांटा जा रहा है. उन्होंने बताया कि अब तो शहर के कई लोग खुद ही पुराना कपड़ा भेज रहे हैं. डॉ पायल ने बताया कि इस कार्य में उनके चिकित्सक पति डॉ परिमल सिन्हा और घर के अन्य सदस्यों का साथ मिल रहा है. उन्होंने कहा कि कपड़ा वितरण करने के साथ साथ कलेक्ट करने का काम साथ साथ चलता है.

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