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ग्रामीणों से बाबूलाल मरांडी का संवाद, कहा, मैंने क्षेत्र का किया है विकास राज्य सरकार भी करे सहयोग - Union Minister of State for Education Annapurna Devi

गिरिडीह में बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने ग्रामीणों से संवाद (Babulal Marandi interacts with villagers) किया. उन्होंने कहा कि गिरिडीह के तिसरी और गावां प्रखंड में कई सड़क, पुल का निर्माण हुआ है. राज्य गठन के बाद यह सब कार्य हुआ लेकिन अभी भी कई गांव विकास से महरूम हैं. ऐसे गांव के काया कल्प करने के लिए राज्य सरकार को काम करना होगा.

BJP leader Babulal interacts with villagers in Giridih
गिरिडीह
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Published : Aug 18, 2022, 9:47 AM IST

गिरिडीहः जिला में तिसरी के बेडमी आयोजित कार्यक्रम के दौरान गावां प्रखंड के बिशनीटिकर गांव से निमाडीह, खरसान रोड और डाबर से केरवा तक बनने वाली सड़क का शिलान्यास भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी और केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी (Union Minister of State for Education Annapurna Devi) ने किया. बाबूलाल मरांडी ने अपने संबोधन में कहा कि इन गांवों तक विकास (development in Giridih) पहुंचाने के लिए राज्य सरकार से भी सहयोग की अपेक्षा रखी है.

इसे भी पढ़ें- संथाल में भाजपा को मजबूत बनाने में जुटे बाबूलाल मरांडी, 103 मंडल अध्यक्षों को दिया टास्क

झारखंड अलग होने के बाद जिला के तिसरी और गावां प्रखंड क्षेत्र में विकास के कई कार्य हुए. चूंकि यह इलाका सूबे के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी का है ऐसे में सड़क व पुल-पुलिया का जाल बिछा लेकिन अभी भी लक्ष्मीबथान जैसे गांव मूलभूत सुविधा से वंचित हैं. ग्रामीणों से संवाद (Babulal Marandi interacts with villagers) करते हुए इन गांवों तक विकास पहुंचाने की बात बाबूलाल मरांडी ने कही है लेकिन इसके लिए राज्य सरकार से भी सहयोग की अपेक्षा रखी है. यह बात प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत तिसरी प्रखंड के अति उग्रवाद प्रभावित गांव बेड़मी से भाया लेवा, दलदलिया होते तिसरो गांव तक लगभग 9 करोड़ 15 लाख की लागत से बनने वाले सड़क और पुल का शिलान्यास के दौरान ग्रामीणों से बात करने के दौरान कही. यहां पर क्षेत्र की सांसद केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी भी मौजूद थीं. अन्नपूर्णा देवी ने भी इलाके के समुचित विकास की बात कही.

देखें पूरी खबर


क्या बोले बाबूलाल मरांडीः यहां पर आम ग्रामीणों से बाबूलाल ने बात की और कहा कितिसरी जिले का काफी पिछड़ा प्रखंड के रूप में जाना जाता था. इसकी पहचान तिसरी दुनियां के रूप में थी. प्रखंड के किसी भी गांव में सड़क नहीं थी. लोग पगडंडी से पैदल आना जाना करते थे लेकिन राज्य गठन के बाद जब वो मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने तिसरी प्रखंड के सभी गांवों में विकास की लकीर खींचकर प्रखंड मुख्यालय से जोड़ने का प्रयास किया. जिन गांवों में पेयजल की व्यवस्था नहीं थी. वहां पानी की समुचित व्यवस्था कराने का काम किया लेकिन कुछ गांवों में सड़क नही बन पाई जिसका उन्हें मलाल है. मरांडी ने कहा कि उनके और सांसद अन्नपूर्णा देवी के प्रयास से प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बेड़मी से तिसरो तक सड़क निर्माण कार्य योजना पास हो पाया है. अब इन गांवों में गाड़ियां सरपट दौड़ेंगी. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार सहयोग करेगी तो ना सिर्फ तिसरी बल्कि पूरे राज्य में विकास कार्यों का जाल बिछाया जाएगा.


अंतिम गांवों तक विकास करने का लक्ष्य: केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सह सांसद अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि देश के अंतिम गांवों तक विकास की लकीर खींचने और क्षेत्र के अंतिम व्यक्ति को भी विकास योजनाओं का लाभ दिलाने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्ष्य और मिशन है. इसी मिशन के तहत पीएम आवास योजना, नल जल योजना, उज्ज्वला योजना, उजाला योजना, आयुष्मान योजना, कौशल विकास योजना, गरीब कल्याण जैसी योजनाओं को चलाकर केंद्र सरकार निरंतर यह प्रयास कर रही है कि गांवों के अंतिम व्यक्ति को विकास का लाभ मिल सके.

उन्होंने कहा कि 20 साल पहले तिसरी के सुदूरवर्ती गांवों में आने-जाने के लिए रास्ते नहीं थे. इन क्षेत्रों में उग्रवाद की फसल लहलहा रही थी लेकिन बाबूलाल मरांडी के मुख्यमंत्री बनने के बाद सुदूरवर्ती गांवों में भी सड़कों और पुल-पुलिया जैसे विकास कार्यो का जाल बिछाया गया. आज इन सुदूरवर्ती गांवों में लोग गाड़ियों से आना-जाना करते हैं. इसका श्रेय बाबूलाल मरांडी को जाता है. अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि पहले इन गांवों में लोग आने में घबराते थे, गांव के लोग भी उग्रवादियों के डर से खौफ में रहते थे. बाबूलाल मरांडी के पहल पर तिसरी के उग्रवाद प्रभावित इलाकों में सीआरपीएफ कैंप बनाकर ग्रामीणों के पहरे के लिए लगाया गया है. यही कारण है कि इन गांवों के लोग चैन की सांस सो पाते हैं. उन्होंने ग्रामीणों से बच्चों को स्कूल भेजने और शिक्षा देने की नसीहत दी है. उन्होंने कहा कि शिक्षा की बगैर समाज का विकास संभव नहीं है. मंत्री ने कहा कि लक्ष्मीबथान जैसे गांव का भी कायाकल्प होगा. इस कार्यक्रम में इन दोनों नेताओं के साथ अशोक उपाध्याय, दिनेश यादव, मनोज यादव भी मौजूद रहे.

गिरिडीहः जिला में तिसरी के बेडमी आयोजित कार्यक्रम के दौरान गावां प्रखंड के बिशनीटिकर गांव से निमाडीह, खरसान रोड और डाबर से केरवा तक बनने वाली सड़क का शिलान्यास भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी और केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी (Union Minister of State for Education Annapurna Devi) ने किया. बाबूलाल मरांडी ने अपने संबोधन में कहा कि इन गांवों तक विकास (development in Giridih) पहुंचाने के लिए राज्य सरकार से भी सहयोग की अपेक्षा रखी है.

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झारखंड अलग होने के बाद जिला के तिसरी और गावां प्रखंड क्षेत्र में विकास के कई कार्य हुए. चूंकि यह इलाका सूबे के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी का है ऐसे में सड़क व पुल-पुलिया का जाल बिछा लेकिन अभी भी लक्ष्मीबथान जैसे गांव मूलभूत सुविधा से वंचित हैं. ग्रामीणों से संवाद (Babulal Marandi interacts with villagers) करते हुए इन गांवों तक विकास पहुंचाने की बात बाबूलाल मरांडी ने कही है लेकिन इसके लिए राज्य सरकार से भी सहयोग की अपेक्षा रखी है. यह बात प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत तिसरी प्रखंड के अति उग्रवाद प्रभावित गांव बेड़मी से भाया लेवा, दलदलिया होते तिसरो गांव तक लगभग 9 करोड़ 15 लाख की लागत से बनने वाले सड़क और पुल का शिलान्यास के दौरान ग्रामीणों से बात करने के दौरान कही. यहां पर क्षेत्र की सांसद केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी भी मौजूद थीं. अन्नपूर्णा देवी ने भी इलाके के समुचित विकास की बात कही.

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क्या बोले बाबूलाल मरांडीः यहां पर आम ग्रामीणों से बाबूलाल ने बात की और कहा कितिसरी जिले का काफी पिछड़ा प्रखंड के रूप में जाना जाता था. इसकी पहचान तिसरी दुनियां के रूप में थी. प्रखंड के किसी भी गांव में सड़क नहीं थी. लोग पगडंडी से पैदल आना जाना करते थे लेकिन राज्य गठन के बाद जब वो मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने तिसरी प्रखंड के सभी गांवों में विकास की लकीर खींचकर प्रखंड मुख्यालय से जोड़ने का प्रयास किया. जिन गांवों में पेयजल की व्यवस्था नहीं थी. वहां पानी की समुचित व्यवस्था कराने का काम किया लेकिन कुछ गांवों में सड़क नही बन पाई जिसका उन्हें मलाल है. मरांडी ने कहा कि उनके और सांसद अन्नपूर्णा देवी के प्रयास से प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बेड़मी से तिसरो तक सड़क निर्माण कार्य योजना पास हो पाया है. अब इन गांवों में गाड़ियां सरपट दौड़ेंगी. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार सहयोग करेगी तो ना सिर्फ तिसरी बल्कि पूरे राज्य में विकास कार्यों का जाल बिछाया जाएगा.


अंतिम गांवों तक विकास करने का लक्ष्य: केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सह सांसद अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि देश के अंतिम गांवों तक विकास की लकीर खींचने और क्षेत्र के अंतिम व्यक्ति को भी विकास योजनाओं का लाभ दिलाने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्ष्य और मिशन है. इसी मिशन के तहत पीएम आवास योजना, नल जल योजना, उज्ज्वला योजना, उजाला योजना, आयुष्मान योजना, कौशल विकास योजना, गरीब कल्याण जैसी योजनाओं को चलाकर केंद्र सरकार निरंतर यह प्रयास कर रही है कि गांवों के अंतिम व्यक्ति को विकास का लाभ मिल सके.

उन्होंने कहा कि 20 साल पहले तिसरी के सुदूरवर्ती गांवों में आने-जाने के लिए रास्ते नहीं थे. इन क्षेत्रों में उग्रवाद की फसल लहलहा रही थी लेकिन बाबूलाल मरांडी के मुख्यमंत्री बनने के बाद सुदूरवर्ती गांवों में भी सड़कों और पुल-पुलिया जैसे विकास कार्यो का जाल बिछाया गया. आज इन सुदूरवर्ती गांवों में लोग गाड़ियों से आना-जाना करते हैं. इसका श्रेय बाबूलाल मरांडी को जाता है. अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि पहले इन गांवों में लोग आने में घबराते थे, गांव के लोग भी उग्रवादियों के डर से खौफ में रहते थे. बाबूलाल मरांडी के पहल पर तिसरी के उग्रवाद प्रभावित इलाकों में सीआरपीएफ कैंप बनाकर ग्रामीणों के पहरे के लिए लगाया गया है. यही कारण है कि इन गांवों के लोग चैन की सांस सो पाते हैं. उन्होंने ग्रामीणों से बच्चों को स्कूल भेजने और शिक्षा देने की नसीहत दी है. उन्होंने कहा कि शिक्षा की बगैर समाज का विकास संभव नहीं है. मंत्री ने कहा कि लक्ष्मीबथान जैसे गांव का भी कायाकल्प होगा. इस कार्यक्रम में इन दोनों नेताओं के साथ अशोक उपाध्याय, दिनेश यादव, मनोज यादव भी मौजूद रहे.

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