गिरिडीह: जब से सूबे के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) ने पुनः भाजपा को जॉइन किया है तब से ' पार्टी विद द डिफरेंस ' का अंदाज झारखंड में आक्रमक हो गया है. हाल के कुछ महीनों में तो बाबूलाल के नेतृत्व में भाजपाई पूरी तरह फॉर्म में हैं. पूरे राज्य में आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन हो रहा है और सब जगह वन मैन शो की तरह बाबूलाल ही दिख रहे हैं. हर कार्यक्रम में भाजपा के साथ साथ बाबूलाल जिंदाबाद का नारा लग रहा है. कहा जाए तो राज्य में भाजपा के दूसरे नेताओं का कद बाबूलाल के सामने बौना पड़ने लगा है. (Babulal Marandi can be Jharkhand BJP President)
ये भी पढ़ें- बाबूलाल ने हेमंत सरकार को बताया भ्रष्ट, कहा- गंगोत्री को साफ करना होगा, तभी गंगा की होगी सफाई
दूसरी भाषा में हम बात करें तो बाबूलाल के सहारे भाजपा झारखंड के मैदान पर बाउंसर मार रही है और हेमंत सरकार भी परेशान दिख रही है. इन सबों के बीच प्रदेश का पूरा भार बाबूलाल को देने की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है. कहा जा रहा है कि संगठन का बेहतर अनुभव, ईमानदार छवि के साथ साथ उनका जुझारू तेवर के छोटे कार्यकर्ता से लेकर पार्टी के बड़े नेता मुरीद हैं. उसपर जेएमएम के 1932 के गुगली का जवाब भी भाजपा को देना है इसके लिए बाबूलाल से बेहतर कोई हो नहीं सकता.
दिल्ली में शाह के साथ हो चुकी है गुफ्तगू: यहां यह भी बता दें कि पिछले माह गृह मंत्री के बुलाने पर बाबूलाल मरांडी दिल्ली भी गए थे. यहां संगठन को लेकर चर्चा भी हुई थी. कहा जा रहा है कि इस मुलाकात के बाद इस बात की चर्चा जोरों पर होने लगी कि बाबूलाल को प्रदेश संगठन की मजबूती का भार अब सीधे तौर पर मिल सकता है.
इस विषय पर बाबूलाल मरांडी से बात की गई उन्होंने सीधे तौर पर कुछ जवाब नहीं दिया बस यह कहकर चले गए कि चर्चा बहुत तरह की होती है. यह भी कहते गए कि पार्टी आलाकमान के मन में क्या चल रहा है वे कैसे कह सकते हैं. कुछ इसी तरह का जवाब राज्य सरकार के वर्तमान हालात पर भी दिया.