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आइसा ने किया नई शिक्षा नीति का विरोध, देशभर में चलाएगी हस्ताक्षर अभियान - Giridih News

नई शिक्षा नीति के खिलाफ आइसा आंदोलन करेगी. इसके खिलाफ झारखंड सहित देशभर में हस्ताक्षर अभियान चलाएगी. आइसा के राष्ट्रीय कार्यकारी महासचिव प्रसनजीत ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह शिक्षा नीति सामाजिक न्याय और आरक्षण को शिक्षा जगत से खत्म करने और शिक्षा को बाजार की वस्तु बनाने के लिए लाई गई है.

AISA opposed new education policy
आइसा ने किया नई शिक्षा नीति का विरोध
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Published : Mar 13, 2022, 4:52 PM IST

गिरिडीहः नई शिक्षा नीति के खिलाफ आइसा आंदोलन करेंगी. इसको लेकर झारखंड सहित देशभर में हस्ताक्षर अभियान चलाएगी. नई शिक्षा नीति के तहत बाजारीकरण करने की साजिश है. शिक्षा बाजार की वस्तु बन जाएगी. यह बातें रविवार को आइसा के राष्ट्रीय कार्यकारी महासचिव प्रसनजीत ने संवाददाता सम्मेलन में कहीं.

यह भी पढ़ेंःस्थानीय नीति के लिए आंदोलन के बाद पूजा पाठ का दौर शुरू, सीएम को सद्बुद्धि के लिए मांगी गई मन्नत

प्रसनजीत ने कहा कि गिरिडीह और हजारीबाग जिले के आइसा कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की है. इसके बाद आंदोलन करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार लॉकडाउन के दौरान बिना लोकतांत्रिक संवाद किए नई शिक्षा नीति 2020 लाई. यह शिक्षा नीति सामाजिक न्याय और आरक्षण को शिक्षा जगत से खत्म करने और शिक्षा को बाजार की वस्तु बनाने के लिए लाई गई है. ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देकर आम छात्र-छात्राओं को शिक्षा से वंचित करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि आइसा इसके खिलाफ झारखंड सहित देशभर में हस्ताक्षर अभियान चलाएगी और मोदी सरकार के खिलाफ संघर्ष तेज करेगी.

देखें पूरी खबर

आइसा के राज्य सचिव त्रिलोकीनाथ ने कहा कि झारखंड के छात्र लगातार बेहतर शिक्षा, रोजगार और स्थानीयता के सवाल पर संघर्ष कर रहे हैं. झारखंड में पिछले कई महीनों से खतियान आधारित स्थानीय नीति बनाने की मांग को लेकर छात्र संघर्षरत हैं. लेकिन सरकार अपनी स्पष्ट नीति नहीं रख रही है. झारखंड में शिक्षा व्यवस्था लगातार लचर होती जा रही है. प्राथमिक स्कूलों में हजारों पद खाली हैं. विश्वविद्यालयों में 40 से 50 प्रतिशत पद प्रोफेसरों की खाली है. उन्होंने कहा कि इन सवालों को लेकर आइसा 23 मार्च को झारखंड के प्रत्येक जिला मुख्यालय पर प्रतिरोध सभा आयोजित करेगी. इस मौके पर आइसा राष्ट्रीय परिषद सदस्य विभा, आइसा राष्ट्रीय परिषद सदस्य सलीम अंसारी, शुभम मिश्रा,अमित मंडल, विजय कुमार, सूरज पासवान सहित कई लोग उपस्थित थे.

गिरिडीहः नई शिक्षा नीति के खिलाफ आइसा आंदोलन करेंगी. इसको लेकर झारखंड सहित देशभर में हस्ताक्षर अभियान चलाएगी. नई शिक्षा नीति के तहत बाजारीकरण करने की साजिश है. शिक्षा बाजार की वस्तु बन जाएगी. यह बातें रविवार को आइसा के राष्ट्रीय कार्यकारी महासचिव प्रसनजीत ने संवाददाता सम्मेलन में कहीं.

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प्रसनजीत ने कहा कि गिरिडीह और हजारीबाग जिले के आइसा कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की है. इसके बाद आंदोलन करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार लॉकडाउन के दौरान बिना लोकतांत्रिक संवाद किए नई शिक्षा नीति 2020 लाई. यह शिक्षा नीति सामाजिक न्याय और आरक्षण को शिक्षा जगत से खत्म करने और शिक्षा को बाजार की वस्तु बनाने के लिए लाई गई है. ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देकर आम छात्र-छात्राओं को शिक्षा से वंचित करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि आइसा इसके खिलाफ झारखंड सहित देशभर में हस्ताक्षर अभियान चलाएगी और मोदी सरकार के खिलाफ संघर्ष तेज करेगी.

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आइसा के राज्य सचिव त्रिलोकीनाथ ने कहा कि झारखंड के छात्र लगातार बेहतर शिक्षा, रोजगार और स्थानीयता के सवाल पर संघर्ष कर रहे हैं. झारखंड में पिछले कई महीनों से खतियान आधारित स्थानीय नीति बनाने की मांग को लेकर छात्र संघर्षरत हैं. लेकिन सरकार अपनी स्पष्ट नीति नहीं रख रही है. झारखंड में शिक्षा व्यवस्था लगातार लचर होती जा रही है. प्राथमिक स्कूलों में हजारों पद खाली हैं. विश्वविद्यालयों में 40 से 50 प्रतिशत पद प्रोफेसरों की खाली है. उन्होंने कहा कि इन सवालों को लेकर आइसा 23 मार्च को झारखंड के प्रत्येक जिला मुख्यालय पर प्रतिरोध सभा आयोजित करेगी. इस मौके पर आइसा राष्ट्रीय परिषद सदस्य विभा, आइसा राष्ट्रीय परिषद सदस्य सलीम अंसारी, शुभम मिश्रा,अमित मंडल, विजय कुमार, सूरज पासवान सहित कई लोग उपस्थित थे.

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