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सम्मेद शिखर विवादः पारसनाथ में शांति के लिए प्रशासन ने की बैठक, कहा - चलती रहेगी भाईचारे की परंपरा

पारसनाथ पर आस्था को लेकर उत्पन्न टकराव की स्थिति को सामान्य का करने का प्रयास किया गया. विधायक, जिला प्रशासन ने जैन संस्था के ट्रस्टियों, स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों व आदिवासी समाज से जुड़े कुछ लोगों संग बैठक की(Administration held meeting for peace in Parasnath). बैठक के बाद यह दावा किया गया कि सभी तरह के विवाद का निपटारा कर लिया गया है.

Administration held meeting for peace in Parasnath in giridih
पारसनाथ विवाद को लेकर बैठक
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Published : Jan 8, 2023, 5:43 PM IST

Updated : Jan 8, 2023, 6:04 PM IST

जानकारी देते संवाददाता अमरनाथ

गिरिडीहः पारसनाथ को लेकर जैन धर्म की मांग पर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने सकारात्मक पहल की, जिसके बाद जैन धर्म से जुड़े लोगों ने अपने आंदोलन को समाप्त किया. इसके बाद आदिवासी समाज ने अपनी मांग रखी है. आदिवासी समाज का कहना है कि केंद्र व राज्य सरकार ने उनकी अनदेखी की. ऐसे में इस विवाद का निपटारा करने के लिए रविवार को मधुबन स्थित गेस्ट हाउस में महत्वपूर्ण बैठक हुई(Administration held meeting for peace in Parasnath).

ये भी पढ़ेंः Sammed Shikharji Controversy: आदिवासी एकता युवा मंच ने फूंका बाबूलाल और सीपी चौधरी का पुतला, केंद्र के निर्णय को बताया आदिवासी विरोधी

भाईचारगी से परंपरा का निर्वहनः विधायक सुदिव्य कुमार, डीसी नमन प्रियेश लकड़ा, एसपी अमित रेणू, अपर समाहर्ता विलियम्स वेंगरा की मौजूदगी में हुई इस बैठक में जैन समाज और ट्रस्ट के प्रतिनिधि, स्थानीय जनप्रतिनिधियों, स्थानीय संथालियों, गैर संथालियों की एक वार्ता हुई. वार्ता में दोनों पक्षों ने अपनी बातों को रखा. दोनों पक्षों ने यह कहा कि जिस तरह का सहयोगात्मक कार्य पूर्व से चलता रहा था वह चलता रहेगा. न जैन तीर्थयात्रियों को कोई परेशानी होनी चाहिए और न ही संथाल समुदायों को मरांग बुरु तीर्थस्थल पर जाने में कोई परेशानी होनी चाहिए. वार्ता में दोनों पक्षों के बीच सहमति बनी कि किसी भी प्रकार का नया नियम जैन की तरफ से नहीं लगाया जाएगा और न ही किसी तरह का प्रतिबंध संथालों की तरफ से होगा. पूर्व की तरह दोनों ही अपने अपने तीर्थस्थल और धार्मिक रीति रिवाज और परंपरा का सम्मान करेंगे.

अनुमंडलीय स्तरीय बनेगी कमिटीः बैठक में विधायक के सुझाव पर अब एसडीओ की अध्यक्षता में एक अनुमंडस्तरीय कमिटी बनाने का निर्णय लिया गया. इस कमिटी में एसडीओ, बीडीओ, अंचलाधिकारी, जैन समुदाय के दोनों पक्ष (दिगम्बर और श्वेतांबर) के सदस्य, स्थानीय जन प्रतिनिधि, मरांग बुरु के प्रतिनिधि होंगे. सांसद व विधायक, माननीय सांसद इसके पदेन सदस्य होंगे. बहुत जल्द इसका प्रारूप तैयार कर लिया जाएगा. किसी भी अप्रिय घटना होने पर यह कमिटी सबसे पहले विवाद को सुलझाने का प्रयास करेगी.

बैठक के बाद विधायक व डीसी ने पूरे मामले से मीडिया को अवगत कराया. इस दौरान एसडीएम प्रेमलता मुर्मू, एसडीपीओ मनोज कुमार, इंस्पेक्टर प्रमुख सबिता टुडू, उप प्रमुख महेंद्र महतो, बीडीओ दिनेश कुमार, सीओ विनय प्रकाश तिग्गा, थाना प्रभारी मृत्युंजय कुमार सिंह, पीरटांड़ थाना प्रभारी दिलशन बिरूवा, मधुबन मुखिया प्रतिनिधि निर्मल तुरी के अलावा लाइक तुरी, गजराज गंगवाल, अजय भोथरा, सुनील अजमेरा, आकाश जैन, दीपक मेपानी, सुभाष जैन, झरीलाल महतो, अम्बिका राय, युवराज महतो समेत कई लोग मौजूद.

जानकारी देते संवाददाता अमरनाथ

गिरिडीहः पारसनाथ को लेकर जैन धर्म की मांग पर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने सकारात्मक पहल की, जिसके बाद जैन धर्म से जुड़े लोगों ने अपने आंदोलन को समाप्त किया. इसके बाद आदिवासी समाज ने अपनी मांग रखी है. आदिवासी समाज का कहना है कि केंद्र व राज्य सरकार ने उनकी अनदेखी की. ऐसे में इस विवाद का निपटारा करने के लिए रविवार को मधुबन स्थित गेस्ट हाउस में महत्वपूर्ण बैठक हुई(Administration held meeting for peace in Parasnath).

ये भी पढ़ेंः Sammed Shikharji Controversy: आदिवासी एकता युवा मंच ने फूंका बाबूलाल और सीपी चौधरी का पुतला, केंद्र के निर्णय को बताया आदिवासी विरोधी

भाईचारगी से परंपरा का निर्वहनः विधायक सुदिव्य कुमार, डीसी नमन प्रियेश लकड़ा, एसपी अमित रेणू, अपर समाहर्ता विलियम्स वेंगरा की मौजूदगी में हुई इस बैठक में जैन समाज और ट्रस्ट के प्रतिनिधि, स्थानीय जनप्रतिनिधियों, स्थानीय संथालियों, गैर संथालियों की एक वार्ता हुई. वार्ता में दोनों पक्षों ने अपनी बातों को रखा. दोनों पक्षों ने यह कहा कि जिस तरह का सहयोगात्मक कार्य पूर्व से चलता रहा था वह चलता रहेगा. न जैन तीर्थयात्रियों को कोई परेशानी होनी चाहिए और न ही संथाल समुदायों को मरांग बुरु तीर्थस्थल पर जाने में कोई परेशानी होनी चाहिए. वार्ता में दोनों पक्षों के बीच सहमति बनी कि किसी भी प्रकार का नया नियम जैन की तरफ से नहीं लगाया जाएगा और न ही किसी तरह का प्रतिबंध संथालों की तरफ से होगा. पूर्व की तरह दोनों ही अपने अपने तीर्थस्थल और धार्मिक रीति रिवाज और परंपरा का सम्मान करेंगे.

अनुमंडलीय स्तरीय बनेगी कमिटीः बैठक में विधायक के सुझाव पर अब एसडीओ की अध्यक्षता में एक अनुमंडस्तरीय कमिटी बनाने का निर्णय लिया गया. इस कमिटी में एसडीओ, बीडीओ, अंचलाधिकारी, जैन समुदाय के दोनों पक्ष (दिगम्बर और श्वेतांबर) के सदस्य, स्थानीय जन प्रतिनिधि, मरांग बुरु के प्रतिनिधि होंगे. सांसद व विधायक, माननीय सांसद इसके पदेन सदस्य होंगे. बहुत जल्द इसका प्रारूप तैयार कर लिया जाएगा. किसी भी अप्रिय घटना होने पर यह कमिटी सबसे पहले विवाद को सुलझाने का प्रयास करेगी.

बैठक के बाद विधायक व डीसी ने पूरे मामले से मीडिया को अवगत कराया. इस दौरान एसडीएम प्रेमलता मुर्मू, एसडीपीओ मनोज कुमार, इंस्पेक्टर प्रमुख सबिता टुडू, उप प्रमुख महेंद्र महतो, बीडीओ दिनेश कुमार, सीओ विनय प्रकाश तिग्गा, थाना प्रभारी मृत्युंजय कुमार सिंह, पीरटांड़ थाना प्रभारी दिलशन बिरूवा, मधुबन मुखिया प्रतिनिधि निर्मल तुरी के अलावा लाइक तुरी, गजराज गंगवाल, अजय भोथरा, सुनील अजमेरा, आकाश जैन, दीपक मेपानी, सुभाष जैन, झरीलाल महतो, अम्बिका राय, युवराज महतो समेत कई लोग मौजूद.

Last Updated : Jan 8, 2023, 6:04 PM IST
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