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गिरिडीहः नौकरी के नाम पर ठगी मामले में कार्रवाई तेज, शिक्षा विभाग का प्रधान लिपिक हिरासत में

गिरिडीह जिले में शिक्षा नौकरी के नाम पर लाखों रुपए की ठगी के मामले में पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लिया है. शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय का प्रधान लिपिक भी इसमें शामिल है.यह ठगी स्कूली साक्षरता विभाग के कथित ज्वाइंट सेक्रेटरी मनोज कुमार के नाम से की गयी है.

ठगी मामले में कार्रवाई तेज
ठगी मामले में कार्रवाई तेज
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Published : Aug 18, 2020, 3:00 AM IST

गिरिडीहः जिले के 65 लोगों से नौकरी के नाम पर 40 लाख रूपए की ठगी किए जाने के मामले में पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लिया है. एक को राजधानी रांची से पकड़ा गया है तो दूसरे को गिरिडीह से. गिरिडीह से जिसे हिरासत में लिया गया है वह गिरिडीह स्थित जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय का प्रधान लिपिक है. हिरासत में लेने के बाद दोनों से पूछताछ की जा रही है.

इधर इस मामले को डीसी राहुल कुमार सिन्हा ने गंभीरता से लिया है. डीसी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी पुष्पा कुजूर को संबंधित संचिका के साथ तलब किया. इसके बाद डीईओ डीसी कार्यालय पहुंची और डीसी से मिलकर पूरी संचिका दिखायी. डीसी ने डीईओ गिरिडीह के ज्ञापांक 76 दिनांक-08 जनवरी 2020 के द्वारा माध्यमिक विद्यालयों के लिए प्रशिक्षक सह स्किल शिक्षक एवं एनबीएसएसडी के ब्लॉक समन्वयक के पद पर अनुबंध आधार पर योगदान कराने एवं ज्ञापांक 922 दिनांक - 07 मार्च 2020 के माध्यम से अनुबंध आधार पर नियुक्त सभी प्रशिक्षक सह स्किल शिक्षक की नियुक्ति अगले आदेश तक के लिए स्थगित किए जाने के दोनों आदेशों को देखा.

क्या है पूरा मामला

गिरिडीह के 65 लोगों से नौकरी के नाम पर 40 लाख रूपए की ठगी की गयी है. यह ठगी स्कूली साक्षरता विभाग के कथित ज्वाइंट सेक्रेटरी मनोज कुमार के नाम से की गयी है. हालांकि कथित ठग मनोज कुमार के आधार कार्ड पर रांची का दिया गया पता गलत निकला और आधार कार्ड भी फर्जी है. दरअसल गिरिडीह के उत्तम कुमार को स्किल इंडिया नेशनल बोर्ड ऑफ स्कॉलरशीप एंड स्किल डवलपमेंट (एनबीएसएसडी) के कथित डायरेक्टर मनोज कुमार ने फोन कर बताया कि वह स्कूली साक्षरता विभाग के ज्वाइंट सेक्रेटरी हैं. नाम मनोज कुमार है और वे प्रोजेक्ट भवन रांची से बोल रहे हैं.

गिरिडीह जिले में डीईओ कार्यालय गिरिडीह द्वारा स्किल इंडिया की तरफ से बहाली हो रही है और उसका डायरेक्टर वे ही हैं. डायरेक्टर कोटा से 80 सीट हैं और इसका बहाली वे ही देख रहे हैं. अगर वे बहाली करवाना चाहते हैं तो ऑनलाइन फॉर्म फिल अप कर दें. फॉर्म भरने के बाद उत्तम को बताया गया 6500 रूपए का डीडी नेशनल बोर्ड ऑफ स्कॉलरशीप एंड स्किल डवलपमेंट के नाम से बनाकर जमा करना होगा.

यह भी कहा गया कि 2 लाख सिक्योरिटी मनी जमा करना होगा जो छह माह बाद रिफंड हो जाएगा. उत्तम ने बैंक डीडी तथा नकद सिक्योरिटी मनी यहां पर जमा किया था. इसके बाद 31 दिसंबर 2019 को जिला समन्वयक गिरिडीह के पद पर तीन साल के लिए उत्तम की नियुक्ति हो गई.

इसके बाद 2 जनवरी 2020 को कथित डायरेक्टर मनोज के द्वारा उत्तम को ट्रेनिंग दी गई. बताया गया कि प्रशिक्षक सह स्किल शिक्षक एवं ब्लॉक समन्वयक के लिए अनुबंध पर गिरिडीह जिले के सभी माध्यमिक विद्यालयों में स्किल शिक्षा देने के लिए नियुक्ति होनी है.

इसके लिए ब्लॉक समन्वयक के लिए 4,500 का बैक डीडी एवं 1 लाख सिक्योरिटी मनी तथा प्रशिक्षक सह स्किल शिक्षक के लिए 2360 का बैंक डीडी एवं 50 हजार सिक्योरिटी मनी जमा करना होगा.

जनवरी में कराया गया योगदान

3 जनवरी से उत्तम कथित डायरेक्टर मनोज के पास अभ्यर्थी का डीडी, नकद व डॉक्यूमेंट लेकर जमा करने लगा. मनोज हर दो-तीन दिन में गिरिडीह आकर रंजीत रेस्ट हाउस में ठहरता और सारा डॉक्यूमेंट जमा लेता.

यह भी पढ़ेंः किसानों को नहीं मिल रहा यूरिया खाद, सांसद संजय सेठ ने की राज्य सरकार से मांग

डीईओ गिरिडीह के ज्ञापांक 76 दिनांक - 08 जनवरी 2020 के द्वारा माध्यमिक विद्यालयों के लिए प्रशिक्षक सह स्किल शिक्षक एवं एनबीएसएसडी के ब्लॉक समन्वयक के पद पर अनुबंध आधार पर योगदान होने लगा और सभी टीचर एवं ब्लॉक समन्वयक स्कूल में काम करना शुरू कर दिए.

मार्च में कर दी गई नियुक्ति स्थगित

दो माह तक सभी ने काम किया परंतु मानदेय किसी को नहीं मिला. इस बीच ज्ञापांक 922 दिनांक - 07 मार्च 2020 के माध्यम से अनुबंध आधार पर नियुक्त सभी प्रशिक्षक सह स्किल शिक्षक की नियुक्ति अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दी गई.

कथित डायरेक्टर मनोज से जब उत्तम ने बात की तो बताया गया कि सचिवालय रांची के माध्यमिक शिक्षा के डायरेक्टर से चिट्ठी डीईओ गिरिडीह के पास भेजवा देता हूं.

इसके लिए उन्होंने 50 हजार खर्च लगने की बात कही जो पैसा अनुबंध पर बहाल लोगों ने मनोज तक भेज दिया, परंतु इसके बाद कोई चिट्ठी नहीं आया और मनोज ने फोन उठाना भी बंद कर दिया. इसे लेकर पिछले दिनों मुफस्सिल थाना में एफआईआर दर्ज करवायी गयी थी, जिसके बाद से पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है. कहा जा रहा है इस पूरे मामले का उदभेदन गिरिडीह पुलिस जल्द ही कर लेगी.

गिरिडीहः जिले के 65 लोगों से नौकरी के नाम पर 40 लाख रूपए की ठगी किए जाने के मामले में पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लिया है. एक को राजधानी रांची से पकड़ा गया है तो दूसरे को गिरिडीह से. गिरिडीह से जिसे हिरासत में लिया गया है वह गिरिडीह स्थित जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय का प्रधान लिपिक है. हिरासत में लेने के बाद दोनों से पूछताछ की जा रही है.

इधर इस मामले को डीसी राहुल कुमार सिन्हा ने गंभीरता से लिया है. डीसी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी पुष्पा कुजूर को संबंधित संचिका के साथ तलब किया. इसके बाद डीईओ डीसी कार्यालय पहुंची और डीसी से मिलकर पूरी संचिका दिखायी. डीसी ने डीईओ गिरिडीह के ज्ञापांक 76 दिनांक-08 जनवरी 2020 के द्वारा माध्यमिक विद्यालयों के लिए प्रशिक्षक सह स्किल शिक्षक एवं एनबीएसएसडी के ब्लॉक समन्वयक के पद पर अनुबंध आधार पर योगदान कराने एवं ज्ञापांक 922 दिनांक - 07 मार्च 2020 के माध्यम से अनुबंध आधार पर नियुक्त सभी प्रशिक्षक सह स्किल शिक्षक की नियुक्ति अगले आदेश तक के लिए स्थगित किए जाने के दोनों आदेशों को देखा.

क्या है पूरा मामला

गिरिडीह के 65 लोगों से नौकरी के नाम पर 40 लाख रूपए की ठगी की गयी है. यह ठगी स्कूली साक्षरता विभाग के कथित ज्वाइंट सेक्रेटरी मनोज कुमार के नाम से की गयी है. हालांकि कथित ठग मनोज कुमार के आधार कार्ड पर रांची का दिया गया पता गलत निकला और आधार कार्ड भी फर्जी है. दरअसल गिरिडीह के उत्तम कुमार को स्किल इंडिया नेशनल बोर्ड ऑफ स्कॉलरशीप एंड स्किल डवलपमेंट (एनबीएसएसडी) के कथित डायरेक्टर मनोज कुमार ने फोन कर बताया कि वह स्कूली साक्षरता विभाग के ज्वाइंट सेक्रेटरी हैं. नाम मनोज कुमार है और वे प्रोजेक्ट भवन रांची से बोल रहे हैं.

गिरिडीह जिले में डीईओ कार्यालय गिरिडीह द्वारा स्किल इंडिया की तरफ से बहाली हो रही है और उसका डायरेक्टर वे ही हैं. डायरेक्टर कोटा से 80 सीट हैं और इसका बहाली वे ही देख रहे हैं. अगर वे बहाली करवाना चाहते हैं तो ऑनलाइन फॉर्म फिल अप कर दें. फॉर्म भरने के बाद उत्तम को बताया गया 6500 रूपए का डीडी नेशनल बोर्ड ऑफ स्कॉलरशीप एंड स्किल डवलपमेंट के नाम से बनाकर जमा करना होगा.

यह भी कहा गया कि 2 लाख सिक्योरिटी मनी जमा करना होगा जो छह माह बाद रिफंड हो जाएगा. उत्तम ने बैंक डीडी तथा नकद सिक्योरिटी मनी यहां पर जमा किया था. इसके बाद 31 दिसंबर 2019 को जिला समन्वयक गिरिडीह के पद पर तीन साल के लिए उत्तम की नियुक्ति हो गई.

इसके बाद 2 जनवरी 2020 को कथित डायरेक्टर मनोज के द्वारा उत्तम को ट्रेनिंग दी गई. बताया गया कि प्रशिक्षक सह स्किल शिक्षक एवं ब्लॉक समन्वयक के लिए अनुबंध पर गिरिडीह जिले के सभी माध्यमिक विद्यालयों में स्किल शिक्षा देने के लिए नियुक्ति होनी है.

इसके लिए ब्लॉक समन्वयक के लिए 4,500 का बैक डीडी एवं 1 लाख सिक्योरिटी मनी तथा प्रशिक्षक सह स्किल शिक्षक के लिए 2360 का बैंक डीडी एवं 50 हजार सिक्योरिटी मनी जमा करना होगा.

जनवरी में कराया गया योगदान

3 जनवरी से उत्तम कथित डायरेक्टर मनोज के पास अभ्यर्थी का डीडी, नकद व डॉक्यूमेंट लेकर जमा करने लगा. मनोज हर दो-तीन दिन में गिरिडीह आकर रंजीत रेस्ट हाउस में ठहरता और सारा डॉक्यूमेंट जमा लेता.

यह भी पढ़ेंः किसानों को नहीं मिल रहा यूरिया खाद, सांसद संजय सेठ ने की राज्य सरकार से मांग

डीईओ गिरिडीह के ज्ञापांक 76 दिनांक - 08 जनवरी 2020 के द्वारा माध्यमिक विद्यालयों के लिए प्रशिक्षक सह स्किल शिक्षक एवं एनबीएसएसडी के ब्लॉक समन्वयक के पद पर अनुबंध आधार पर योगदान होने लगा और सभी टीचर एवं ब्लॉक समन्वयक स्कूल में काम करना शुरू कर दिए.

मार्च में कर दी गई नियुक्ति स्थगित

दो माह तक सभी ने काम किया परंतु मानदेय किसी को नहीं मिला. इस बीच ज्ञापांक 922 दिनांक - 07 मार्च 2020 के माध्यम से अनुबंध आधार पर नियुक्त सभी प्रशिक्षक सह स्किल शिक्षक की नियुक्ति अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दी गई.

कथित डायरेक्टर मनोज से जब उत्तम ने बात की तो बताया गया कि सचिवालय रांची के माध्यमिक शिक्षा के डायरेक्टर से चिट्ठी डीईओ गिरिडीह के पास भेजवा देता हूं.

इसके लिए उन्होंने 50 हजार खर्च लगने की बात कही जो पैसा अनुबंध पर बहाल लोगों ने मनोज तक भेज दिया, परंतु इसके बाद कोई चिट्ठी नहीं आया और मनोज ने फोन उठाना भी बंद कर दिया. इसे लेकर पिछले दिनों मुफस्सिल थाना में एफआईआर दर्ज करवायी गयी थी, जिसके बाद से पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है. कहा जा रहा है इस पूरे मामले का उदभेदन गिरिडीह पुलिस जल्द ही कर लेगी.

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