गिरिडीहः पीरटांड प्रखंड के बिशनपुर पंचायत में बालू घाट से प्राप्त रॉयल्टी की राशि और 14 वीं व 15 वीं वित्त की योजनाओं में अनियमितता और शौचालय निर्माण में गड़बड़ी के मामले में गिरिडीह के डीसी डीसी नमन प्रियेश लकड़ा ने सख्त कार्रवाई की है. उन्होंने बिशनपुर के ग्राम प्रधान कल्पना देवी के साथ-साथ अंगैया की जलसहिया शांति देवी का वित्तीय अधिकार जब्त करने का आदेश दिया है. वहीं बर्खास्तगी की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है. ग्राम प्रधान कल्पना देवी को बर्खास्त करने के लिए पंचायती राज विभाग को पत्र लिखा जा रहा है. वहीं पांचों जलसहिया को भी बर्खास्त करने के लिए जल स्वच्छता मिशन के कार्यपालक अभियंता को विशेष निर्देश दिया गया है.
ये भी पढ़ेंः गिरिडीह में एक साल पहले ही पकड़ी गई स्ट्रीट लाइट खरीद में गड़बड़ी, कार्रवाई के नाम पर अब तक चल रही है जांच
एसडीओ की रिपोर्ट पर हुई कार्यवाईः यहां बता दें कि इस बिशनपुर पंचायत के विभिन्न योजनाओं में हुई गड़बड़ी का मामला सामने आने के बाद डुमरी की एसडीओ प्रेमलता मुर्मू की अध्यक्षता में जांच कमेटी बनी थी. इस कमेटी की जांच रिपोर्ट आने के बाद प्रशासनिक कार्रवाई की गई है. जांच रिपोर्ट में कमेटी ने स्पष्ट किया था कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाए गये शौचालय में काफी संख्या में शौचालय बिना बनाये ही राशि की निकासी कर ली गई है. कमेटी ने इसके अलावा कई योजनाओं में भी गड़बड़ी पकड़ी थी और कई संबंधित लोगों को चिन्हित करते हुए उनके विरुद्ध कार्रवाई की अनुशंसा की थी. इसी रिपोर्ट पर उपायुक्त ने दोषी लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की है.
पंचायत सेवक पर भी गिरेगी गाजः बालू घाट से प्राप्त रॉयल्टी की राशि के साथ-साथ 14वीं और 15वीं वित्त की राशि में वित्तीय गड़बड़ी करने के मामले को लेकर तत्कालीन पंचायत सचिव अरुण कुमार पर भी गाज गिरेगी. डीसी ने जिला पंचायती राज पदाधिकारी को तत्कालीन पंचायत सेवक अरुण कुमार के विरुद्ध प्रपत्र गठित करने का निर्देश दे दिया है. जबकि जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद सिर्फ स्वच्छ भारत मिशन के कनीय अभियंता को चिन्हित करते हुए उनसे स्पष्टीकरण किया गया था. लेकिन डीसी ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्रतिनियुक्त किए गए कनीय अभियंता के साथ-साथ 14 वीं व 15 वीं वित्त की योजनाओं के क्रियान्वयन कराने वाले कनीय अभियंता को भी दोषी माना है. उन्होंने कहा है कि 14 वीं व 15वीं वित्त की योजनाओं के प्राक्कलन के अनुसार गुणवत्तापूर्ण काम नहीं होने के मामले में कनीय अभियंता भी जवाबदेह हैं लेकिन जांच में इस कनीय अभियंता का जिक्र नही है. फलस्वरूप बिशनपुर पंचायत की योजनाओं की जांच कर रहे जांच कमेटी की अध्यक्ष और डुमरी की एसडीओ प्रेमलता मुर्मू को इस संबंध में फिर से आवश्यक निर्देश दिए गए हैं.
रिकवरी की प्रक्रिया शुरूः जांच रिपोर्ट में 32 लाख 17 हजार रुपये की रिकवरी की अनुशंसा की गई है. इस मामले में डीसी ने स्पष्ट किया है कि जल स्वच्छता मिशन के तहत बनाए गये शौचालय निर्माण में हुई गड़बड़ी और 14 वीं और 15 वीं वित्त की योजनाओं में हुई गड़बड़ी का अलग-अलग आंकलन किया जाए. डीसी ने इसके लिए डीडीसी और डीपीआरओ को निर्देश दिया है कि पूरे मामले में अलग-अलग आंकलन कर संबंधित कर्मियों और अधिकारियों की जवाबदेही का निर्धारण करें और उनसे प्रावधानों के अनुसार राशि रिकवरी की प्रक्रिया शुरू की जाए. साथ ही शौचालय निर्माण में हुए गड़बड़ी को देखते हुए डीसी ने पीएचईडी टू के कार्यपालक अभियंता से पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी के संबंध में मंतव्य मांगा है.
शौचालय निर्माण में गड़बड़ीः बिशनपुर के ग्राम प्रधान और जल सहिया का वित्तीय अधिकार जब्त, बर्खास्तगी की तैयारी
पंचायतों में सरकारी राशि के गबन के मामलों पर कार्रवाई भी हो रही है. गिरिडीह के डीसी ने शौचालय निर्माण में गड़बड़ी और फर्जी निकासी के मामले की जांच करवाने के बाद बिशनपुर के प्रधान और जल सहिया का वित्तीय अधिकार जब्त करते हुए आगे की कार्रवाई शुरू की है.
गिरिडीहः पीरटांड प्रखंड के बिशनपुर पंचायत में बालू घाट से प्राप्त रॉयल्टी की राशि और 14 वीं व 15 वीं वित्त की योजनाओं में अनियमितता और शौचालय निर्माण में गड़बड़ी के मामले में गिरिडीह के डीसी डीसी नमन प्रियेश लकड़ा ने सख्त कार्रवाई की है. उन्होंने बिशनपुर के ग्राम प्रधान कल्पना देवी के साथ-साथ अंगैया की जलसहिया शांति देवी का वित्तीय अधिकार जब्त करने का आदेश दिया है. वहीं बर्खास्तगी की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है. ग्राम प्रधान कल्पना देवी को बर्खास्त करने के लिए पंचायती राज विभाग को पत्र लिखा जा रहा है. वहीं पांचों जलसहिया को भी बर्खास्त करने के लिए जल स्वच्छता मिशन के कार्यपालक अभियंता को विशेष निर्देश दिया गया है.
ये भी पढ़ेंः गिरिडीह में एक साल पहले ही पकड़ी गई स्ट्रीट लाइट खरीद में गड़बड़ी, कार्रवाई के नाम पर अब तक चल रही है जांच
एसडीओ की रिपोर्ट पर हुई कार्यवाईः यहां बता दें कि इस बिशनपुर पंचायत के विभिन्न योजनाओं में हुई गड़बड़ी का मामला सामने आने के बाद डुमरी की एसडीओ प्रेमलता मुर्मू की अध्यक्षता में जांच कमेटी बनी थी. इस कमेटी की जांच रिपोर्ट आने के बाद प्रशासनिक कार्रवाई की गई है. जांच रिपोर्ट में कमेटी ने स्पष्ट किया था कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाए गये शौचालय में काफी संख्या में शौचालय बिना बनाये ही राशि की निकासी कर ली गई है. कमेटी ने इसके अलावा कई योजनाओं में भी गड़बड़ी पकड़ी थी और कई संबंधित लोगों को चिन्हित करते हुए उनके विरुद्ध कार्रवाई की अनुशंसा की थी. इसी रिपोर्ट पर उपायुक्त ने दोषी लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की है.
पंचायत सेवक पर भी गिरेगी गाजः बालू घाट से प्राप्त रॉयल्टी की राशि के साथ-साथ 14वीं और 15वीं वित्त की राशि में वित्तीय गड़बड़ी करने के मामले को लेकर तत्कालीन पंचायत सचिव अरुण कुमार पर भी गाज गिरेगी. डीसी ने जिला पंचायती राज पदाधिकारी को तत्कालीन पंचायत सेवक अरुण कुमार के विरुद्ध प्रपत्र गठित करने का निर्देश दे दिया है. जबकि जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद सिर्फ स्वच्छ भारत मिशन के कनीय अभियंता को चिन्हित करते हुए उनसे स्पष्टीकरण किया गया था. लेकिन डीसी ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्रतिनियुक्त किए गए कनीय अभियंता के साथ-साथ 14 वीं व 15 वीं वित्त की योजनाओं के क्रियान्वयन कराने वाले कनीय अभियंता को भी दोषी माना है. उन्होंने कहा है कि 14 वीं व 15वीं वित्त की योजनाओं के प्राक्कलन के अनुसार गुणवत्तापूर्ण काम नहीं होने के मामले में कनीय अभियंता भी जवाबदेह हैं लेकिन जांच में इस कनीय अभियंता का जिक्र नही है. फलस्वरूप बिशनपुर पंचायत की योजनाओं की जांच कर रहे जांच कमेटी की अध्यक्ष और डुमरी की एसडीओ प्रेमलता मुर्मू को इस संबंध में फिर से आवश्यक निर्देश दिए गए हैं.
रिकवरी की प्रक्रिया शुरूः जांच रिपोर्ट में 32 लाख 17 हजार रुपये की रिकवरी की अनुशंसा की गई है. इस मामले में डीसी ने स्पष्ट किया है कि जल स्वच्छता मिशन के तहत बनाए गये शौचालय निर्माण में हुई गड़बड़ी और 14 वीं और 15 वीं वित्त की योजनाओं में हुई गड़बड़ी का अलग-अलग आंकलन किया जाए. डीसी ने इसके लिए डीडीसी और डीपीआरओ को निर्देश दिया है कि पूरे मामले में अलग-अलग आंकलन कर संबंधित कर्मियों और अधिकारियों की जवाबदेही का निर्धारण करें और उनसे प्रावधानों के अनुसार राशि रिकवरी की प्रक्रिया शुरू की जाए. साथ ही शौचालय निर्माण में हुए गड़बड़ी को देखते हुए डीसी ने पीएचईडी टू के कार्यपालक अभियंता से पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी के संबंध में मंतव्य मांगा है.