गढ़वाः जिले में एक युवक को घर में न प्रवेश न मिलने पर फांसी लगाने का मामला सामने आया है. दरअसल कोरोना का हॉटस्पॉट बना गढ़वा जिले में नागरिक दहशत में हैं. यहां एक युवक मुंबई से घर लौटा था, जिसके चलते उसे घर में नहीं घुसने दिया गया था.
मुंबई से परेशानियां झेलते हुए घर पहुंचे पुत्र को खुद उसके मां-बाप ने ही घर में प्रवेश से रोक दिया. इस वाकया से मां-बाप से मिलने की एकलौते पुत्र की तड़पन को गहरा आघात लगा और उसने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी.
उसके शव का पोस्टमार्टम करने आये डॉक्टर को इसकी जानकारी मिली तो उनके पांव भी ठिठक गए और कोरोना टेस्ट के बाद ही पोस्टमार्टम करने की बात कही.
हालांकि सिविल सर्जन ने कहा कि सेम्पल लेकर पोस्टमार्टम किया जाएगा. बता दें कि रंका थाना के हाटदोहर गांव का युवक मुकेश कुमार अपने मां-बाप का इकलौता पुत्र था.
वह 11फरवरी को मजदूरी करने मुंबई गया था. लॉकडाउन में वह वहां फंस गया. अन्य मजदूरों की तरह वह भी अपने जन्मभूमि पर वापस आने और अपने मां-बाप से मिलने के लिए तड़पने लगा.
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अन्य मजदूरों की तरह वह भी एक ट्रक में किसी तरह सवार होकर, कहीं-कहीं पैदल चलकर 11 मई को घर पहुंचा. उसके मां-बाप ने उसे दरवाजे पर ही रोक दिया, कहा पहले कोरोना का जांच कराकर आओ.
यह सुनकर मुकेश को अंदर से झकझोर दिया. मां के दिए खाना खाने के बजाय उसने आने बैग में रखे बिस्कुट खाए और घर से बाहर निकल गया.
उसने गांव के सरकारी स्कूल के पीछे एक पेड़ में फांसी लगाकर अपनी जान दे दी. मृतक के पिता रामनारायण गोंड ने कहा कि दरवाजा पर रोककर कोरोना जांच के लिए कहा गया था.
उसके बाद घर से बाहर जाकर फांसी लगा ली. डॉक्टर आरएस सिंह ने कहा कि कोरोना जांच और बिना पीपीई के वह पोस्टमार्टम नहीं कर सकते. वहीं सिविल सर्जन ने कहा कि डॉक्टर और सहायक को पीपीई किट उपलब्ध करा दिया गया है. मृतक का कोरोना का सैंपल लिया जाएगा. उसके बाद शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा.