गढ़वाः जिले के भंडरिया प्रखंड में कोरोना महामारी तेजी से अपने पैर फैला रही है. भीतरी भंडरिया टोला में 24 घंटे के अंदर एक ही घर के दो सदस्यों चाचा-भतीजा की मौत हो गयी. चाचा के शव को श्मशान घाट तक ले जाने के लिए भंडरिया अस्पताल से पीपीई किट भी उपलब्ध नहीं कराया गई.
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इसकी जानकारी मिलने पर आरएसएस कार्यकर्ताओं ने गढ़वा सदर अस्पताल से पीपीई किट उपलब्ध कराकर अंतिम संस्कार में मदद की. तब तक 30 घंटे गुजर गए थे. बता दें कि भंडरिया प्रखंड मुख्यालय के भीतरी भंडरिया में इन दिनों कोरोना चरम पर है. प्रायः हर घर के लोग बीमार हैं. उन्हीं घरों में से 42 वर्षीय दरोगा सिंह की मौत कोरोना से हो गयी थी.
उसके दाह संस्कार से लोग लौटे ही थे कि उसके चाचा 65 वर्षीय बन्धु सिंह की भी मौत कोरोना से हो गयी. बन्धु अपनी पत्नी के साथ अकेले ही घर में रहते थे. उनकी संतान दूसरी जगह रहती है. ग्रामीणों ने दाह संस्कार में सावधानी बरतने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भंडरिया से पीपीई की मांग की जहां से उन्हें डांटकर भगा दिया गया.
आरआरएस मदद को आगे आई
प्रभारी डॉ विजय किशोर रजक ने कहा कि उनके पास किट नहीं है. वहीं जब ग्रामीणों ने सीओ से सम्पर्क किया. उन्होंने 27 मई तक छुट्टी पर होने की बात कहकर बीडीओ से सम्पर्क करने की सलाह दे डाली.
सारे प्रयास के बाद ग्रामीणों को चार पीपीई किट नहीं मिले. वे थक हार कर गांव लौट आये. पीपीई नहीं मिलने से शव यूं ही पड़ा रहा. ग्रामीण शव के नजदीक जाने से परहेज कर रहे थे. इसकी जानकारी जब गढ़वा जिला आरआरएस के जिला कार्यवाह नितेश कुमार को मिली तो वे समाजसेवी सतीश सिन्हा, देवानन्द, संजय केशरी के साथ उस गांव में पहुंचे.
सारी जानकारी लेने के बाद उन्होंने गढ़वा के युवा समाजसेवी विवेक तिवारी से सम्पर्क साधा. विवेक ने सदर अस्पताल से पीपीई किट, मास्क, ग्लब्स उप्लब्ध करायी. इस कार्य मे लगभग चार घंटे लगे. उसके बाद नितेश के प्रयास से 30 घंटे बाद बन्धु सिंह के शव का दाह संस्कार किया गया.