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पारा मिलिट्री फोर्स के हवाले होंगे गढ़वा जिले के 951 बूथ, जिला प्रशासन तैयारी पूरी

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Published : Nov 17, 2019, 10:26 AM IST

गढ़वा में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए जिले के संवेदनशील और अतिसंवेदनशील बूथों पर पारा मिलिट्री फोर्स तैनात किए जायेंगे. इन बूथों पर मतदान करना जोखिम भरा होता है इसे लेकर प्रशासन अपनी तैयारियों में जुटी हुई है.

जिला निर्वाचन पदाधिकारी हर्ष मंगला

गढ़वा: झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर जहां एक ओर राजनीतिक दलों में हलचल तेज है, वहीं जिला प्रशासन शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव करने में जुटी है. डीसी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी के अनुसार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों और राज्यों के सीमावर्ती इलाके के 951 बूथों पर पारा मिलिट्री फोर्स तैनात किए जायेंगे.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-पलामू: नामांकन प्रक्रिया पूरा, जदयू, आप समेत 13 प्रत्याशियों का नामांकन रद्द

बता दें कि गढ़वा जिला तीन राज्यों बिहार, उत्तर प्रदेश और छतीसगढ़ की सीमा से सटा हुआ है. सोन और कनहर जैसे सीमावर्ती नदियों, पहाड़ों और जंगलों से भरपूर इस जिले में कुल 1180 बूथ हैं. वहीं, इस जिले में सामान्य बूथों की संख्या मात्र 229 है. 652 संवेदनशील और 299 अतिसंवेदनशील बूथ हैं. इन बूथों पर मतदान करना जोखिम भरा होता है और पूरी तरह चुनौतीपूर्ण भी. यहां तक कि मतदानकर्मियों को बूथों पर भेजने के लिए हेलीकॉप्टर का भी सहारा लेना पड़ता है.

डीसी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी हर्ष मंगला ने कहा कि संवेदनशील और अति संवेदनशील बूथों पर अर्द्धसैनिक बल के जवान तैनात होंगे. सीआरपीएफ अपनी गस्त शुरू कर चुकी है. वहीं, सीमावर्ती राज्यों के पदाधिकारी के साथ डीआईजी स्तर की बैठक भी हुई है. प्रशासन पूरी तरह शांतिपूर्ण मतदान के लिए तैयार है.

गढ़वा: झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर जहां एक ओर राजनीतिक दलों में हलचल तेज है, वहीं जिला प्रशासन शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव करने में जुटी है. डीसी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी के अनुसार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों और राज्यों के सीमावर्ती इलाके के 951 बूथों पर पारा मिलिट्री फोर्स तैनात किए जायेंगे.

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बता दें कि गढ़वा जिला तीन राज्यों बिहार, उत्तर प्रदेश और छतीसगढ़ की सीमा से सटा हुआ है. सोन और कनहर जैसे सीमावर्ती नदियों, पहाड़ों और जंगलों से भरपूर इस जिले में कुल 1180 बूथ हैं. वहीं, इस जिले में सामान्य बूथों की संख्या मात्र 229 है. 652 संवेदनशील और 299 अतिसंवेदनशील बूथ हैं. इन बूथों पर मतदान करना जोखिम भरा होता है और पूरी तरह चुनौतीपूर्ण भी. यहां तक कि मतदानकर्मियों को बूथों पर भेजने के लिए हेलीकॉप्टर का भी सहारा लेना पड़ता है.

डीसी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी हर्ष मंगला ने कहा कि संवेदनशील और अति संवेदनशील बूथों पर अर्द्धसैनिक बल के जवान तैनात होंगे. सीआरपीएफ अपनी गस्त शुरू कर चुकी है. वहीं, सीमावर्ती राज्यों के पदाधिकारी के साथ डीआईजी स्तर की बैठक भी हुई है. प्रशासन पूरी तरह शांतिपूर्ण मतदान के लिए तैयार है.

Intro:गढ़वा। जिले में झारखण्ड विधान सभा चुनाव को लेकर जहां एक ओर राजनीतिक दलों में हलचल मचा है, वहीं जिला प्रशासन शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष चुनाव करने में जुटा है। डीसी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी के अनुसार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों और दूसरे राज्यों के सीमावर्ती इलाके के 952 बूथों पर पारा मिलिट्री फ़ोर्स तैनात किये जायेंगे।


Body:बता दूं कि झारखण्ड का गढ़वा जिला तीन राज्यों बिहार, उत्तर प्रदेश और छतीसगढ़ की सीमा से सटा हुआ है। सोन और कनहर जैसे सीमावर्ती नदियों, पहाड़ों, जंगलों से भरपूर इस जिले में कुल 1180 बूथ हैं। जिसमें सामान्य बूथों की संख्या मात्र 229 है। 652 संवेदनशील और 299 अति संवेदनशील बूथ हैं। इस बूथों पर चुनाव करना जोखिम भरा होता है और पूरी तरह चुनौतीपूर्ण भी। यहां तक कि मतदान कर्मियों को बूथों पर भेजने के लिए हेलीकाप्टर का भी सहारा लेना पड़ता है।


Conclusion:डीसी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी हर्ष मंगला ने कहा कि संवेदनशील और अति संवेदशील बूथों पर अर्द्ध सैनिक बल के जवान तैनात होंगे। सीआरपीएफ अपना गस्त शुरू कर चुकी है। सीमावर्ती राज्यों के पदाधिकारी के साथ डीआईजी स्तर की बैठक भी हुई है। प्रशासन पूरी तरह शांतिपूर्ण मतदान के लिए तैयार है।
बाइट-हर्ष मंगल, डीसी गढ़वा
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