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तेलंगाना से पैदल चले प्रवासी मजदूर 25 दिन में पहुंचे गढ़वा, भिलाई में हुए थे क्वॉरेंटाइन

तेलंगाना के हैदराबाद से 48 मजदूर गढ़वा के लिए निकले. जिस बीच उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. इस बीच वे 14 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन हुए. फिर पांच दिन तक पैदल चले और 25 दिन बाद गढ़वा पहुंचे.

migrant  labourers reached garhwa
प्रवासी मजदूर की परेशानी
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Published : May 4, 2020, 1:34 PM IST

Updated : May 4, 2020, 3:09 PM IST

गढ़वा: दूसरे राज्यों में फंसे गढ़वा के मजदूरों की व्यथा काफी दर्दनाक है. घर लौटने की उनकी तड़पन, उन्हें कई तरह की यातनाएं दी है. ऐसी ही पीड़ा को अपने सीने में दफन किए 48 मजदूर जो तेलंगाना से गढ़वा पहुंचे हैं. जिन्हें यहां तक पहुंचने के लिए 5 दिनों तक पैदल भी चलना पड़ा था.

प्रवासी मजदूरों की परेशानी

बता दें कि गढ़वा जिले की कांडी, विशुनपुरा, भवनाथपुर, नगर उंटारी के 48 मजदूर तेलंगाना के हैदराबाद के निकट एक कस्बे में सिविल वर्क से जुड़े थे. लॉकडाउन के दौरान जब उन्हें परेशानी होने लगी तो वे वहां से किसी साधन से विशाखापट्नम चले आए. वहां से वे पैदल चलना शुरू किए. छतीसगढ़ के भिलाई शहर में उन्हें पुलिस पकड़ ली और 14 दिनों के लिए क्वॉरेंटाइन में भेज दिया.

पढ़ें- SPECIAL: मुस्कान देती है 'जीवन संस्था', 800 गरीबों को हर रोज करा रही भोजन

वहां से छूटने के बाद सभी ने मिलकर 60 हजार रुपए में एक बस को बुक किया और गढ़वा पहुंच गए. गढ़वा आने के बाद सभी को सदर अस्पताल में भेज दिया गया. स्वास्थ्य जांच के बाद उन्हें होम क्वॉरेंटाइन में भेज दिया गया.

सदर अस्पताल में स्वास्थ्य जांच करा रहे मजदूर मनोज राम ने कहा कि हैदराबाद से गढ़वा आने में वे काफी परेशान हुए. पांच दिनों तक पैदल भी चले. फिर भी उन्हें गढ़वा पहुंचने में 25 दिन लग गए.

गढ़वा: दूसरे राज्यों में फंसे गढ़वा के मजदूरों की व्यथा काफी दर्दनाक है. घर लौटने की उनकी तड़पन, उन्हें कई तरह की यातनाएं दी है. ऐसी ही पीड़ा को अपने सीने में दफन किए 48 मजदूर जो तेलंगाना से गढ़वा पहुंचे हैं. जिन्हें यहां तक पहुंचने के लिए 5 दिनों तक पैदल भी चलना पड़ा था.

प्रवासी मजदूरों की परेशानी

बता दें कि गढ़वा जिले की कांडी, विशुनपुरा, भवनाथपुर, नगर उंटारी के 48 मजदूर तेलंगाना के हैदराबाद के निकट एक कस्बे में सिविल वर्क से जुड़े थे. लॉकडाउन के दौरान जब उन्हें परेशानी होने लगी तो वे वहां से किसी साधन से विशाखापट्नम चले आए. वहां से वे पैदल चलना शुरू किए. छतीसगढ़ के भिलाई शहर में उन्हें पुलिस पकड़ ली और 14 दिनों के लिए क्वॉरेंटाइन में भेज दिया.

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वहां से छूटने के बाद सभी ने मिलकर 60 हजार रुपए में एक बस को बुक किया और गढ़वा पहुंच गए. गढ़वा आने के बाद सभी को सदर अस्पताल में भेज दिया गया. स्वास्थ्य जांच के बाद उन्हें होम क्वॉरेंटाइन में भेज दिया गया.

सदर अस्पताल में स्वास्थ्य जांच करा रहे मजदूर मनोज राम ने कहा कि हैदराबाद से गढ़वा आने में वे काफी परेशान हुए. पांच दिनों तक पैदल भी चले. फिर भी उन्हें गढ़वा पहुंचने में 25 दिन लग गए.

Last Updated : May 4, 2020, 3:09 PM IST
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