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नवजात को कचरे में जलाने का मामला: स्वास्थ्य विभाग ने की कार्रवाई, दो एएनएम और दाई को भेजा गया जेल - गढ़वा न्यूज

गढ़वा में नवजात को कचरे के साथ जलाने के मामले में स्वास्थ्य विभाग ने दो एएनएम और एक दाई पर कार्रवाई की है. दोनों एएनएम को निलंबित कर दिया गया है, जबकि दाई को बर्खास्त किया जा रहा है. वहीं पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया है.

in case of burning newborn in garbage in Garhwa
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Published : Jun 13, 2023, 11:26 AM IST

गढ़वाः जिले के मंझिआंव में एक नवजात की मौत के बाद कचरे में शव को जलाने के मामले में प्रशासनिक जांच में कई बातों का खुलासा हुआ है. दरअसल प्रसव के लिए भर्ती महिला को डॉक्टरों ने रेफर कर दिया था. लेकिन ड्यूटी पर तैनात एएनएम और दाई ने महिला का प्रसव करवाया था. महिला ने मृत नवजात को जन्म दिया था. एएनएम और दाई ने नवजात के शव को कचरे के साथ जला दिया था. आरोपी एएनएम निर्मला कुमारी, मंजू कुमारी और दाई दौलतिया देवी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. सभी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.

ये भी पढ़ेंः नवजात को कचरे में जलाने का मामला: हिरासत में ली गई एएनएम और दाई, एसडीएम ने शुरू की जांच

बता दें कि तीनों के खिलाफ गढ़वा के मंझिआंव थाना में आईपीसी की धारा 315, 201 और 34 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. इससे पहले तीनों से पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने पूछताछ की. स्वास्थ्य विभाग ने दोनों एएनएम को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. जबकि दाई को बर्खास्त करने की प्रक्रिया शुरू की गई है.

प्रशासनिक जांच में इस बात की पुष्टि हुई है कि पलामू के लहलहे राजहरा की रहने वाली मधु देवी नामक महिला को प्रसव के लिए स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करवाया गया था. जहां डॉक्टरों ने उसकी हालत गंभीर देखते हुए रेफर कर दिया था, लेकिन मौके पर तैनात दोनों नर्सों ने उसका प्रसव करवा दिया. दोनों ने प्रसव की जानकारी वरीय अधिकारी और डॉक्टर को नहीं दी थी. तीनों ने मिलकर नवजात के शव को परिजनों को नहीं सौंपा और कचरे में शव को जला दिया.

प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी गोविंद सेठ ने मामले में जांच के बाद एफआईआर के लिए पुलिस को आवेदन दिया था. गढ़वा एसडीएम राज महेश्वर ने पूरे मामले में अलग से जांच की है. एसडीएम की जांच में इस बात का खुलासा हुआ था कि मरीजों के भर्ती रजिस्टर से भी छेड़छाड़ हुआ है. बाद में परिजनों ने हंगामा भी किया.

गढ़वाः जिले के मंझिआंव में एक नवजात की मौत के बाद कचरे में शव को जलाने के मामले में प्रशासनिक जांच में कई बातों का खुलासा हुआ है. दरअसल प्रसव के लिए भर्ती महिला को डॉक्टरों ने रेफर कर दिया था. लेकिन ड्यूटी पर तैनात एएनएम और दाई ने महिला का प्रसव करवाया था. महिला ने मृत नवजात को जन्म दिया था. एएनएम और दाई ने नवजात के शव को कचरे के साथ जला दिया था. आरोपी एएनएम निर्मला कुमारी, मंजू कुमारी और दाई दौलतिया देवी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. सभी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.

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बता दें कि तीनों के खिलाफ गढ़वा के मंझिआंव थाना में आईपीसी की धारा 315, 201 और 34 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. इससे पहले तीनों से पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने पूछताछ की. स्वास्थ्य विभाग ने दोनों एएनएम को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. जबकि दाई को बर्खास्त करने की प्रक्रिया शुरू की गई है.

प्रशासनिक जांच में इस बात की पुष्टि हुई है कि पलामू के लहलहे राजहरा की रहने वाली मधु देवी नामक महिला को प्रसव के लिए स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करवाया गया था. जहां डॉक्टरों ने उसकी हालत गंभीर देखते हुए रेफर कर दिया था, लेकिन मौके पर तैनात दोनों नर्सों ने उसका प्रसव करवा दिया. दोनों ने प्रसव की जानकारी वरीय अधिकारी और डॉक्टर को नहीं दी थी. तीनों ने मिलकर नवजात के शव को परिजनों को नहीं सौंपा और कचरे में शव को जला दिया.

प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी गोविंद सेठ ने मामले में जांच के बाद एफआईआर के लिए पुलिस को आवेदन दिया था. गढ़वा एसडीएम राज महेश्वर ने पूरे मामले में अलग से जांच की है. एसडीएम की जांच में इस बात का खुलासा हुआ था कि मरीजों के भर्ती रजिस्टर से भी छेड़छाड़ हुआ है. बाद में परिजनों ने हंगामा भी किया.

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