गढ़वाः झारखंड सरकार में खनन सचिव पूजा सिंघल के खिलाफ ईडी की छापेमारी में मिले करोड़ों रुपए के काले धन पर पूर्व मंत्री गिरिनाथ सिंह ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि झारखंड के मनरेगा मजदूरों को बीते तीन माह से मजदूरी का भुगतान नहीं हुआ है. वहीं भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबी झारखंड सरकार के सचिव के ठिकानों से 20-25 करोड़ रुपए मिले हैं. जिसे गिनने के लिए मशीन का प्रयोग किया जा रहा है. ऐसे भ्रष्ट पदाधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.
पूर्व मंत्री और भाजपा नेता गिरिनाथ सिंह ने अपने आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि झारखंड की सरकार भ्रष्टाचार में पूरी तरह डूबी हुई है. पूजा सिंघल की तरह कई पदाधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. जिन्हें राजनेताओं का संरक्षण प्राप्त है. सरकार के अंग बन बैठे ऐसे पदाधिकारियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई पहले होनी चाहिए थी. इसमें काफी विलंब हो गया.
उन्होंने कहा कि गढ़वा जिले के पांच लाख से ज्यादा मजदूर मनरेगा से निबंधित हैं. उनका तीन माह से मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया है. इसी तरह पूरे झारखंड में एक करोड़ से ज्यादा निबंधित मजदूर हैं. जिन्हें भुगतान नहीं किया गया है. उनके सामने रोजी रोटी का सवाल खड़ा हो गया है. बेटियों की शादी और बीमारी के इलाज के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है. वहीं दूसरी तरफ सरकार की बागडोर संभाल रहे प्रमुख पदाधिकारियों के घर छापेमारी में करोड़ों रुपए मिल रहे हैं. उन्होंने जिला प्रशासन एवं राज्य सरकार से मनरेगा मजदूरों के बकाया मजदूरी का भुगतान करने की मांग की.
पूर्व मंत्री ने कहा कि राज्य और केंद्र द्वारा भ्रष्टाचारी पदाधिकारियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. ये लोग राज्य को खोखला बना रहे हैं एवं यहां के विकास को गर्त में पहुंचा रहे हैं. दुख की बात यह है कि ऐसे कार्यों में वर्तमान की सरकार भी संलिप्त है. झारखंड में अब भ्रष्टाचार शिष्टाचार बन गया है. वर्तमान की हेमंत सरकार इसी नीति पर काम कर रही है.