गढ़वा: जिले के मेराल प्रखंड मुख्यालय स्थित धान क्रय केंद्र टॉर्चर सेंटर बन गया है. इसका दुखद परिणाम देखने को मिला जब 22-23 दिनों से धान बेचने का इंतजार कर रहे एक किसान की हार्ट अटैक से मौत हो गई.
जानकारी के अनुसार गोदाम मैनेजर के अड़ियल रवैये और उसके नकारात्मक बातों से उसे बड़ा सदमा लगा था. इस घटना से किसान के गांव में कोहराम मच गया. इस घटना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.
नेनुआ गांव के किसान 46 वर्षीय देवेंद्र साव को सात अप्रैल को धान बेचने का मैसेज मिला हुआ था. उसी दिन से वह अपना धान लेकर मेराल प्रखंड मुख्यालय स्थित धन क्रय केंद्र पहुंचे थे. लेकिन गोदाम मैनेजर धान खरीदने में आनाकानी करने लगा. किसान देवेंद्र दिन-रात प्रखंड मुख्यालय में ही रहकर धान की रखवाली कर रहे थे. इसी बीच दो दिनों से धान क्रय केंद्र को बंद कर दिया गया.
किसानों की शिकायत पर एसडीओ प्रदीप कुमार ने इसका निरीक्षण किया. मैनेजर को प्राथमिकता के आधार पर किसानों का धान क्रय का निर्देश दिया.
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एसडीओ के निर्देश के बाद भी गोदाम मैनेजर का तेवर कम नहीं हुआ. मैनेजर की व्यवहार से किसान देवेंद्र को बड़ा सदमा लगा. धान बेचने की उनकी बची-खुची उम्मीद भी टूट गई.
देवेंद्र साव को इसका सदमा लगा और बेहोश होकर जमीन पर गिर गया. इसेक बाद प्रखंड प्रमुख विकास सिंह कुशवाहा ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया. लेकिन किसान की जान नहीं बचाई जा सकी. डॉक्टर के अनुसार किसान की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुआ.
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प्रखंड प्रमुख विकास सिंह कुशवाहा ने पूरे सिस्टम को कटघरे में खड़ा कर दिया. उन्होंने कहा कि सात अप्रैल से धान क्रय पदाधिकारी इस किसान को परेशान कर रहे थे. किसान सुबह से बिना खाए-पिए धान बेचने में लगे हुए थे. अचानक उनकी तबियत खराब हुई और मौत हो गई.
किसान रामसागर महतो ने कहा कि 22-23 दिनों से धान बेचने के लिए परेशान था. इसी दौरान हार्ट अटैक हो गया. वहीं, सदर एसडीपी प्रदीप कुमार ने भी किसान की मौत की पुष्टि की है.