जमशेदपुर: कोविड-19 में हुए लॉकडाउन को देखते हुए शहर के मानगो उलीडीह के रहने वाले एक युवक अपनी स्कूटी के पैसे से गरीबों को भोजन मुहैया करा रहा है. समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने वाले इस युवक के बारे में बस्ती वालों ने कहा कि युवक पर उन्हें गर्व है.
युवक साउंड सिस्टम का करता है काम
कोरोना महामारी को लेकर किये गए लॉकडाउन में सरकारी, गैर सरकारी संस्थाओं के अलावा समाज में कुछ ऐसे भी लोग हैं जो अपने स्तर से गरीबों को भोजन मुहैया करा रहे है. इसी क्रम में जमशेदपुर के मानगो उलीडीह बस्ती का रहने वाला युवक संजीत शर्मा जो साउंड सिस्टम का काम करता है. पिछले 45 दिनों से संजीत अपनी बस्ती में रहने वाले और पास के बस्ती में रहने वाले गरीब असहाय मजदूरों को भोजन मुहैया कराने का काम कर रहा है. उसके इस अभियान में उसके साथी भी उसका साथ दे रहे हैं.
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स्कूटी के लिए रखे पैसे से गरीबों की मदद
संजीत शर्मा ने बताया कि लॉकडाउन से पहले उसने नया स्कूटी लेने के लिए अपनी पुरानी स्कूटी को बेच दिया था और लॉकडाउन शुरू होने से वो नया स्कूटी नहीं ले सका. लॉकडाउन में बस्ती में रहने वाले गरीब असहाय मजदूरों की हालात देख उसने अपने स्कूटी के लिए रखे पैसों से बस्ती में गरीब जरूरतमंदों को खाना खिलाने का काम शुरू कर दिया. उसके इस नेक काम को देख उसके कई साथी भी उससे जुड़ गए. संजीत ने बताया कि गरीबी में ही वो पला बढ़ा है. गरीबी का दर्द उसे बखूबी मालूम है. यही वजह है कि वह गरीबों की मदद करने से पीछे नहीं हटता है.
अपने पैसे से गरीबों को भोजन
संजीत ने बताया कि अब तक वो अपनी जमापूंजी के करीब 90 हजार रुपये से खाना खिला चुका है और जबतक लॉकडाउन रहेगा पूरा प्रयास रहेगा कि गरीबों को भोजन करा सके. उसका मानता है कि पैसा कमाने से ज्यादा इंसान की मदद करना जरूरी है. इधर, बस्ती वालों ने कहा कि समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने वाले इस युवक पर उन्हें गर्व है.