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जल मीनार के बावजूद नहीं बुझ रही लोगों की प्यास, गंदा पानी पीने को हैं मजबूर

लघु ग्रामीण जलापूर्ति योजना का जल मीनार से भी बूझ रही लोगों की प्यास. तीन चापाकलों में से तीनों खराब है. जिसके कारण ये लोग नाले के पानी पीने को मजबूर है.

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Published : May 18, 2019, 12:20 PM IST

नहीं बुझ रही लोगों की प्यास

घाटशिला: मुसाबनी प्रखंड के तेरंगा पंचायत का डूंगरी टोला में पानी की समस्या को लेकर लोग परेशान हैं. कई महीने पहले जल मीनार तो बन गया लेकिन उससे पानी की सप्लाई नहीं की जा रही है.

नहीं बुझ रही लोगों की प्यास

पानी की टंकी के उद्घाटन के मौके पर जनप्रतिनिधि अपने नाम की शिलापट्ट तो लगवा चुके है. लेकिन मीनार अब भी सूखा है. पंचायत में 3 चापाकल हैं लेकिन तीनों ही खराब पड़े हुए हैं. मुखिया ने भी इसे बनाने के लिए कोई खास कदम नहीं उठाया. जिससे लोगों की हालत दयनीय होती चली गई.

आलम ये है कि लोग पानी पीने के लिए दर-दर भटक रहे हैं. यही नहीं पानी की कमी के कारण लोग गंदा पानी पीने को मजबूर हैं. जिस पानी में लोग नहाते हैं उसी को पीने के लिए भी इस्तेमाल करते हैं. गंदा पानी पीने से कई लोग बीमार हो चुके हैं.

घाटशिला: मुसाबनी प्रखंड के तेरंगा पंचायत का डूंगरी टोला में पानी की समस्या को लेकर लोग परेशान हैं. कई महीने पहले जल मीनार तो बन गया लेकिन उससे पानी की सप्लाई नहीं की जा रही है.

नहीं बुझ रही लोगों की प्यास

पानी की टंकी के उद्घाटन के मौके पर जनप्रतिनिधि अपने नाम की शिलापट्ट तो लगवा चुके है. लेकिन मीनार अब भी सूखा है. पंचायत में 3 चापाकल हैं लेकिन तीनों ही खराब पड़े हुए हैं. मुखिया ने भी इसे बनाने के लिए कोई खास कदम नहीं उठाया. जिससे लोगों की हालत दयनीय होती चली गई.

आलम ये है कि लोग पानी पीने के लिए दर-दर भटक रहे हैं. यही नहीं पानी की कमी के कारण लोग गंदा पानी पीने को मजबूर हैं. जिस पानी में लोग नहाते हैं उसी को पीने के लिए भी इस्तेमाल करते हैं. गंदा पानी पीने से कई लोग बीमार हो चुके हैं.

Intro:लघु ग्रामीण जलापूर्ति योजना का जल मीनार से भी नहीं बदली लोगों की पानी की समस्या

घाटशिला (पूर्वी सिंहभूम)

कहते हैं बिन पानी, जग सून, मुसाबनी प्रखंड के तेरंगा पंचायत का डूंगरी टोला के लोग आज भी लघु ग्रामीण जल प्रति योजना से बना जल मीनार का पानी पीने के इंतजार कर रहे हैं जल मीनार बनकर कई माह बीत गए लेकिन अभी तक इन लोगों को पानी नहीं मिल पाया है
जनप्रतिनिधि मैं अपना नाम तो बड़े बड़े अक्षरों पर लिख दिया मगर इस पर थोड़ा भी अगर ध्यान दिया होता तो आज यहां के लोगों को इस जल मीनार का पानी मिलता है लोग पानी पीने के लिए दर-दर भटक रहे हैं पास वाले नाले से लोग पानी लेकर आते हैं और अपना प्यास बुझाते हैं इसी नाले में लोग नहाते भी हैं और घर के लिए पीने का पानी भी लेकर जाते हैं कई लोग तो कई बार बीमार पड़ते हैं अस्पताल जाते हैं ठीक ठीक होकर आ जाते हैं लेकिन उनकी मजबूरी है कि वो फिर से उसी नाले का पानी पीना पड़ता है
यहां 3 चापाकल है जिसमें तीनों ही खराब पड़े हुए हैं इसको बनाने के लिए मुखिया भी कोई कदम नहीं उठा रही हैBody:शौचालय भी इक्का-दुक्का ही बना है वह भी सही प्रकार से नहीं अगर जल मीनार होता तो शौचालय का पूरी तरह इस्तेमाल किया जा सकता था पानी के लिए वह भी शौचालय अधूरा ही है कई लोग तो शौचालय की पेन में बर्तन साफ करते हैं इससे अंदाजा लगाया जा सकता है की यहां पर शौचालय निर्माण किस तरह हुआ हैConclusion:यहां पर एक ही स्कूल भी हुआ करता था नीति आयोग द्वारा स्कूल बंद किए जाने के बाद कुछ ही बच्चे स्कूल जाते हैं और कुछ घर पर ही रहते हैं
इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यहां के लोगों का जीवन स्तर किन कठिनाइयों के साथ गुजर-बसर कर रहे हैं
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बाइट
1 सिंहराय हेंब्रम ,तेरगा पंचायत, ग्रामीण
2ग्रामीण
3 संतोष कुमार गुप्ता अंचल अधिकारी सह प्रखंड विकास पदाधिकारी
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रिपोर्ट
कनाई राम हेंब्रम
घाटशिला
9279289270
9304805270
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