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जलजमाव से डूब जाएगा चिरूगोडा गांव! कई लोग हो सकते हैं बेघर

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Published : Jun 14, 2021, 10:26 AM IST

पूर्वी सिंहभूम के धालभूमगढ़ प्रखंड स्थित ने चिरूगोड़ा गांव में बारिश से हुए जलजमाव के कारण गांव डूबने की कगार पर है. जिसकी वजह से लोगों दहशत में है. पानी की निकासी ना होने के कारण गांव में पानी भर गया है. जलजमाव के कारण कई लोग बेघर हो सकते है.

water logging problem in chirugoda village in ghatshila
जलजमाव से चिरूगोडा गांव में डूबने का खतरा

पूर्वी सिंहभूमः जिला के घाटशिला अनुमंडल के धालभूमगढ़ प्रखंड स्थित नेशनल हाइवे-18 से सटे चिरूगोड़ा गांव में इन दिनों डूबने का भय लोगों को सता रहा है. क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण गांव के बाहर जलजमाव (Water Logging) हो गया. जिससे गांव के डूबने का खतरा है. इस गांव में कई कच्चे मकान है, जो इस जलजमाव के कारण कभी भी ढह सकते है. लोगों के साथ-साथ बच्चों पर भी खतरा बना हुआ है क्योंकि जलजमाव (Water Logging) के कारण बच्चे कभी भी डूब सकते हैं. गांव के बाहर बना एकमात्र कुआं जलजमाव (Water Logging) के कारण डूब चुका है.

इसे भी पढ़ें- yaas cyclone effect: तूफान के कारण छोटा तालाब का इलाका जलमग्न, समस्या के समाधान के लिए लोग लगा रहे गुहार

20 से 25 फीट पानी का जमाव
ग्रामीणों ने बताया कि गांव के बाहर तकरीबन 20 से 25 फीट पानी का जमाव हो गया. निकासी की कोई जगह नहीं होने के कारण पानी भर गया है. रेलवे का थर्ड लाइन निर्माण कार्य बड़े जोरों शोरों से चल रहा है. गांव से जो पानी निकासी कल्वर्ट से होता था, उसे रेलवे के अधिकारियों ने बंद कर दिया. रेलवे अधिकारियों ने कहा था कि नीचे पुलिया का निर्माण चल रहा है. यहां से पानी निकासी होगा तो पुलिया का काम रुक जाएगा. इसीलिए उन्होंने गांव से निकलने वाले पानी के कार्बेट को जाम कर दिया.

देखें पूरी खबर

थर्ड लाइन में मिट्टी डालने का काम
ग्राम प्रधान ने रेलवे के उच्च अधिकारियों को मामले की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द पानी निकासी वाले कल्वर्ट को खोल दिया जाए. ताकि गांव डूबने से बच जाए और कई लोग बेघर होने से बच जाएंगे. अधिकारियों ने कहा कि इसका जल्द ही दूसरा समाधान निकाल लिया जाएगा. ग्रामीणों ने थर्ड लाइन में मिट्टी डालने के काम को रुकवा दिया. उन लोगों ने मांग की कि जब तक पानी निकासी का कोई ठोस उपाय नहीं होता तब तक थर्ड लाइन में मिट्टी डालने का काम रुका रहना चाहिए.

पूर्वी सिंहभूमः जिला के घाटशिला अनुमंडल के धालभूमगढ़ प्रखंड स्थित नेशनल हाइवे-18 से सटे चिरूगोड़ा गांव में इन दिनों डूबने का भय लोगों को सता रहा है. क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण गांव के बाहर जलजमाव (Water Logging) हो गया. जिससे गांव के डूबने का खतरा है. इस गांव में कई कच्चे मकान है, जो इस जलजमाव के कारण कभी भी ढह सकते है. लोगों के साथ-साथ बच्चों पर भी खतरा बना हुआ है क्योंकि जलजमाव (Water Logging) के कारण बच्चे कभी भी डूब सकते हैं. गांव के बाहर बना एकमात्र कुआं जलजमाव (Water Logging) के कारण डूब चुका है.

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20 से 25 फीट पानी का जमाव
ग्रामीणों ने बताया कि गांव के बाहर तकरीबन 20 से 25 फीट पानी का जमाव हो गया. निकासी की कोई जगह नहीं होने के कारण पानी भर गया है. रेलवे का थर्ड लाइन निर्माण कार्य बड़े जोरों शोरों से चल रहा है. गांव से जो पानी निकासी कल्वर्ट से होता था, उसे रेलवे के अधिकारियों ने बंद कर दिया. रेलवे अधिकारियों ने कहा था कि नीचे पुलिया का निर्माण चल रहा है. यहां से पानी निकासी होगा तो पुलिया का काम रुक जाएगा. इसीलिए उन्होंने गांव से निकलने वाले पानी के कार्बेट को जाम कर दिया.

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थर्ड लाइन में मिट्टी डालने का काम
ग्राम प्रधान ने रेलवे के उच्च अधिकारियों को मामले की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द पानी निकासी वाले कल्वर्ट को खोल दिया जाए. ताकि गांव डूबने से बच जाए और कई लोग बेघर होने से बच जाएंगे. अधिकारियों ने कहा कि इसका जल्द ही दूसरा समाधान निकाल लिया जाएगा. ग्रामीणों ने थर्ड लाइन में मिट्टी डालने के काम को रुकवा दिया. उन लोगों ने मांग की कि जब तक पानी निकासी का कोई ठोस उपाय नहीं होता तब तक थर्ड लाइन में मिट्टी डालने का काम रुका रहना चाहिए.

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