ETV Bharat / state

घाटशिलाः पानी के लिए लॉकडाउन को तोड़ने को मजबूर ग्रामीण, बंगाल के भरोसे चल चल रही है पेयजल व्यवस्था

झारखंड में कोरोना महामारी के चलते हर जगह लॉकडाउन लागू है. अधिकांश राज्यों की सीमाएं सील कर दी गई हैं. ऐसे में सरकार के उदासीन रवैए से घाटशिला के ग्रामीणों को पानी के लिए पड़ोसी राज्य बंगाल का मुंह ताकना पड़ रहा है. राज्य सरकार यहां की जनता को पानी भी मुहैया नहीं करा पा रही है.

author img

By

Published : Apr 15, 2020, 7:44 AM IST

पानी
पानी

घाटशिला/पूर्वी सिंहभूमः कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण सरकार ने लॉकडाउन की घोषणा की है. लॉकडाउन होने से जहां लोग अपने घरों में सिमट कर रह गए हैं, वहीं चाकुलिया प्रखंड स्थित एक ऐसा गांव है जहां के लोग पेयजल के लिए जूझ रहे हैं. यहां के लोग पानी के लिए पड़ोसी राज्य बंगाल में जाने को मजबूर हैं. यहां भारी जद्दोजहद के बीच बंगाल के पानी से लोग प्यास बुझा रहे हैं. यह सरकार की इस क्षेत्र के प्रति उदासीनता का एक बड़ा उदाहरण है. सरकार के तमाम दावों की पोल खुल रही है. सरकार क्षेत्र की जनता को पानी भी मुहैया नहीं करा पा रही है.

यहां के ग्रामीण पीने का पानी लाने के लिए लॉकडाउन को तोड़ रहे हैं. चाकुलिया प्रखंड के पहाड़ों पर बसी बर्डीकानपुर-कालापाथर पंचायत के जोभी गांव में 40 परिवारों के बीच 2 चापाकल और 2 सोलर बोरिंग हैं

ग्रामीणों ने बताया कि दोनों चापाकल महीनों से ठप हैं. वहीं सोलर बोरिंग फेल हो रहा है. गर्मी का मौसम आते ही पानी का लेयर नीचे चला गया है, जिस कारण एक सोलर बोरिंग पूर्ण रूप से ठप हो गया है और एक बोरिंग से कम पानी मिल रहा है.

गांव के निवासी विद्युत महतो, अनिल महतो, चुनका महतो समेत अन्य लोगों ने बताया कि ग्रामीण पेयजल लेने के लिए रतजगा कर रहें हैं.

गांव के नीचे खेत में बना कुआं भी सूख जा रहा है. रातभर में कुआं में थोड़ा बहुत पानी जमा होता है, जिसे लेने के लिए ग्रामीण रतजगा करते हैं. सुबह जो पहले जाता है उसे कुआं से पानी मिलता है. गांव के बाकी लोग पीने और नहाने के लिए पश्चिम बंगाल के जोरमा गांव 5 किमी दूर जाते हैं.

यह भी पढ़ेंः कोरोना के कारण भुखमरी की कगार पर गरीब, Etv भारत की पड़ताल में सरकारी दावों की पोल खुली

झारखंड-बंगाल सीमा पर बंगाल पुलिस ने लगाया है बैरियर कोरोना वायरस के मद्देनजर पश्चिम बंगाल के बेलपहाड़ी थाना ने झारखंड और बंगाल सीमा पर बैरियर लगाकर लोगों के आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है.

लेकिन जोभी के ग्रामीण पीने का पानी लाने के लिए लॉकडाउन को तोड़ने पर विवश हैं. ग्रामीणों ने कहा कि सीमा पर बंगाल पुलिस द्वारा बैरियर लगाया गया है.

इसके बावजूद ग्रामीण खेत के रास्ते 5 किमी दूर पैदल चलकर सुबह पीने के लिए पानी लाने जाते हैं. ग्रामीणों ने कहा कि सरकारी अधिकारी और जन प्रतिनिधियों की उपेक्षा के कारण गांव के ग्रामीण पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं.

घाटशिला/पूर्वी सिंहभूमः कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण सरकार ने लॉकडाउन की घोषणा की है. लॉकडाउन होने से जहां लोग अपने घरों में सिमट कर रह गए हैं, वहीं चाकुलिया प्रखंड स्थित एक ऐसा गांव है जहां के लोग पेयजल के लिए जूझ रहे हैं. यहां के लोग पानी के लिए पड़ोसी राज्य बंगाल में जाने को मजबूर हैं. यहां भारी जद्दोजहद के बीच बंगाल के पानी से लोग प्यास बुझा रहे हैं. यह सरकार की इस क्षेत्र के प्रति उदासीनता का एक बड़ा उदाहरण है. सरकार के तमाम दावों की पोल खुल रही है. सरकार क्षेत्र की जनता को पानी भी मुहैया नहीं करा पा रही है.

यहां के ग्रामीण पीने का पानी लाने के लिए लॉकडाउन को तोड़ रहे हैं. चाकुलिया प्रखंड के पहाड़ों पर बसी बर्डीकानपुर-कालापाथर पंचायत के जोभी गांव में 40 परिवारों के बीच 2 चापाकल और 2 सोलर बोरिंग हैं

ग्रामीणों ने बताया कि दोनों चापाकल महीनों से ठप हैं. वहीं सोलर बोरिंग फेल हो रहा है. गर्मी का मौसम आते ही पानी का लेयर नीचे चला गया है, जिस कारण एक सोलर बोरिंग पूर्ण रूप से ठप हो गया है और एक बोरिंग से कम पानी मिल रहा है.

गांव के निवासी विद्युत महतो, अनिल महतो, चुनका महतो समेत अन्य लोगों ने बताया कि ग्रामीण पेयजल लेने के लिए रतजगा कर रहें हैं.

गांव के नीचे खेत में बना कुआं भी सूख जा रहा है. रातभर में कुआं में थोड़ा बहुत पानी जमा होता है, जिसे लेने के लिए ग्रामीण रतजगा करते हैं. सुबह जो पहले जाता है उसे कुआं से पानी मिलता है. गांव के बाकी लोग पीने और नहाने के लिए पश्चिम बंगाल के जोरमा गांव 5 किमी दूर जाते हैं.

यह भी पढ़ेंः कोरोना के कारण भुखमरी की कगार पर गरीब, Etv भारत की पड़ताल में सरकारी दावों की पोल खुली

झारखंड-बंगाल सीमा पर बंगाल पुलिस ने लगाया है बैरियर कोरोना वायरस के मद्देनजर पश्चिम बंगाल के बेलपहाड़ी थाना ने झारखंड और बंगाल सीमा पर बैरियर लगाकर लोगों के आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है.

लेकिन जोभी के ग्रामीण पीने का पानी लाने के लिए लॉकडाउन को तोड़ने पर विवश हैं. ग्रामीणों ने कहा कि सीमा पर बंगाल पुलिस द्वारा बैरियर लगाया गया है.

इसके बावजूद ग्रामीण खेत के रास्ते 5 किमी दूर पैदल चलकर सुबह पीने के लिए पानी लाने जाते हैं. ग्रामीणों ने कहा कि सरकारी अधिकारी और जन प्रतिनिधियों की उपेक्षा के कारण गांव के ग्रामीण पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं.

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.