जमशेदपुर: जिले के वर्तमान सांसद विद्युत वरण महतो पर एक बार फिर बीजेपी ने भरोसा जताते हुए जमशेदपुर से उम्मीदवार घोषित किया है. भाजपा के दिल्ली कार्यालय से जारी 10 सीटों के उम्मीदवारों में जमशेदपुर से भाजपा ने वर्तमान सांसद पर भरोसा जताते हुए टिकट दिया है.
15 फरवरी 1963 को विद्युत वरण महतो का जन्म आदित्यपुर के कृष्णापुर में हुआ था. उनके पिता का नाम सुरेंद्र दास महतो है. एक बहन और दो भाइयों में विद्युत वरण महतो अपने घर में सबसे बड़े हैं. विद्युत वरण महतो का परिवार भी काफी छोटा है. उनका एक लड़का और लड़की है. लड़का कुणाल इंजरिंग कर नौकरी कर रहा है. जबकि लड़की फिलहाल कोलकाता में ग्रेजूएशन कर रही है.
मजदूर की समस्या से दिन रात जूझना पड़ता था
उनकी पत्नी कुशल गृहणी हैं. उन्होंने मैट्रिक तक एमपीएम हाई स्कूल से पढ़ाई की है. उसके बाद उन्होंने चाईबासा के टाटा कॉलेज में नामांकन लिया. हालाकि झारखंड आंदोलन से जुड़े होने के कारण वह ग्रेजूएशन नहीं कर पाए. उनका घर आदित्यपुर के औद्योगिक क्षेत्र में होने के कारण मजदूरों की समस्या से दिन रात जूझना पड़ता था. उसके बाद उन्होंने मजदूरों के लिए लड़ाई लगना शुरू किया. इसके बाद वे झारखंड अलग राज्य के लिए हो रहे आंदोलन में शामिल हुए. आंदोलन के दौरान उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा.
पहली बार कब लड़े थे चुनाव
पहली बार विद्युत वरण महतो झारखंड मुक्ति मोर्चा के टिकट पर इचागढ़ से 1999 में चुनाव लड़े थे. लेकिन उन्हें इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था. उसके बाद उन्होंने अपना किस्मत बहरागोरा विधानसभा से आजमाया. वर्ष 2004 में झारखंड मुक्ति मोर्चा के टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन इस चुनाव में उन्हें दिनेश सारंगी के हाथों पराजय का सामना करना पड़ा. उसके बाद भी में हिम्मत नहीं हारे और 2009 में फिर झारखंड मुक्ति मोर्चा के चुनाव पर बहारागोड़ा से चुनाव लड़ा और तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री दिनेश षाड़ंगी को हराकर पहली बार झारखंड विधानसभा पहुंचे.
कुशल व्यवहार के कारण मिला टिकट
उनके कुशल व्यवहार के कारण भाजपा ने 2014 में टिकट देकर जमशेदपुर से अपना उम्मीदवार बनाया. जहां उन्होंने निवर्तमान सांसद डॉ अजय कुमार को 99877 मतों से हराकर जमशेदपुर के लोकसभा सीट पर कब्जा किया.