जमशेदपुरः शहर के खरकई और स्वर्णरेखा नदी में दो बच्चे डूब गए (child died due to drowning) हैं. पहली घटना बागबेड़ा खरकई नदी बड़ौदा घाट में नहाने के दौरान एक लड़का डूब गया. जबकि दूसरी घटना सोनारी क्षेत्र के दोमुहानी स्वर्णरेखा नदी की है. पुलिस रविवार देर शाम तक गोताखोर की मदद से डूबे लड़कों की तलाश की. लेकिन दोनों का कुछ पता नहीं चल पाया. सोमवार को भी पुलिस और गोताखोरों की मदद से नदी में डूबे लड़कों की तलाश की जाएगी. दोनों अपने परिवार के साथ जिउतिया पर्व को लेकर नदी में नहाने आए थे.
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पहली घटना बागबेड़ा थाना क्षेत्र (Bagbera Police Station) की है. जहां खरकई नदी के बड़ौदा घाट में 15 वर्षीय ऋषि कुमार नामक किशोर नदी में डूब (drowning in Kharkai River) गया. लड़का जेमको आजाद बस्ती का रहने वाला है, जो अपने परिवार के साथ जिउतिया पर्व में नदी में नहाने के लिए आया था. ऋषि अपनी मां के साथ आया था जो नदी में नहाने के लिए उतरा और थोड़ी देर में ही वो पानी में समा गया. इसको देख आसपास की महिलाएं शोर मचाने लगीं. तत्काल कई लोग पानी में उतरकर उसे खोजने का प्रयास किया. लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी. नदी में डूबने की सूचना पर पुलिस घटनास्थल पहुंची और गोताखोर को बुलाकर ऋषि को ढूंढने का प्रयास करने लगी लेकिन देर शाम तक ऋषि का पता नहीं चला. 15 साल का ऋषि कुमार मैट्रिक का छात्र था और वो घर का एकलौता बेटा था.
दूसरी घटना सोनारी थाना क्षेत्र (Sonari police station) की है. जहां दो दोमुहानी स्वर्णरेखा नदी में नहाने के दौरान दो लड़के डूबने लगे. जिन्हें देख लोगों ने शोर मचाया और सूझबूझ से एक लड़के को बचा लिया गया. लेकिन लेकिन दूसरा लड़का 13 वर्षीय प्रिंस नदी में डूब गया. सूचना मिलने पर पुलिस वहां पहुंची और गोताखोर को बुलाया गया देर शाम तक गोताखोर प्रिंस की तलाश करती रही. प्रिंस टेल्को मनिफिट का रहने वाला है और वो अपने परिजनों के साथ नदी में आया था.
लगातार बारिश होने के कारण दोनों नदियों का जल स्तर बढ़ा हुआ है. इस वजह से नदी में डूबे दोनों लड़कों की तलाश करने में दिक्कत आ रही है. इधर देर शाम से पानी में डूबे बच्चों के परिजन और ग्रामीण नदी किनारे की मौजूद है. दोनों परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है. इधर बागबेड़ा की घटना की जानकारी मिलते ही पूर्व जिला परिषद सदस्य किशोर यादव बड़ौदा घाट पहुंचे.
उन्होंने प्रशासन को निशाने पर लेते हुए कहा कि बागबेड़ा बडौदा घाट में आए दिन डूबने की घटनाएं सामने आती हैं, फिर भी जिला प्रशासन इसको लेकर गंभीर नहीं है. उन्होंने बताया कि 2 साल के बाद जिउतिया पर्व में काफी संख्या में महिलाएं नहाने के लिए आई थीं, इसी दौरान ये हादसे हुए हैं. बड़ौदा घाट डेंजर जोन है प्रशासन को नदी किनारे बैरिकेडिंग करने की जरूरत है, जिससे घटना की पुनरावृत्ति ना हो सके. पुत्र की लंबी आयु के लिए महिलाएं जिउतिया पर्व करती हैं और इसके लिए वह जिउतिया पर्व की शाम नदी में स्नान कर पूजा-अर्चना करती हैं. 2 साल से कोरोना काल के कारण पाबंदी होने पर लोग खुलकर पर्व नहीं मना रहे थे. इस साल छूट मिलने कारण भारी संख्या में महिलाएं अपने परिवार के साथ नदी घाट पहुंची थीं.