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जमशेदपुरः सहकारी बैंक से 1.48 करोड़ रुपए गबन के आरोप में दो गिरफ्तार, भेजे गए जेल

पूर्वी सिंहभूम जिले के को-ऑपरेटिव सहकारी बैंक जादुगोड़ा शाखा में गबन करने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. फिलहाल, पुलिस इनके साथियों की तलाश कर रही है.

embezzlement in jamshedpur
गबन के आरोपी गिरफ्तार
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Published : Aug 20, 2020, 8:57 AM IST

जमशेदपुरः पूर्वी सिंहभूम जिले के जादुगोड़ा थाना स्थित को-ऑपरेटिव सहकारी बैंक से एक करोड़ 47 लाख 66 हजार रुपए गबन का मामला सामने आया था. इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.

गबन के आरोपी गिरफ्तार
जादुगोड़ा थाना पुलिस ने को-ऑपरेटिव सहकारी बैंक से एक करोड़ 47 लाख 66 हजार रुपये गबन करने के मामले में कदमा नागरकोर्ट फ्लैट के उदय प्रताप सिंह और मुसाबनी मदीन कुट्टी के केएस हमीद को गिरफ्तार किया हैं. वहीं, पुलिस को मामले में वीरेंद्र कुमार सवैया, उमेश चंद्र सिंह, राज श्रीवास्तव, लाल मनोज नाथ शहदेव की तलाश हैं, जबकि इस मामले के नामजद आरोपित उमेश चंद्र सिंह बैंक से बर्खास्त किए जा चुके हैं.

इसे भी पढ़ें- बक्सर पहुंचे पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, कहा- 'चुनाव हुआ तो कोरोना केंद्र बन जाएंगे मतदान केंद्र'

क्या था पूरा मामला
बता दें कि सभी आरोपी के खिलाफ 4 जुलाई 2019 को जादूगोड़ा थाना में वित्तीय अनियमितता की प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसकी जांच रांची के इनामुल हक की शिकायत पर संयुक्त रजिस्ट्रार चंद्रदेव रंजन, सहायक रजिस्ट्रार अशोक तिवारी और उमाकांत पांडे ने की थी. आरोप को सत्य पाया गया. लोन की रकम की भरपाई के लिए फर्जी तरीके से 23 अकाउंट खाेल दिए गए थे. हर खाते में 6.42 लाख रुपये जमा कर कुछ दिनों बाद सभी अकाउंट काे बंद कर दिया गया था.

जमशेदपुरः पूर्वी सिंहभूम जिले के जादुगोड़ा थाना स्थित को-ऑपरेटिव सहकारी बैंक से एक करोड़ 47 लाख 66 हजार रुपए गबन का मामला सामने आया था. इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.

गबन के आरोपी गिरफ्तार
जादुगोड़ा थाना पुलिस ने को-ऑपरेटिव सहकारी बैंक से एक करोड़ 47 लाख 66 हजार रुपये गबन करने के मामले में कदमा नागरकोर्ट फ्लैट के उदय प्रताप सिंह और मुसाबनी मदीन कुट्टी के केएस हमीद को गिरफ्तार किया हैं. वहीं, पुलिस को मामले में वीरेंद्र कुमार सवैया, उमेश चंद्र सिंह, राज श्रीवास्तव, लाल मनोज नाथ शहदेव की तलाश हैं, जबकि इस मामले के नामजद आरोपित उमेश चंद्र सिंह बैंक से बर्खास्त किए जा चुके हैं.

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क्या था पूरा मामला
बता दें कि सभी आरोपी के खिलाफ 4 जुलाई 2019 को जादूगोड़ा थाना में वित्तीय अनियमितता की प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसकी जांच रांची के इनामुल हक की शिकायत पर संयुक्त रजिस्ट्रार चंद्रदेव रंजन, सहायक रजिस्ट्रार अशोक तिवारी और उमाकांत पांडे ने की थी. आरोप को सत्य पाया गया. लोन की रकम की भरपाई के लिए फर्जी तरीके से 23 अकाउंट खाेल दिए गए थे. हर खाते में 6.42 लाख रुपये जमा कर कुछ दिनों बाद सभी अकाउंट काे बंद कर दिया गया था.

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