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टाटा ग्रुप ने रचा नया इतिहास, नोवामुंडी मांइस में सभी शिफ्टों में महिलाओं की तैनाती - टाटा ग्रुप ने रचा नया इतिहास

जमशेदपुर का टाटा स्टील देश की नोवामुंडी आयरन माइंस पहली ऐसी कंपनी है जो अपने सभी शिफ्टों में महिलाओं को तैनात करने वाली देश की पहली कंपनी बन गई है. महिला सशक्तिकरण की दिशा में टाटा स्टील ने एक नया इतिहास रचा है. इससे महिलाओं को बल मिलेगा और रोजगार के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी.

टाटा ग्रुप ने रचा नया इतिहास
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Published : Sep 4, 2019, 12:41 PM IST

जमशेदपुर: देश की सौ साल पुरानी टाटा स्टील के नोवामुंडी आयरन माइंस सभी शिफ्टों में महिलाओं को तैनात करने वाली देश की पहली कंपनी बन गई है. टाटा वर्कर्स यूनियन के अधिकारी ने बताया कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में टाटा ग्रुप ने एक नया इतिहास रचा है. इससे महिलाओं को रोजगार के साथ-साथ आत्मविश्वास भी बढ़ेगा.

देखें पूरी खबर

तीनों शिफ्ट में अब महिलाएं करेंगी काम
आजादी के पहले औधोगिक क्रांति लाने वाले जमशेदजी टाटा द्वारा स्थापित सौ साल पुरानी टाटा स्टील कंपनी अपने खान में काम करने के लिए महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करते हुए एक नया इतिहास रच दिया है. इस खान में तीनों शिफ्ट में अब महिलाएं काम करेंगी. इसके लिए खान अधिनियम के तहत केंद्र सरकार से टाटा ग्रुप को हरी झंडी मिलने के बाद यह फैसला लिया गया है.

ये भी पढ़ें-टाटा मोटर्स झेल रहा मंदी की मार, 16-17 अगस्त को ब्लॉक क्लोजर की घोषणा

महिलाओं की तैनाती
बता दें कि वर्तमान में महिलाओं की तैनाती अधिकारी, गैर-अधिकारी और अनुबंध कर्मचारी के श्रेणीयों के लिए है. प्रथम चरण में माइनिंग इंजीनियरों और प्लांट इंजीनियरों को नोवामुंडी माइंस के कुछ प्रमुख सेक्शनों में तैनात किया गया है और आने वाले समय में इसे सभी क्षेत्रों में बढ़ाने की योजना है. इस नई पहल में खान सुरक्षा महानिदेशालय द्वारा निर्धारित सभी मापदंडों का पालन कंपनी कर रही है. काम के दौरान महिलाओं की सुरक्षा, मेडिकल और अन्य जरूरत की चीजों के लिए पूरी व्यवस्था की गई है.

1 सितंबर से नई पहल की शुरुआत
वहीं, सौ साल से कंपनी के साथ हर कदम पर साथ देने वाली पुरानी टाटा स्टील वर्कर्स के यूनियन ने भी इस फैसले को ऐतिहासिक बताया है. यूनियन के सहायक सचिव डीके उपाध्याय ने बताया कि महिला सशक्तिरण की दिशा में देश में किसी इंडस्ट्री के लिए यह अहम निर्णय है. इससे महिलाओं को बल मिलेगा और रोजगार के क्षेत्र में महिलाओं की नई भागीदारी बढ़ेगी.

जमशेदपुर: देश की सौ साल पुरानी टाटा स्टील के नोवामुंडी आयरन माइंस सभी शिफ्टों में महिलाओं को तैनात करने वाली देश की पहली कंपनी बन गई है. टाटा वर्कर्स यूनियन के अधिकारी ने बताया कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में टाटा ग्रुप ने एक नया इतिहास रचा है. इससे महिलाओं को रोजगार के साथ-साथ आत्मविश्वास भी बढ़ेगा.

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तीनों शिफ्ट में अब महिलाएं करेंगी काम
आजादी के पहले औधोगिक क्रांति लाने वाले जमशेदजी टाटा द्वारा स्थापित सौ साल पुरानी टाटा स्टील कंपनी अपने खान में काम करने के लिए महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करते हुए एक नया इतिहास रच दिया है. इस खान में तीनों शिफ्ट में अब महिलाएं काम करेंगी. इसके लिए खान अधिनियम के तहत केंद्र सरकार से टाटा ग्रुप को हरी झंडी मिलने के बाद यह फैसला लिया गया है.

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महिलाओं की तैनाती
बता दें कि वर्तमान में महिलाओं की तैनाती अधिकारी, गैर-अधिकारी और अनुबंध कर्मचारी के श्रेणीयों के लिए है. प्रथम चरण में माइनिंग इंजीनियरों और प्लांट इंजीनियरों को नोवामुंडी माइंस के कुछ प्रमुख सेक्शनों में तैनात किया गया है और आने वाले समय में इसे सभी क्षेत्रों में बढ़ाने की योजना है. इस नई पहल में खान सुरक्षा महानिदेशालय द्वारा निर्धारित सभी मापदंडों का पालन कंपनी कर रही है. काम के दौरान महिलाओं की सुरक्षा, मेडिकल और अन्य जरूरत की चीजों के लिए पूरी व्यवस्था की गई है.

1 सितंबर से नई पहल की शुरुआत
वहीं, सौ साल से कंपनी के साथ हर कदम पर साथ देने वाली पुरानी टाटा स्टील वर्कर्स के यूनियन ने भी इस फैसले को ऐतिहासिक बताया है. यूनियन के सहायक सचिव डीके उपाध्याय ने बताया कि महिला सशक्तिरण की दिशा में देश में किसी इंडस्ट्री के लिए यह अहम निर्णय है. इससे महिलाओं को बल मिलेगा और रोजगार के क्षेत्र में महिलाओं की नई भागीदारी बढ़ेगी.

Intro:जमशेदपुर।

देश की सौ साल पुरानी टाटा स्टील के खान नोवामुंडी आयरन माइंस में सभी शिफ्टों में महिलाओं को तैनात करने वाली देश की पहली कम्पनी बन गयी है।टाटा वर्कर्स यूनियन के अधिकारी ने बताया है कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में टाटा ग्रुप ने एक नया इतिहास रचा है इससे महिलाओं को रोजगार के साथ आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।


Body:आज़ादी के पहले औधोगिक क्रांति लाने वाले जमशेतजी टाटा द्वारा स्थापित सौ साल पुरानी कंपनी टाटा स्टील कंपनी नोवामुंडी में स्थित अपने खान में काम करने के लिए महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करते हुए एक नया इतिहास रच दिया है।
नोवामुंडी स्थित खान में अब तीनों शिफ्ट में महिलाये काम करेगी ।इसके लिए खान अधिनियम के तहत केंद्र सरकार क़से टाटा ग्रुप को हरी झंडी मिलने के बाद यह फैसला कंपनी ने लिया है।
वर्तमान में महिलाओं की तैनाती अधिकारियों गैर अधिकारियों और अनुबंध कर्मचारी श्रेणीयों के लिए है।
प्रथम चरण में माइनिंग इंजीनियरिंग और प्लांट इंजीनियरों को नोवामुंडी माइंस के कुछ खास प्रमुख सेक्शनों में तैनात किया गया है आने वाले समय में सभी क्षेत्रों में बढ़ाने की योजना है।
इस नई पहल में खान सुरक्षा महानिदेशालय द्वारा निर्धारित सभी मापदंडों का पालन कंपनी कर रही है।काम के दौरान महिलाओं की सुरक्षा ,मेडिकल और अन्य जरूरत की चीजों के लिए पूरी व्यवस्था की गई है ।
1 सितंबर से इस नई पहल की शुरुआत की गई है।

वहीं सौ साल से कंपनी के साथ हर कदम पर साथ देने वाली सौ साल पुरानी टाटा स्टील वर्कर्स यूनियन भी इस फैसले को एतिहासिक बताया है ।यूनियन के सहायक सचिव डी के उपाध्याय ने बताया है कि महिला सशक्तिरण की दिशा में देश में किसी इंडस्ट्री के लिए यह अहम निर्णय है इससे महिलाओं को बल मिलेगा और रोजगार के क्षेत्र में महिलाओं की नई भागीदारी बढ़ी है।

बाईट डी के उपाध्याय सहायक सचिव टाटा वर्कर्स यूनियन।


Conclusion:बहरहाल स्टील निर्माण के साथ मज़बूत इरादों वाले फैसले से टाटा स्टील एक बार फिर देश मे नया कीर्तिमान स्थापित किया है ।
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