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टाटा मोटर्स में मंदी का असर, अक्टूबर महीने में तीसरी बार ब्लॉक क्लोजर, 18,19 अक्टूबर को नहीं होग प्रोडक्शन

जमशेदपुर में एक बार फिर टाटा मोटर्स ने 18 और 19 अक्टूबर को ब्लॉक क्लोजर की घोषणा की है. दरअसल, ऑटोमोबाइल सेक्टर में छाई मंदी के कारण टाटा मोटर्स पर बुरा असर हुआ है. गाड़ियों के कम उत्पाद से कंपनी को यह कदम उठाना पड़ रहा.

टाटा मोटर्स कंपनी ने किया 2 दिन ब्लॉक क्लोजर का ऐलान
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Published : Oct 17, 2019, 1:50 PM IST

जमशेदपुरः ऑटोमोबाइल सेक्टर में छाई मंदी की मार का टाटा मोटर्स पर खासा असर पड़ा है. एक बार फिर टाटा मोटर्स में 18 और 19 अक्टूबर को ब्लॉक क्लोजर की घोषणा की गई है. जबकि 20 अक्टूबर को रविवार होने से साप्ताहिक छुट्टी रहेगी. 21 अक्टूबर से कंपनी में काम शूरु होगा. कम वाहनों के डिमांड आने से बार-बार ब्लॉक क्लोजर किया जा रहा है. टाटा मोटर्स में औसतन हर दिन 5000 गाड़ियां बनती थी, जबकि अब 2000 गाड़ियों का वर्क आर्डर ही आ रहा है.

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टाटा मोटर्स को मांग में आई कमी की वजह से बार-बार क्लोजर लेना पड़ रहा है. हर साल टाटा कंपनी प्रति महीने कभी 15 हजार से ज्यादा गाड़ियां बनाती थी. टाटा मोटर्स में अक्टूबर महीने में तीसरी बार ब्लॉक क्लोजर की गई है. इस क्लोजर के दौरान कर्मचारियों के पर्सनल लीव का 50% हिस्सा कंपनी की और से काटा जाएगा. टाटा मोटर्स के लिए टाटा कमिंस इंजन बनाती है. जिससे अस्थायी मजदूरों के भविष्य पर संकट भी मंडराने लगा है.

जमशेदपुरः ऑटोमोबाइल सेक्टर में छाई मंदी की मार का टाटा मोटर्स पर खासा असर पड़ा है. एक बार फिर टाटा मोटर्स में 18 और 19 अक्टूबर को ब्लॉक क्लोजर की घोषणा की गई है. जबकि 20 अक्टूबर को रविवार होने से साप्ताहिक छुट्टी रहेगी. 21 अक्टूबर से कंपनी में काम शूरु होगा. कम वाहनों के डिमांड आने से बार-बार ब्लॉक क्लोजर किया जा रहा है. टाटा मोटर्स में औसतन हर दिन 5000 गाड़ियां बनती थी, जबकि अब 2000 गाड़ियों का वर्क आर्डर ही आ रहा है.

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टाटा मोटर्स को मांग में आई कमी की वजह से बार-बार क्लोजर लेना पड़ रहा है. हर साल टाटा कंपनी प्रति महीने कभी 15 हजार से ज्यादा गाड़ियां बनाती थी. टाटा मोटर्स में अक्टूबर महीने में तीसरी बार ब्लॉक क्लोजर की गई है. इस क्लोजर के दौरान कर्मचारियों के पर्सनल लीव का 50% हिस्सा कंपनी की और से काटा जाएगा. टाटा मोटर्स के लिए टाटा कमिंस इंजन बनाती है. जिससे अस्थायी मजदूरों के भविष्य पर संकट भी मंडराने लगा है.

Intro:एंकर-- ऑटोमोबाइल सेक्टर में छाई मंदी की मार का टाटा मोटर्स पर बुरा असर पड़ा है। एक बार फिर टाटा मोटर्स में 18 और 19 अकटुबर को ब्लॉक क्लोजर की घोषणा की गई है.20 अकटुबर को रविवार होने के कारण सार्वजनिक अवकाश रहेगा.21 अकटुबर को फिर से टाटा मोटर्स खुलेगी.टाटा मोटर्स में इस वक़्त कम वाहनों के डिमांड आने से बार-बार ब्लॉक क्लोज़र किया जा रहा है.टाटा मोटर्स में औसतन हर दिन पाँच हज़ार गाड़ियाँ बनती थी.जबकि दो हज़ार गाड़ियों का वर्क आर्डर आ रहा है।


Body:वीओ1--टाटा मोटर्स के उत्पादन में आई कमी के बाद कंपनी को बार-बार क्लोजर लेना पड़ रहा है।साल-दरसाल टाटा कम्पनी प्रति महीने कभी पंद्रह हजार से ज्यादा गाड़ियाँ बनाती थी.टाटा मोटर्स में अगस्त महीने में तीसरी बार ब्लॉक क्लोजर की गई है.इस क्लोजर के दौरान कर्मचारियों का पर्सनल लिव का पचास फीसदी हिस्सा कंपनी की और से काटा जाएगा.टाटा मोटर्स के लिए टाटा कमिंस इंजन बनाता है.हालांकि अस्थायी मजदूरों के भविष्य का संकट भी मंडराने लगा है.
पाँच स छः सालों के अंतराल में छोटी-मोटी मंदी आती है.चार दिन के ब्लॉक क्लोजर में कम्पनी दो दिनों का पैसा देती है.और दो दिनों की छुट्टी काटती है.इसमें आधे तौर पर कम्पनी व मजदूरों को इसका वहन करना पड़ता है.


Conclusion:
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