चाईबासा: जिले के कई हिस्सों में रविवार की शाम से लगातार रुक-रुक कर बारिश से किसान काफी खुश हैं. जिले के आसपास क्षेत्रों में भी करीब 22 घंटे तक लगातार बारिश हुई है. जिससे खेत-टांड पानी से लबालब भर चुका है.
धान की अच्छी फसल हो सकती है
इलाके में रुक-रुक हो रही बारिश को देखते हुए कई किसान अपने खेतों की मेढ़ बांधने में जुट गए, तो कई किसानों ने खेतों में ट्रैक्टर से जुताई कर रोपनी की ताकि खेतों में धान रोपने का काम इसी महीने के अंदर पूरा किया जा सके. धान की रोपाई होने पर धान की अच्छी फसल हो सकती है.
26 अगस्त तक सामान्य बारिश
बता दें कि इस महीने के 26 अगस्त तक जिले में सामान्य वर्षापात 334.1 मिमी हुई है. जो किसानों के लिए पर्याप्त है. वहीं, जिले में आच्छादन की बात करें तो अब तक चिट्टा विधि से1 लाख 33 हजार 375 हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती हो रही है. जबकि रोपा विधि से 8 हजार 521 हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती हुई है. जिले में 1 लाख 86 हजार हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती करने का लक्ष्य है, लेकिन अब तक 1 लाख 41 हजार 896 हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती हो सकी है.
मझगांव में 164.6 मिमी बारिश
जिले के सोनुआ और सबसे कम मझगांव में बारिश हुई है. विभागीय आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा सोनुआ प्रखंड में 528.4 मिमी बारिश हुई है. जबकि सबसे कम मझगांव में 164.6 मिमी बारिश हुई है.
जिले में 65% हुई बारिश
जिला कृषि पदाधिकारी राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि खेतों की मिट्टी में नमी है और अब तक जिले के किसान अपने खेतों में बुआई कर सकते हैं. जिले में अब तक 65% बारिश हुई है जिससे किसान धान मक्का और अरहर की खेती कर सकते हैं. वहीं, उन्होंने बदलते हुए मौसम की वजह से किसानों को दलहन और तिलहन की खेती पर जोर देकर खेती करने को सुझाव दिया है. जिसे कम बारिश होने वाले क्षेत्रों के किसान भी दलहन और तिलहन की खेती कर अच्छी फसल तैयार कर सकते हैं.
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फाइलों में ही सिमटी योजनाएं
लोगों का कहना है कि सरकार ने किसानों की समस्याओं को देखते हुए किसान बीमा योजना भी लॉन्च की है, लेकिन सारी योजनाएं फाइलों में ही सिमट कर रह गई है और लोगों को सरकार की इन वादों से भरोसा उठ चुका है. वहीं, कृषि विभाग को भी बिन मौसम से होने वाली समस्याओं पूरी तरह से अवगत है. जब मुआवजा देने की बात आती है तो सरकारी बाबू मुंह फेर लेते हैं.