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चाईबासा में झमाझम बारिश ने किसानों के चेहरे पर लाई खुशी, धान की अच्छी फसल की उम्मीद

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Published : Aug 27, 2019, 12:30 PM IST

Updated : Aug 27, 2019, 3:05 PM IST

चाईबासा में झामाझम बारिश से जिले के किसान काफी खुश नजर आ रहे हैं. बारिश के दौरान ही किसान अपने अपने खेतों में मेढ़ बाधने और धान की बुआई करने में लग गए. उनका मानना है कि अच्छी बारिश होने से धान की अच्छा फसल हो सकती है.

झमाझम बारिश से किसान खुश

चाईबासा: जिले के कई हिस्सों में रविवार की शाम से लगातार रुक-रुक कर बारिश से किसान काफी खुश हैं. जिले के आसपास क्षेत्रों में भी करीब 22 घंटे तक लगातार बारिश हुई है. जिससे खेत-टांड पानी से लबालब भर चुका है.

देखें पूरी खबर

धान की अच्छी फसल हो सकती है
इलाके में रुक-रुक हो रही बारिश को देखते हुए कई किसान अपने खेतों की मेढ़ बांधने में जुट गए, तो कई किसानों ने खेतों में ट्रैक्टर से जुताई कर रोपनी की ताकि खेतों में धान रोपने का काम इसी महीने के अंदर पूरा किया जा सके. धान की रोपाई होने पर धान की अच्छी फसल हो सकती है.

26 अगस्त तक सामान्य बारिश
बता दें कि इस महीने के 26 अगस्त तक जिले में सामान्य वर्षापात 334.1 मिमी हुई है. जो किसानों के लिए पर्याप्त है. वहीं, जिले में आच्छादन की बात करें तो अब तक चिट्टा विधि से1 लाख 33 हजार 375 हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती हो रही है. जबकि रोपा विधि से 8 हजार 521 हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती हुई है. जिले में 1 लाख 86 हजार हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती करने का लक्ष्य है, लेकिन अब तक 1 लाख 41 हजार 896 हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती हो सकी है.

मझगांव में 164.6 मिमी बारिश
जिले के सोनुआ और सबसे कम मझगांव में बारिश हुई है. विभागीय आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा सोनुआ प्रखंड में 528.4 मिमी बारिश हुई है. जबकि सबसे कम मझगांव में 164.6 मिमी बारिश हुई है.

जिले में 65% हुई बारिश
जिला कृषि पदाधिकारी राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि खेतों की मिट्टी में नमी है और अब तक जिले के किसान अपने खेतों में बुआई कर सकते हैं. जिले में अब तक 65% बारिश हुई है जिससे किसान धान मक्का और अरहर की खेती कर सकते हैं. वहीं, उन्होंने बदलते हुए मौसम की वजह से किसानों को दलहन और तिलहन की खेती पर जोर देकर खेती करने को सुझाव दिया है. जिसे कम बारिश होने वाले क्षेत्रों के किसान भी दलहन और तिलहन की खेती कर अच्छी फसल तैयार कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें- ननकाना साहिब से निकली गुरु शबद यात्रा पहुंची धनबाद, सिख समुदाय ने किया भव्य स्वागत

फाइलों में ही सिमटी योजनाएं
लोगों का कहना है कि सरकार ने किसानों की समस्याओं को देखते हुए किसान बीमा योजना भी लॉन्च की है, लेकिन सारी योजनाएं फाइलों में ही सिमट कर रह गई है और लोगों को सरकार की इन वादों से भरोसा उठ चुका है. वहीं, कृषि विभाग को भी बिन मौसम से होने वाली समस्याओं पूरी तरह से अवगत है. जब मुआवजा देने की बात आती है तो सरकारी बाबू मुंह फेर लेते हैं.

चाईबासा: जिले के कई हिस्सों में रविवार की शाम से लगातार रुक-रुक कर बारिश से किसान काफी खुश हैं. जिले के आसपास क्षेत्रों में भी करीब 22 घंटे तक लगातार बारिश हुई है. जिससे खेत-टांड पानी से लबालब भर चुका है.

देखें पूरी खबर

धान की अच्छी फसल हो सकती है
इलाके में रुक-रुक हो रही बारिश को देखते हुए कई किसान अपने खेतों की मेढ़ बांधने में जुट गए, तो कई किसानों ने खेतों में ट्रैक्टर से जुताई कर रोपनी की ताकि खेतों में धान रोपने का काम इसी महीने के अंदर पूरा किया जा सके. धान की रोपाई होने पर धान की अच्छी फसल हो सकती है.

26 अगस्त तक सामान्य बारिश
बता दें कि इस महीने के 26 अगस्त तक जिले में सामान्य वर्षापात 334.1 मिमी हुई है. जो किसानों के लिए पर्याप्त है. वहीं, जिले में आच्छादन की बात करें तो अब तक चिट्टा विधि से1 लाख 33 हजार 375 हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती हो रही है. जबकि रोपा विधि से 8 हजार 521 हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती हुई है. जिले में 1 लाख 86 हजार हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती करने का लक्ष्य है, लेकिन अब तक 1 लाख 41 हजार 896 हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती हो सकी है.

मझगांव में 164.6 मिमी बारिश
जिले के सोनुआ और सबसे कम मझगांव में बारिश हुई है. विभागीय आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा सोनुआ प्रखंड में 528.4 मिमी बारिश हुई है. जबकि सबसे कम मझगांव में 164.6 मिमी बारिश हुई है.

जिले में 65% हुई बारिश
जिला कृषि पदाधिकारी राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि खेतों की मिट्टी में नमी है और अब तक जिले के किसान अपने खेतों में बुआई कर सकते हैं. जिले में अब तक 65% बारिश हुई है जिससे किसान धान मक्का और अरहर की खेती कर सकते हैं. वहीं, उन्होंने बदलते हुए मौसम की वजह से किसानों को दलहन और तिलहन की खेती पर जोर देकर खेती करने को सुझाव दिया है. जिसे कम बारिश होने वाले क्षेत्रों के किसान भी दलहन और तिलहन की खेती कर अच्छी फसल तैयार कर सकते हैं.

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फाइलों में ही सिमटी योजनाएं
लोगों का कहना है कि सरकार ने किसानों की समस्याओं को देखते हुए किसान बीमा योजना भी लॉन्च की है, लेकिन सारी योजनाएं फाइलों में ही सिमट कर रह गई है और लोगों को सरकार की इन वादों से भरोसा उठ चुका है. वहीं, कृषि विभाग को भी बिन मौसम से होने वाली समस्याओं पूरी तरह से अवगत है. जब मुआवजा देने की बात आती है तो सरकारी बाबू मुंह फेर लेते हैं.

Intro:चाईबासा। पश्चिम सिंहभूम जिला झारखंड राज्य का आदिवासी बहुल जिला है यहां रहने वाले शत प्रतिशत लोग आदिवासी एवं अन्य जाति समुदाय के लोग खेती से जुड़े हुए जाने जाते हैं। साल भर में एक बार होने वाली धान की खेती ही इनकी सालो भर जीवकोपार्जन का एक मात्र साधन है। जिले के कई हिस्सों में रविवार की शाम से लगातार सोमवार की दोपहर तक रुक-रुक कर झमाझम बारिश होती रही. जिले के आसपास क्षेत्र में करीब 22 घंटे तक लगातार बारिश हुई है। जिससे खेत-टांड पानी से लबालब भर चुका है। लंबे समय के बाद झमाझम बारिश देख जिले के किसान खुश है।






Body:क्षेत्र में रुक रुक लगातार हो रही बारिश से इस दौरान ज्यादातर लोग अपने घरों में रहकर ही बारिश की बूंदों को देखते रहे बारिश देख कई किसान अपने खेतों में मेड़ बांधने में जुट गए तो कई किसानों ने खेतों में ट्रैक्टर से जुताई कर रोपनी में जुट गए। ताकि खेतों में धान रोकने का काम इसी माह के भीतर पूरा किया जा सके। इसी माह तक धान की रोपाई होने पर धान की अच्छी फसल हो सकती है।

बता दें कि इस माह 26 अगस्त तक जिले में सामान्य वर्षापात 334.1 मिमी हुई है या किसानों के लिए पर्याप्त है वहीं जिले में आच्छादन की बात करें तो अब तक चिट्टा विधि से133375.00 हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती हो रही है जबकि रोपा विधि से8521.00 हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती हुई है। जिले में 186000.00 हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती करने का लक्ष्य है परंतु अब तक 141896.00 हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती हो सकी है।

जिले के सोनुआ एवं सबसे कम मझगांव में बारिश हुई है। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा सोनुआ प्रखंड में 528.4मिमी बारिश हुई है। जबकि सबसे कम मझगांव में 164.6 मिमी बारिश हुई है।

जिला कृषि पदाधिकारी राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि खेतों की मिट्टी में नमी है और अब तक जिले के किसान अपने खेतों में बुवाई कर सकते हैं जिले में अब तक 65% बारिश हुई है जिससे किसान धान मक्का और अरहर की खेती कर सकते हैं। वहीं उन्होंने बदलते हुए मौसम की वजह से किसानों को दलहन और तिलहन की खेती पर जोर देकर खेती करने को सुझाव दिया है। जिसे कम बारिश होने वाले क्षेत्रों के किसान भी दलहन और तिलहन की खेती कर अच्छी फसल तैयार कर सकते हैं।







Conclusion:सरकार ने किसानों की समस्याओं को देखते हुए किसान बीमा योजना भी लॉन्च किया है लेकिन सारी योजनाएं फाइलों में ही सिमट कर रह गई है और लोगों को सरकार की इन वादों से भरोसा उठ चुका है वहीं कृषि विभाग को भी बिन मौसम से होने वाली समस्याओं पूरी तरह से अवगत है। लेकिन जब मुआवजा देने की बात आती है तो सरकारी बाबू अपने आप पर आ जाते हैं।
Last Updated : Aug 27, 2019, 3:05 PM IST
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