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सरयू के रघुवर पर तीखे स्वर, 2005 के मेनहार्ट मामले में सीएम को कटघरे में किया खड़ा

भाजपा के बागी नेता और जमशेदपुर पूर्वी से निर्दलीय प्रत्याशी सरयू राय ने झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास पर हमला किया है. सरयू ने वर्ष 2005 मे मेनहार्ट मामले में तत्कालीन वित्त मंत्री और नगर विकास मंत्री रघुवर दास को कटघरे में खड़ा किया.

सरयू राय
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Published : Nov 25, 2019, 9:43 PM IST

जमशेदपुरः जमशेदपुर पूर्वी से चूनाव लड़ रहे निर्दलीय प्रत्याशी सरयू राय ने मुख्यमंत्री रघुवर दास पर हमला शुरू कर दिया है. लौहनगरी में सोमवार को अपने आवास पर संवाददाता सम्मेलन कर सरयू राय ने भष्ट्राचार के मामले का उजागर करना शुरू कर दिया है.

देखें पूरी खबर

सरयू राय ने बताया कि वर्ष 2005 में मेनहार्ट परामर्शी की नियुक्ति में तत्कालीन वित्त मंत्री एवं नगर विकास मंत्री रघुवर दास को पांच अभियंता प्रमुखों की कमिटी और उसके बाद निगरानी की तकनीकी समिति ने दोषी ठहराया था. लेकिन अभी तक इस मामले मे किसी पर कार्रवाई नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि किसी भी मंत्री और सीएम पर इससे गहरा दाग और क्या हो सकता है?

उन्होंने इस मामले में एक कहावत कहते हुए कहा कि लम्हों ने खता की सदियों ने सजा पाई वाली कहावत इस मामले में भी सही ठहराती है. उन्होंने कहा कि रघुवर दास ने नगर विकास मंत्री रहते हुए मेनहार्ट को परामर्शी नियुक्त कर जो खता जो 2005 में की है उसकी सजा राजधानी रांची की करीब 20 लाख जनता भुगत रही है.

जमशेदपुरः जमशेदपुर पूर्वी से चूनाव लड़ रहे निर्दलीय प्रत्याशी सरयू राय ने मुख्यमंत्री रघुवर दास पर हमला शुरू कर दिया है. लौहनगरी में सोमवार को अपने आवास पर संवाददाता सम्मेलन कर सरयू राय ने भष्ट्राचार के मामले का उजागर करना शुरू कर दिया है.

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सरयू राय ने बताया कि वर्ष 2005 में मेनहार्ट परामर्शी की नियुक्ति में तत्कालीन वित्त मंत्री एवं नगर विकास मंत्री रघुवर दास को पांच अभियंता प्रमुखों की कमिटी और उसके बाद निगरानी की तकनीकी समिति ने दोषी ठहराया था. लेकिन अभी तक इस मामले मे किसी पर कार्रवाई नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि किसी भी मंत्री और सीएम पर इससे गहरा दाग और क्या हो सकता है?

उन्होंने इस मामले में एक कहावत कहते हुए कहा कि लम्हों ने खता की सदियों ने सजा पाई वाली कहावत इस मामले में भी सही ठहराती है. उन्होंने कहा कि रघुवर दास ने नगर विकास मंत्री रहते हुए मेनहार्ट को परामर्शी नियुक्त कर जो खता जो 2005 में की है उसकी सजा राजधानी रांची की करीब 20 लाख जनता भुगत रही है.

Intro:जमशेदपुर । जमशेदपुर (पूर्वी) से चूनाव लङ रहे न निर्दलीय प्रत्याशी सरयू राय ने मुख्यमंत्री रघुवर दास पर हमला शुरू कर दिया है। जमशेदपुर मे आज अपने आवास मे संवाददाता सम्मेलन कर सरयू राय ने भष्ट्राचार के मामले का उजागर करना शुरू कर दिया हैं ।उन्होने आज वर्ष 2005 मे मेनहार्ट परामर्श की नियुक्ति में तत्कालीन वित्त मंत्री एवं नगर विकास मंत्री रघुवर दास को पांच अभियंता प्रमुखों की कमिटी और उसके बाद निगरानी की तकनीकी समिति द्वारा दोषी ठहराया गया।लेकिन अभी तक इस मामले मे किसी पर कार्रवाई नहीं हुई है।उन्होने कहा कि किसी भी मंत्री और सी एम पर इससे गहरा दाग और क्या हो सकता हैं ।
उन्होंने इस मामले में एक कहावत कहते हुए कहा कि लम्हों ने खता की -सदियों ने सजा पाई वाली कहावत इस मामले में भी सही ठहराती है।: उन्होंने कहा कि रघुवर दास ने नगर विकास मंत्री रहते हुए मेनहार्ट को परामर्शी नियुक्त कर जो खता जो 2005 में की है उसकी सजा राजधानी रांची की करीब 20 लाख जनता भुगत रही है।



Body:उन्होंने कहा कि वर्ष 2003 में तत्कालीन नगर विकास मंत्री बच्चा सिंह ने रांची का सीवरेज ड्रेनेज स्कीम तैयार करने के लिए ओआरजी मार्ग को करीब तीन करोड़ में परामर्शी नियुक्त किया था। इसके प्रारंभिक प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर सरकार को दिया गया था। ताकि कोई संशोधन सरकार की तरफ से आए तो उसे शामिल कर डीपीआर जमा किया जाए।
वर्ष 2005 में रघुवर दास नगर विकास मंत्री एवं वित्त मंत्री बने तो उन्होंने ओआरजी मार्ग को बिना नोटिस दिए उनके साथ हुआ इकरारनामा को रद्द कर दिया। रांची हाई कोर्ट द्वारा नियुक्त और भी अर्बिट्रेटर में सूद सहित पैसा ओ आर जी मार्ग को देने का निर्देश दिया। उसके बाद रघुवर दास ने नया पर अमृत सी बाल करने के लिए ग्लोबल टेंडर निकाला। निविदा मूल्यांकन समिति ने बताया कि सभी निविदाकर्ता अयोग्य हैं ।
उसके बाद रघुवर दास ने अपने कार्यकाल में निविदा मूल्यांकन समिति की मीटिंग बुलाई और निविदा को रद्द करने के बदले कतिपय शर्तों को बदल कर मूल्यांकन करने को कहा गया।


Conclusion:सरयू राय ने कहा कि निविदा शर्त मे शामिल था कि निविदादाता पिछ्ले तीन साल का टर्न ओवर जमा करेगे जिसका वार्षिक औसत 40 करोड़ रूपए होना चाहिए ।मेनहार्ट ने केवल दो वर्षों की ही टर्नओवर दिया फिर भी उसे करीब 24 करोड रूपया में परामर्शी बाहर कर लिया गया। यह निर्णय तत्कालीन मंत्री स्तर पर हुआ।
उन्होंने कहा कि उस समय इस मामले को विपक्ष ने विधानसभा में उठाया मेरे सभापति में तीन सदस्यों की समिति बनी समिति में मेनहार्ट को आयोग करार दिया और इसे नियुक्त करने के लिए दोषियों पर कार्रवाई करने की अनुशंसा की ।उस वक्त रघुवर दास ने विधानसभा अध्यक्ष को दो बार पत्र लिखकर कोशिश की कि समिति की जांच पूरी नहीं हो।
उन्होंने कहा कि यह मामला बाद में रांची उच्च न्यायालय में गया उच्च न्यायालय के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश ने आदेश दिया कि प्रार्थी निगरानी आयुक्त के यहां जाए। अधिक गड़बड़ी हुई तो नियमानुसार कार्रवाई करें।
उन्होंने कहा कि पार्टी ने निगरानी आयुक्त के यहां आरोप पत्र प्रस्तुत किया निगरानी के तकनीकी को शाह ने इसकी जांच की और पाया की मेन हार्ट की नियुक्ति गलत है। इसमें निविदा प्रकाशन से निविदा निष्पादन तक में त्रुटि हुई है।
इसके साथ ही राज्य के पांच अभियंता प्रमुखों की एक समिति ने सरकार के आदेश पर इसकी जांच की। पांचों ने रिपोर्ट दी कि मैन हॉट आयोग था और परामर्श इन युद्ध करने में भूल हुई है।
उन्होंने कहा कि 3 करोड़ की जगह ₹24 करो ङ के खर्च पर मेन हाट को परामर्शी नियुक्त करने विधानसभा समिति 5 अभियंता प्रमुख और निगरानी के तकनीकी कोषांग द्वारा जांच में परामर्श की नियुक्ति अवैध सिद्ध होने के जाने के बाद भी कोई कार्रवाई होने के बाद भी यदि मुख्यमंत्री यह कहतेहै कि वह बेदाग हैं तो दाग कि उनकी अपनी परिभाषा हो सकती है।
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