जमशेदपुर: सोशल मीडिया पर एक आदिवासी महिला द्वारा घास की सब्जी खाने का वीडियो वायरल हुआ था. जिसके बाद लोगों में ये वीडियो चर्चा का विषय बन गया. ईटीवी भारत की टीम ने वायरल वीडियो के पड़ताल के लिए महिला के घर पहुंची और जमीनी हकीकत क्या है. इसकी पड़ताल की.
घास की सब्जी नहीं बल्कि साग खा रही थी महिला
आदिवासी महिला अनिता मुंडरी ने कहा कि वो घास की सब्जी नहीं खा रही थी बल्कि साग खा रही थी. आदिवासी में उस साग को बर साग कहते हैं. अनिता मुंडरी ने बताया कि समझने वाले ने गलत समझ लिया है.
क्या है पूरा मामला?
महिला अनिता मुंडरी बागबेड़ा थाना क्षेत्र में सोमायझोपड़ी की रहने वाली है. उसका पति ठेकेदारी में काम करता है इन दिनों लॉकडाउन होने से वो घर पर है. ईटीवी भारत की टीम जब महिला से घास की सब्जी खाने की जानकारी ली तो आदिवासी महिला ने बताया है कि वो जिस साग की सब्जी खा रही थी और अपने बच्चे को खिला रही थी वो घास नहीं बर साग है. जो नदी तालाब के किनारे पाया जाता है. जिसे हम पहले से खाते आ रहे हैं. वहीं, महिला से जब पूछा गया कि वीडियो में घास की सब्जी खाने की बात बताई जा रही है. महिला ने बताया कि समझने वाले ने गलत समझा है.
जानिए इस ममाले पर उपायुक्त ने क्या कहा?
पूर्वी सिंहभूम के जिला उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला से इस मामले में जब फोन पर पूछा गया तो उन्होंने बताया कि ऐसी कोई जानकारी उन्हें नहीं है. उन्होंने इसकी जांच कराने की बात कही और महिला को अनाज मुहैया कराने की बात कही है.
समाज सेवी ने लोगों के बीच बांटा राशन
इस बीच ईटीवी भारत की पहल पर महिला और उसके आस-पास रहने वाले गरीब परिवार को समाज सेवी प्रोफेसर ने एक हफ्ते का अनाज लोगों के बीच बांटा. प्रोफेसर पारस मिश्रा ने बताया है कि वर्तमान हालात में नैतिक मूल्यों का पालन करते हुए समाज के सभी लोगों को कदम बढ़ाने की जरूरत है.